ये हैं इतिहास की 10 सबसे घातक तलवारें, जो दुश्मन के जिस्म को फाड़कर रख देती थीं

Abhay Sinha

हथियार इंसानों को हमेशा से आकर्षित करते रहे हैं. क्योंकि, इनकी मदद से वो ख़ुद को सुरक्षित भी कर पाए हैं और दूसरों पर हमला भी. आज हम भले ही बंदूक, बम जैसे विध्वसंकारी हथियारों का इस्तेमाल करते हों, मगर शुरुआत में सिर्फ़ तलवारें वगैरह ही इंसानों के मुख्य हथियार हुआ करते थे. इनकी मदद से प्राचीन लोग दुश्मन के साहस और शरीर दोनों की चीर-फाड़ कर देते थे.

आज हम सदियों पुरानी ऐसे ही तलवारों के बारे में आपको बताएंगे, जिनका एक वार दुश्मन का सिर धड़ से अलग करने के लिए काफ़ी था.

1. खोपेश

minutemediacdn

माना जाता है कि ये तलवार युद्ध कुल्हाड़ियों या खेत के औजारों से विकसित हुई. प्राचीन मिस्र में इसका इस्तेमाल होता था. घुमावदार ब्लेड का केवल बाहरी किनारा नुकीला था. इस तलवार का आकार एक बकरी के पैर जैसा है इसलिए इसका नाम खोपेश रखा गया. ये हथियार अधिकार का प्रतीक था और कई फ़ैरो इसे अपने पास रखते थे. इनमें तूतनख़ामेन भी शामिल था.

ये भी पढ़ें: प्राचीन भारत के वो 10 घातक हथियार, जिनके आगे खड़ा होना मौत को दावत देना है

2. उल्फबेहर्ट तलवार

mythology

ये तलवार जिनती मज़बूत थी, उतनी ही हलकी और लचीली भी थी. इसके ब्लेड को क्रूसिबल स्टील से बनाया गया था. आज के आधुनिक युग में भी ऐसी तलवार बना पाना मुश्किल है. लोग आज भी नहीं समझ पाते हैं कि वाइकिंग योद्धाओं ने इतनी उन्नत तलवार कैसे विकसित की. माना जाता है कि मध्य पूर्वी व्यापार के चलते उन्हें कुछ तकनीकी सहायता मिली होगी.

3. खांडा

minutemediacdn

इस दोधारी तलवार का निर्माण सबसे पहले भारत में हुआ था. राजपूत इसका इस्तेमाल 600 ईसवी के आसपास करते थे. तलवार की नोंक कुंद थी, इसलिए इसे तिरछा चलाया जाता था. तलवार के किनारे दांतदार होते थे, जो दुश्मन के मांस को खींचकर फाड़ देते थे.

4. न्गोम्बे जल्लाद की तलवार

minutemediacdn

19वीं और 20वीं सदी में, यूरोपीय खोजकर्ताओं ने कांगो के आदिवासी निवासियों के इस क्रूर दिखने वाले हथियार की तस्वीर बनाई थी. इस हथियार से कैदियों का सिर काटा जाता था.

5. फ़्लेमार्ड

minutemediacdn

ये एक लहरदार ब्लेड था. इसे बनाने वालोंं का मानना था कि ये ब्लेड जब दुश्मन के शरीर में घुसेगा, तो जानलेवा घाव देगा. हालांकि, बाद में इसका डिज़ाइन इतना प्रभावी नहीं रहा.क्योंकि दुुश्मन की तलवार जब इस लहरदार ब्लेड पर पड़ती थी, तो इसके ब्लेड कुंद पड़ जाते थे.

6. चीनी हुक तलवार

minutemediacdn

इसे दोहरी मुसीबत भी माना जाता था. ये घुमावदार हथियार जोड़ी में आती थी. हाथ की सुरक्षा के लिए गार्ड भी थे. कहते हैं कि ये तलवार दुश्मन को दो हिस्सों में अलग कर सकती थी.

7. किलिज

minutemediacdn

पहली बार किलिज तलवार तुर्की में 400 ईसवी के आसपास इस्तेमाल हुई. घुड़सवारों में ये तलवार काफ़ी मशहूर थी. कृपाण की ये शैली अगले 1400 सालों में कई बदलाव से गुज़री. अगर किसी कुशल सवार के हाथ में ये तलवा हो, तो ये और भी घातक बन जाती थी.

8. एस्टोक

minutemediacdn

इस फ़्रांसीसी तलवार में एक लंबी, दो-हाथ वाली पकड़ होती है. ये तलवार ख़ासतौर से कवच को भेदने के लिए बनाई गई थी. तलवार में धार ज़्यादा नहीं होती, मगर ये बेहद नुकीली होती है. 

9. ज़ेविहैंडर

minutemediacdn

ज़ेविहैंडर का मतलब है दो हाथ. तलवार इतनी बड़ी थी कि चलाने वाले को अपने दोनों हाथों का इस्तेमाल करना पड़ता था. कहते हैं कि ये तलवार इतनी शक्तिशाली थी कि एक बार सात लोगों का सिर धड़ से अलग कर सकती थी.

10. उरूमी

minutemediacdn

ये एक बेहद अजीब हथियार था और इसके निशान मौर्य साम्राज्य में मिलते हैं. इसके ब्लेड बेहद तेज़ और लचीले होते थे. बेहद माहिर लोग ही इसका इस्तेमाल करते थे, क्योंकि इसको चलाने में ज़रा सी भी ग़लती की तो आप ख़ुद को ही चोट पहुंचा लेंगे. 

आपको ये भी पसंद आएगा
मुगल सम्राट जहांगीर ने बनवाया था दुनिया का सबसे बड़ा सोने का सिक्का, जानें कितना वजन था और अब कहां हैं
जब नहीं थीं बर्फ़ की मशीनें, उस ज़माने में ड्रिंक्स में कैसे Ice Cubes मिलाते थे राजा-महाराजा?
Old Photos Of Palestine & Israel: 12 तस्वीरों में देखें 90 साल पहले कैसा था इज़रायल और फ़िलिस्तीन
जानिए आज़ादी की लड़ाई में गांधी जी का सहारा बनने वाली ‘लाठी’ उन्हें किसने दी थी और अब वो कहां है
भारत का वो ‘बैंक’ जिसमें थे देश के कई क्रांतिकारियों के अकाउंट, लाला लाजपत राय थे पहले ग्राहक
आज़ादी से पहले के ये 7 आइकॉनिक भारतीय ब्रांड, जो आज भी देश में ‘नंबर वन’ बने हुए हैं