इन 10 दुर्लभ तस्वीरों में क़ैद है भारत का इतिहास, जिसे देखकर हर भारतीय को गर्व होगा

Abhay Sinha

Historical Photos Of India: इतिहास के पन्ने पलटिए तो आपको कई महान शख़्सियतें मिलेंगी, जिन्होंने भारत को एक ऊंचे मुक़ाम पर पहुंचाया है. इनमें जेआरडी टाटा के नेतृत्व और होमी भाभा के वैज्ञानिक कौशल से लेकर भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली महिलाओं तक, सबका योगदान शामिल है. 

हम आज आपको तस्वीरों के ज़रिए भारत के इसी शानदार इतिहास से रू-ब-रू करवाने जा रहे हैं.

Historical Photos Of India-

1. होमी भाभा

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इस तस्वीर में भारतीय वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा के साथ महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन, नोबेल जीतने वाले पहले जापानी युकावा और ब्लैक होल शब्द का पहली बार इस्तेमाल करने वाले भौतिकविद् जॉन व्हीलर हैं. 

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2. लाल बहादुर शास्त्री

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1965 में जब भारत को अनाज की कमी का सामना करना पड़ा, तब प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने लोगों से गेहूं या चावल खुद उगाने की अपील की. एक उदाहरण स्थापित करने के लिए, उन्होंने दिल्ली के जनपथ में अपने आधिकारिक बंगले में गेहूं उगाना शुरू किया था.

3. अमर कौर

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इस तस्वीर में दाएं से तीसरी जो महिला खड़ी हैं, वो शहीद भगत सिंंह की बहन अमर कौर हैं. ब्रिटिश हुकूमत के ख़िलाफ़ भाषण देने के लिए उन्हें जेल जाना पड़ा था. बंटवारे के दौरान भी उन्होंने शरणार्थियों को बचाने और उनके पुनर्वास में मदद की थी.

4. मोबाइल लाइब्रेरी

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भारत में मुफ़्त और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा पहली बार 1906 में बड़ौदा राज्य द्वारा शुरू की गई थी. बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ III ने 500 सार्वजनिक मोबाइल पुस्तकालयों को गाड़ियों पर शुरू किया था. उस वक़्त गाड़ियां बेहद दुर्लभ हुआ करती थीं.

5. जेआरडी टाटा

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10 वर्षीय जेआरडी टाटा और उनकी बहन सिला तस्वीर. कहते हैं कि साल 1918 में टाटा ने भारत वापस आने के दौरान एक जापानी नाव पर बिताए 10 दिनों के दौरान टाइपिंग सीखी थी.

6. भारत का पहला शतरंज ओलंपियाड पदक

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भोपाल के रफ़ीक ख़ान ने 1976 में 13/15 के बड़े स्कोर के साथ नेशनल बी शतरंज चैंपियनशिप जीती थी. उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. वो अपने पिता की तरह जीविका चलाने के लिए बढ़ई का काम करते थे. ये कहानी जब तत्कालीन उद्योग मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस के पास पहुंची, तो उन्होंने भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) में उन्हें नौकरी दी. साल 1980 में माल्टा में वो शतरंज ओलंपियाड में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने. 

7. जब महज़ 48 घंटे में ब्रिटिश भारत ने अपनी नौसेना पर से नियंत्रण खो दिया

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18 फ़रवरी 1946 की ही तारीख़ थी, जब रॉयल इंडियन नेवी के नौसैनिकों ने तत्कालीन ब्रिटिश हुकूमत के ख़िलाफ़ बग़ावत कर दी थी. ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा भारतीय नैसैनिकों की मांग न मानने पर महज 48 घंटे में वहां खड़े और समुद्र में जा रहे जहाजों पर हड़ताल हो गई थी. नौसैनिकों ने जहाजों से ब्रिटिश झंडा उतार दिया और कांग्रेस (तिरंगा), मुस्लिम लीग (चांद) और कम्युनिस्ट पार्टी (हंसिया-हथौड़ा) के झंडे फहराए दिए गए थे. इसे भारतीय इतिहास में ‘रॉयल इंडियन नेवी म्यूटिनी’ या ‘बॉम्बे म्यूटिनी’ के नाम से भी जाना जाता है. 

8. उषा सुंदरम – स्वतंत्र भारत की पहली महिला पायलट

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साल 1950 में मद्रास सरकार ने उषा सुंदरम और उनके पति वी सुंदरम से कम दूरी की उड़ान भरने वाली ब्रिटिश हवाई-कंपनी, डी हैविलैंड डव को को खरीदने के लिए संपर्क किया. कपल ने भी सरकार के इस अप्रोच को स्वीकार किया और एक शिप से इंग्लैंड गए और वहां से एक नया डी हैविलैंड डव खरीदा. अगले वर्ष, वे विमान के को-पाइलट बनकर पेरिस, कराची और बगदाद के रास्ते लंदन से बॉम्बे पहुंचे. ये यात्रा 27 घंटे के भीतर पूरी हुई और ये पिस्टन-इंजन डव पर इंग्लैंड से भारत की उड़ान के लिए विश्व रिकॉर्ड भी बना, जो आज तक कायम है. (Historical Photos Of India)

9. मैसूर राज्य के अंतिम महाराजा – जयचामाराजेंद्र वाडियार

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जयचामाराजेंद्र वाडियार 1940 से 1950 तक मैसूर राज्य के महाराजा थे, जिन्होंने बाद में मैसूर और मद्रास राज्यों के राज्यपाल के रूप में कार्य किया था. 

10. आज़ाद हिंद बैंक का नोट

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ये एक लाख रुपये का नोट साल 1980 में राम किशोर दुबे नाम के शख़्स को अपने दादा की रामायण की किताब में मिला था. कनैलाल बसु की पुस्तक ‘नेताजी: रिडिस्कवर्ड’ के अनुसार, 1944 में बर्मा (अब म्यांमार) के रंगून में आज़ाद हिंद बैंक का गठन किया गया था. दुबे के दादा प्रागीलाल ने आजाद हिंद फौज में नेताजी के लिए काम करते थे. नेता जी ने ही उन्हें ये नोट दिया था. (Historical Photos Of India)

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