First Computer Virus of History in Hindi: विश्व को आधुनिक और स्मार्ट बनाने में कंप्यूटर का बहुत बड़ा योगदान है. अकेले कई लोगों का काम करने वाली इस इलेक्ट्रानिक मशीन ने दुनिया का कायापलट करने का काम किया है. लेकिन, इसके फ़ायदों के साथ-साथ इससे जुड़े कई ख़तरे भी हैं. अगर आपके कंप्यूटर को कोई हैक कर ले, तो आपकी ज़रूरी सूचनाएं चोरी हो सकती हैं या कोई आपके कंप्यूटर में वायरस छोड़ दे, तो कंप्यूटर बेकार हो सकता है यानी उसमें रखा डेटा और उसका सॉफ़्टवेयर डैमेज हो सकता है. वैसे क्या कभी आपने सोचा है कि किसने सबसे पहले कंप्यूटर वायरस बनाने का काम किया था, अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं.
आइये, अब विस्तार से पढ़ते (First Computer Virus of History in Hindi) हैं आर्टिकल
पाकिस्तान में बना था इतिहास का पहला कंप्यूटर वायरस
First Computer Virus of History in Hindi: इतिहास का पहला कंप्यूटर वायरस बनाने का काम किया था पाकिस्तान के दो भाइयों ने. उनका नाम है बासित फ़ारुख़ अल्वी और अमजद फ़ारुख़ अल्वी. लाहौर को पाकिस्तान का आईटी हब कहा जाता है. कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर में कुछ अच्छा करने के लिये ही बासित और फ़ारुख़ लाहौर के लिए रवाना हुए थे. उनके पास उस वक़्त नौकरी नहीं थी, तो उन्होंने कोडिंग सीखना शुरू कर दिया. उस दौरान कंप्यूटर कोडिंग में ठीक ठाक पैसा मिलना शुरू हो गया था.
कोडिंग की प्रैक्टिस के लिये उन्हें साइबर कैफ़े जाना पड़ता था, क्योंकि उनके पास ख़ुद का कंप्यूटर नहीं था. साइबर कैफ़े में वो प्रैक्टिस करते और किताबों और दोस्तों से कोडिंग सीखते. इस तरह वो कोडिंग का ज्ञान अपने में भर रहे थे.
शुरू किए कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर बेचना
कोडिंग सीखने के बाद उन्होंने कुछ महीनों में कुछ कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर बना लिये थे. ये काम उन्हें पसंद आ रहा था और इसमें ही उन्होंने ख़ुद का भविष्य देख लिया. उन्होंने कंप्यूटर सॉफ़्टवेयर बनाकर बेचना शुरू कर दिया. धीरे-धीरे उनके पास ऑडर आने लग गए. वो सस्ते में सॉफ़्टवेयर बेच रहे थे और कंपनियों को भी उनका काम पसंद आ रहा था.
पहला कंप्यूटर वायरस “ब्रेन”
MS-DOC पर हमला करने वाला पहला वायरस ‘ब्रेन’ था, जिसे पाकिस्तान के दो भाइयों ने 1986 में बनाया था. इन वायरस ने डॉस फ़ाइल एलोकेशन टेबल (एफ़एटी) फ़ाइल सिस्टम के साथ फ़ॉर्मेट किए गए स्टोरेज मीडिया के बूट सेक्टर को संक्रमित कर दिया था.
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आख़िर क्यों बनाया था ये वायरस?
First Computer Virus of History in Hindi: ये कंप्यूटर वायरस मज़े मज़े में नहीं बल्कि एक समस्या के समाधान के तौर पर बनाया गया था. दरअसल, जब इन भाइयों ने वायरस बनाया, तो वे पाकिस्तान के लाहौर में एक कंप्यूटर स्टोर चला रहे थे. उन्होंने नोटिस किया कि उनके कई लोग उनके द्वारा बनाए गये सॉफ़्टवेयर की इल्लीगल कॉपिज़ बेच रहे हैं. उन्होंने अपनी इंटेलेक्चुअल प्रॉपटी की सुरक्षा और सॉफ़्टवेयर की कॉपी बनाने वालों पर नज़र रखने के लिए ये ‘Brain Virus’ बनाया था.
एक इंटरव्यू में दोनों भाइयों ने बताया कि कि उन्होंने वायरस कोड में अपना नाम, फ़ोन नंबर और अपनी दुकान का पता डालकर केवल सॉफ्टवेयर की अवैध प्रतियों के लिए वायरस बनाया था. दोनों ने कभी नहीं सोचा था कि ये वायरस एक राक्षस की तरह विकसित हो रहा है.
वायरस दोनों भाइयों के पते और तीन फ़ोन नंबरों के साथ पूरा हुआ और एक संदेश जिसने उपयोगकर्ता को बताया कि उनकी मशीन संक्रमित हो गई और उन्हें ठीन कराने के लिए कॉल करें.
जब अलग-अलग जगह से आने लगे कॉल
History Of Computer Virus in Hindi: वायरस ने एक व्यापाक रूप धारण कर लिया था. यूके और यूएस से लोगों उनके स्टोर पर गुस्से से भरी आवाज़ के साथ फ़ोन कर रहे थे. उनकी मांग थी उनके कंप्यूटर को जल्द ठीक करें.
उन भाइयों ये दावा कि ये हानिरहित ही होना था. बस पायरेटेड सॉफ़्टवेयर के बारे में एक कॉपीराइट संदेश दिखाना था और फ़्लॉपी ड्राइव का नाम बदलना था. हालांकि, कई लोगों ने बताया कि वायरस ने डेटा को मिटा दिया है या उनके ड्राइव को धीमा कर दिया है. उनकी कंपनी ब्रेन नेट अब पाकिस्तान में सबसे बड़ी इंटरनेट सेवा प्रदाता है. बता दें ब्रेन के बाद उन्होंने अब तक कोई कंप्यूटर वायरस नहीं बनाया है.
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