Sink History In Hindi: आजकल जब भी हमें हाथ या फिर मुंह धोने की ज़रूरत होती है तो हम फट से जाते हैं वॉश बेसिन का नल खोल झटपट मुंह धो डालते हैं. हैं ना कितना आसान. ऐसे ही किचन में बर्तन गंदे हुए नहीं कि उन्हें तुरंत सिंक का रास्ता दिखा दिया जाता है.
जैसे ही वक़्त मिलता है तब हम आराम से नल खोलकर इन्हें धो लेते हैं. किचन और बाथरूम में मिलने वाली इस कॉमन चीज़ वॉश बेसिन के बिना ये दोनों ही अधूरे माने जाते हैं. इन्हें कुछ लोग सिंक, सिंकर, वॉशबॉउल, हैंड बेसिन या फिर बेसिन कहते हैं.
इन्हें ख़ासतौर पर हाथ धोने के लिए बनाया गया था. ताकि बार-बार लोगों को बाथरूम या फिर नल तक न जाना पड़े. मगर जिस सिंक को आप दिन रात इस्तेमाल करते हैं फिर चाहे वो ऑफ़िस हो या घर उसे पहली बार कहां देखा गया था और इसकी खोज कैसे हुई थी जानते हैं आप?
चलिए आज आपको इस आर्टिकल के माध्यम से सिंक (Sink) के इतिहास से भी रू-ब-रू करवा देते हैं.
वॉश स्टैंड
इतिहासकारों के अनुसार, सिंक की खोज अमेरिका में 1700 के दशक में हुई थी. तब ये बस एक वॉश स्टैंड था. इसमें एक वॉश स्टैंड, गहरा बाउल और एक टेबल होती थी. इसी पर बीच में एक घड़ा भी रखा जाता था जिससे पानी लिया जाता था. किसी-किसी सिंक की टेबल में एक छेद होता जिसके नीचे एक बड़ा बाउल रखा जाता था. इसमें हाथ धोने पर पानी नीचे वाले बाउल में चला जाता. इस तरह ये सिंक ड्राई रहता.
प्राचीन रोमन सिंक
प्राचीन रोम में भी सिंक के इस्तेमाल होने के साक्ष्य मिलते हैं. उनके स्नानघरों के सामने अमूमन इन्हें देखा जा सकता था. ये एक बड़े से चम्मच के जैसा दिखाई देता था जो एक बड़े से कटोरे या बाउल पर रखा होता था, ये वाटर टैंक से जुड़ा होता था. ये Counterweight Mechanism पर काम करता था.
Sink
1800 के मध्य के दशक में सिंक पत्थर, मेटल और लकड़ी के बनाए जाने लगे. इनके पास अब बाल्टी या घड़े की जगह पानी के नल (हैंडपंप) भी लगाए जाने लगे थे. मगर ये अधिकतर धनी लोगों के घरों में ही दिखाई देते थे.
मॉर्डन सिंक
आधुनिक प्लंबिंग के आने के बाद सूखे सिंक गुज़रे ज़माने के हो गए और वेट सिंक घर-घर में दिखने लगे. आज के ज़माने में बिना सिंक के घर को अधूरा ही माना जाता है. इनमें अब 24 घंटे पानी आता है और इनके डिज़ाइन और वैरायटी की भी कोई कमी नहीं है. आपके घर में ऐसा ही एक सिंक होगा जो आपके घर की शोभा बढ़ा रहा होगा. मार्केट में आज 500 से लेकर 10000 रुपये का सिंक उपलब्ध है. इसे लोग अपनी पसंद के हिसाब से अपने घरों में इंस्टॉल करवाते हैं.