आज़ादी से पहले के ये 7 आइकॉनिक भारतीय ब्रांड, जो आज भी देश में ‘नंबर वन’ बने हुए हैं

Maahi

भारत को सन 1947 में अंग्रेजी हुक़ूमत आज़ादी मिली थी. आज़ादी के बाद देश को कई तरह से उतार-चढ़ावों से गुज़रना पड़ा था. लेकिन आज 76 सालों बाद भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है. अंग्रेज़ी शासन के दौरान कई भारतीय व्यवसायियों ने स्वदेशी वस्तुएं बनाकर देश की जनता के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाई थी. आज़ादी से पहले लॉन्च किए गए कई भारतीय उत्पाद आज भी अस्तित्व में हैं और देश में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में मशहूर हैं.

आज हम आपको आज़ादी से पहले के कुछ ऐसे ही स्वदेशी ब्रांड्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो इस प्रतिस्पर्धी दौर में भी मज़बूती से टिके हुए हैं-

1- Taj Hotel (1903)

मुंबई के मशहूर द ताज महल पैलेस (The Taj Mahal Palace) होटल की स्थापना 16 दिसंबर, 1903 को जमशेदजी टाटा ने की थी. इसे भारतीय आर्किटेक्ट रावसाहेब वैद्य और डीएन मिर्ज़ा द्वारा डिज़ाइन किया गया था. ये आइकॉनिक होटल पिछले 120 सालों से भारत की पहचान बना हुआ है. आज ‘टाटा ग्रुप’ के देश भर में ‘ताज होटल्स एंड रिज़ॉर्ट’ के नाम से कई लग्ज़री होटल्स हैं.

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2- Rooh Afza (1907)

आज भी गर्मी से राहत पाने के लिए हम रूह अफ़ज़ा का इस्तेमाल करते हैं. भारत की आज़ादी से पहले सन 1907 में हकीम हाफ़िज़ अब्दुल मजीद द्वारा इसे पुरानी दिल्ली से हर्बल मिश्रण के रूप में लॉन्च किया गया था. वर्तमान में ‘रूह अफ़ज़ा’ का निर्माण मजीद के बेटों द्वारा स्थापित ‘हमदर्द लेबोरेटरीज इंडिया’ द्वारा किया जाता है. हमदर्द लेबोरेटरीज (वक्फ) पाकिस्तान और हमदर्द लेबोरेटरीज (वक्फ) बांग्लादेश में भी हैं.

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3- Vadilal Ice-Cream (1907)

वाडीलाल कंपनी की स्थापना सन 1907 में वाडीलाल गांधी ने ‘सोडा फ़ाउंटेन’ के रूप में की थी. आज ये भारत की दूसरी सबसे बड़ी आइसक्रीम कंपनी बन गई है. शुरुआती दिनों में ‘वाडीलाल’ हाथ से चलने वाली मशीन से आइसक्रीम बनाया करते थे. दूध, नमक और बर्फ को मिलकर बनी इन आइसक्रीमों को थर्मस बक्से में घर-घर जाकर बेचा जाता था. सन 1926 में वाडीलाल गांधी के बेटे रणछोड़ लाल गांधी ने ‘सोडा फ़ाउंटेन’ और ‘आइसक्रीम’ के रिटेल स्टोर की शुरुआत की.

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4- Mysore Sandal Soap (1916)

मैसूर सैंडल साबुन के बारे में कौन नहीं जनता. इस साबुन की शुरुआत सन 1916 में मैसूर के राजा कृष्ण राजा वाडियार चतुर्थ ने की थी. इस दौरान उन्होंने बेंगलुरु में ‘सरकारी साबुन फ़ैक्ट्री’ की स्थापना की थी. आज कर्नाटक सरकार इस आइकॉनिक ब्रांड को लोगों तक पहुंचा रहा है. मैसूर सैंडल साबुन के बारे में कहा जाता है कि ये दुनिया का एकमात्र साबुन है जो 100% शुद्ध चंदन के तेल के साथ-साथ वेटिवर और पाम गुलाब जैसे प्राकृतिक तेलों से बना है.

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5- Boroline (1929)

भारत में आज भी 70 प्रतिशत लोग हाथ-पैरों को मुलायम रखने के लिए बोरोलीन का इस्तेमाल करते हैं. ख़ासकर देश के ग्रामीण इलाक़ों में बोरोलीन हर मर्ज़ की दवा है. आज के इस प्रतिस्पर्धी दौर में भी बोरोलीन पिछले 94 सालों से टिकी हुई है. भारत के इस मशहूर ब्रांड की शुरुआत सन 1929 में कोलकाता के गौरमोहन दत्त ने की थी. इसका निर्माण कोलकाता स्थित जीडी फ़ार्मास्यूटिकल्स द्वारा किया जाता है.

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6- Air India (1932)

टाटा ग्रुप के स्वामित्व वाली एयर इंडिया (Air India) भारत की पहली विमान सेवा कंपनी है. इसकी स्थापना सन 1932 में जे.आर.डी. टाटा ने ‘टाटा एयरलाइंस’ के रूप में की थी. लेकिन बाद में भारत सरकार ने इसे ख़रीद लिया और इसका नाम बदलकर ‘एयर इंडिया’ कर दिया था. पिछले कई सालों से आर्थिक संकट से जूझ रही ‘एयर इंडिया’ को आख़िरकार जनवरी 2022 में ‘टाटा समूह’ ने फिर से ख़रीद लिया.

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7- Parle-G (1938)

पारले कंपनी का ये बिस्किट दशकों से आज भी देश का नंबर वन एक ब्रांड बना हुआ है. इस बिस्किट से हमारी कई पुरानी यादें जुड़ी हुई हैं. आज के प्रतिस्पर्धी दौर में भी Parle-G टिका हुआ है. देश के प्रतिष्ठित पारले ग्रुप की स्थापना सन 1928 में मोहनलाल दयाल ने की थी. इसके बाद सन 1938 में पारले-जी (पारले ग्लूको) बिस्किट लॉन्च किया गया था.

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