जानिए खाने का ज़ायका बढ़ाने वाली हींग कैसे बनती है और कैसे ये भारतीय व्यंजनों का हिस्सा बनी

Nripendra

How Hing came to India in Hindi: खाने का ज़ायका बढ़ाने में मसालों का अहम योगदान होता है, इसलिए भारत सहित विश्व के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरह के मसालों का इस्तेमाल होता है ख़ासकर नॉन वेज व्यंजन में. भारत में इस्तेमाल होने वाले कई मसाले ऐसे हैं जो विश्व के अलग हिस्सों से देश में आए. इनमें एक ख़ास मसाला हींग भी है. वैसे तो भारत लंबे समय से हींग का इस्तेमाल कर रहा है, लेकिन देश में इसका उत्पाद बहुत बाद में हुआ. 

आइये, इस कड़ी में विस्तार से जानते हैं हींग का उत्पादन (History of Hing in Hindi) कैसे होता है और ये भारत का हिस्सा कैसे बनी. 

हींग क्या है और हींग का उत्पादन कैसे होता है? What is Hing in Hindi

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How Hing Produced in Hindi: बहुतों को इस विषय में जानकारी नहीं होगी कि हींग Ferula assa-foetida (Hing in English) नाम के पौधे की जड़ के रस से तैयार की जाती है. हींग बनने की प्रक्रिया थोड़ी जटील है, क्योंकि सिर्फ़ रस को इक्ट्ठा करने में काफ़ी वक़्त लगता है. वहीं, रस निकालने के बाद इसे सुखा लिया जाता है, क्योंकि कच्चे हींग की तीखी गंध होती है और इसलिये कच्चे रूप में हींग को खाने लायक नहीं माना जाता है. इसमें खाने लायक गोंद और स्टार्च को मिलाकर छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित कर फ़ाइनल रूप दिया जाता है.

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मुख्य रूप से हींग दो प्रकार की होती हैं एक काबुली हींग और दूसरी हींग सफ़ेद. काबुली हींग पानी में घुल जाती और लाल हींग तेल में घुलती है. वहीं, इसकी क़ीमत इस पर निर्भर करती है कि इसमें क्या मिलाया गया है. हींग पाउडर और पत्थर रूप में भी मिलती है. 

महंगी बिकती है हींग

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बाकी आम भारतीय मसालों की तुलना में हींग महंगी बिकती है, इसके पीछे का अहम कारण ये है कि भारत हींग आयात करता है. हींग की क़रीब 130 किस्में होती हैं, लेकिन मुख्य किस्म की पैदावार भारत में नहीं होती. भारत में कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख व पंजाब में इसकी कुछ किस्में ही उगाई जाती हैं. 

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BBC की मानें, तो हींग की खेती ठंडे और शुष्क क्षेत्र में ज़्यादा अच्छे से होती है. वहीं, हींग की कीमत इसलिये भी ज़्यादा होती है क्योंकि बीज लगाने से लेकर हींग के लिये रस प्राप्त करने में क़रीब चार से पांच साल लग जाते हैं. एक पौधे से क़रीब आधा किलो हींग निकलती है और इसमें 4 साल का वक़्त लगता है. भारत में शुद्ध हींग की क़ीमत 35 से 40 हज़ार रुपये (Cost of Hing in India) किलो है. 

भारत कहां से हींग आयात करता है? 

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From Where India Import Hing in Hindi: जानकारी के अनुसार, विश्व में उत्पादन होने वाली हींग का 40 प्रतिशत भारत में इस्तेमाल होता है. वहीं, भारत ईरान, अफ़ग़ानिस्तान, उज़्बेकिस्तान और कज़ाख़स्तान से हींग मंगवाता है. 

एक अनुमान के तौर पर भारत प्रतिवर्ष 1200 टन इन देशों से मंगवाता है, जिसके लिये 600 करोड़ रुपए ख़र्च किये जाते हैं. 

आख़िर भारत में हींग आई कहां से?  

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How Hing came to India in Hindi: चूंकि भारत में हींग का इस्तेमाल लंबे समय से होता आया है, तो ये सटीक बता पाना मुश्किल होगा कि कब और कैसे हींग भारत आयी है. वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि भारत में मुग़ल काल के दौरान हींग आयी, क्योंकि उस समय ईरान और अफ़गानिस्तान में इसका उत्पादन होता था. 

वहीं, कुछ दस्तावेज़ बताते हैं कि भारत में हींग का इस्तेमाल मुग़लों के आने से पहले से हो रहा था. संस्कृत में हींग को हींगू के नाम से जाना जाता है. 

इसके अलावा, ये भी कहा जाता है कि कुछ जनजातियां ईरान से हींग भारत लेकर (How Hing came to India in Hindi) आई थीं. ऐसा भी मानना है कि ईरान और अफ़गानिस्तान से आने वाले व्यापारियों से हींग भारत पहुंची. 

Medical Nutrition Therapy पर काम करने वाली और इतिहास की जानकार Dr Manoshi Bhattacharya के अनुसार, भारत में हींग 600 ईसा पूर्व के आसपास अफ़गानिस्तान से भारत आयी था, जिसका उल्लेख उस समय से हिन्दू और बौद्ध ग्रंथों में भी मिलता है.

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