क्रूरता में ‘चंगेज़ ख़ान’ से भी आगे था ये शासक, ज़िंदा लोगों को चुनवा कर मीनार बनवा डाली थी

Nripendra

विश्व का एक बड़ा इतिहास उन राजा-महाराजा व शासकों के नाम दर्ज है जिन्होंने अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए कई लड़ाइयां लड़ीं और क़त्लेआम मचाया. इनमें कुछ ऐसे भी शासक हुए जो अपनी क्रूरता के लिए जाने गए. जैसे चंगेज़ ख़ान. लेकिन, इतिहास में एक ऐसा भी शासक हुआ जो क्रूरता के मामल में चंगेज़ ख़ान से भी आगे था. उसका नाम था तैमूर लंग. इतिहास के कई पन्ने तैमूर के ज़ुल्म की कहानियों से भरे पड़े हैं. आइये, आपको बताते हैं कि कितना क्रूर था ये शासक. साथ में जानिए इससे जुड़ी और भी हैरान कर देने वाली बातें. 

एक मामूली चोर था तैमूर

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बीबीसी के अनुसार, तैमूर लंग का जन्म समरकंद में 1336 को हुआ था, जो अब उज़्बेकिस्तान के नाम से जाना जाता है. तैमूर के बारे में कहा जाता है कि वो एक सामान्य परिवार से संबंध रखता था. वहीं, उसके बारे में ये भी कहा जाता है कि वो एक मामूली चोर था, जो मध्य एशिया के पहाड़ों और मैदानों में भेड़ों की चोरी किया करता था.   

एक बड़ा सपना

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कहा जाता है कि तैमूर लंग ने एक बड़ा सपना देखा था. वो अपने पूर्वज चंगेज़ ख़ान की तरह ही पूरे एशिया और यूरोप को अपने कब्ज़े में करना चाहता था. लेकिन, इतिहासकार मानते हैं कि जहां एक ओर चंगेज़ ख़ान पूरे विश्व को एक साम्राज्य में बांधना चाहता था, वहीं दूसरी ओर तैमूर लंग लोगों पर धौंस जमाना चाहता था. वहीं, कहा जाता है कि जहां एक ओर चंगेज़ ख़ान के सिपाहियों को खुली लूटपाट की मनाही थी, वहीं तैमूर लंग के सिपाहियों के लिए लूटपाट और ख़ून-ख़राबा करना मामूली बात थी.  

बेहतरीन सेना का निर्माण

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तैमूर किसी राजपरिवार से संबंध नहीं रखता था और न ही उसके पास सिकंदर या चंगेज़ ख़ान की तरह सिपाही थे. लेकिन, उसके बारे में कहा जाता है कि उसने झगड़ालू लोगों की मदद से एक ख़तरनाक सेना का निर्माण कर लिया था, जो अपने आप में एक चौंकाने वाली बात है. उसके बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि वो कई मायनों में सिकंदर और चंगेज़ ख़ान से भी आगे थे.  

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विकलांगता से ग्रसित

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आपको जानकर हैरानी होगी कि तैमूर लंग विकलांगता से ग्रसित था, जिससे वो पार पा न सका. दरअसल, कहा जाता है उसका नाम बचपन में तैमूर रखा गया था, जिसका मतलब होता है लोहा. वहीं, युवावस्था के दौरान एक हादसे में तैमूर के शरीर का दाहिना भाग बुरी तरह घायल हो गया था. इस हादसे के बाद वो पूरी तरह विकलांग हो गया था. बाद में लोग उसे मज़ाक-मज़ाक में फारसी में तैमूर-ए-लंग (तैमूर लंगड़ा) कहने लगे. फिर नाम बिगड़ते-बिगड़ते तैमूर लंग हो गया. हालांकि, उसकी विकलांगता उसकी कमज़ोरी नहीं बनी. माना जाता है कि वो एक हाथ से तलवार चलाने में सक्षम था. साथ ही घुड़सवारी और तीरंदाज़ी भी कर सकता था. 

एक ख़ूनी योद्धा

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इतिहास में तैमूर लंग को एक ख़ूनी योद्धा के रूप में जाना जाता है. उसने 14वीं शताब्दी में कई देशों को अपने कब्ज़े में ले लिया था. वहीं, तैमूर के बारे में कहा जाता है कि उसे दुश्मनों का सिर काटकर जमा करके रखने का शौक़ था.  

ज़िंदा आदमियों की मीनार

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कहा जाता है कि तैमूर जहां भी जाता था वहां लाशे बिछा देता था. वहीं, एक मीडिया रिपोर्ट की मानें, तो तैमूर लंग ने क़रीब दो हज़ार ज़िंदा लोगों की एक मीनार बनवा कर उसे ईंटों और गारे से चुनवा दिया था. इससे पता चलता है कि तैमूर लंग कितना क्रूर शासक था. हालांकि, इस तथ्य को लेकर अभी और सटीक प्रमाणों की आवश्यकता है.  

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