महाम अंगा: मुग़ल सल्तनत की वो दाई मां, जिसने अकबर को पाला और हुमायूं की जान बचाई

Kratika Nigam

Story Of Maham Anga: इतिहास में कई ऐसी शूरवीर दाईं हुई हैं, जिनमें से दो का नाम सबसे ज़्यादा प्रचलित है एक पन्ना धाय तो दूसरी महाम अंगा. कई शौर्य गाथाओं में इन दोनों का ज़िक्र मिलता है. बादशाह अकबर को जिन्होंने पाला वो थीं महाम अंगा. इन्होंने हुमायूं की मौत के बाद छोटे से अकबर को अपने बेटे की तरह पाला. अकबर भी अपने पिता हुमायूं की मौत के बाद दो ही लोगों के क़रीब थे, बैरम ख़ां और महाम अंगा,.

Image Source: wisemuslimwomen

बैरम ख़ां वो था, जिसने मुग़ल बादशाह हुमायूं की मौत के बाद उनकी सल्तनत बचाई और अकबर की ताजपोशी कराई और महाम अंगा वो दाई मां थीं, जिसने अकबर को पाला साथ ही उनकी मुग़ल सल्तनत की राजनीतिक सलाहकार भी थीं. महाम अंगा अकेली नहीं थी, इनके दो बेटे थे, लेकिन जब इनके पति नदीम ख़ान की मौत हो गई तो इन्होंने अपना सारा वक़्त अकबर की परवरिश में लगाया.

आइए जानते हैं, अकबर की इस शूरवीर दाई मां महाम अंगा के बारे में.

Image Source: wordpress

Story Of Maham Anga

ये भी पढ़ें: रोचक तथ्य: अकबर के नवरत्न में से एक महेश दास कैसे बने बीरबल, जानिए इसका दिलचस्प क़िस्सा

बैरम ख़ां और महाम अंगा अकबर के तो सबसे क़रीबी थे, लेकिन दोनों की आपसी रिश्ते अच्छे नहीं थे. जब बैरम ख़ां ने दुनिया को अलविदा कह दिया तो उसके बाद बैरम ख़ां की भी सारी हुकुमत महाम के हिस्से आ गई, जिससे वो और भी ज़्यादा शक्तिशाली हो गई. महाम मुग़ल सल्तनत में अपने पति की वजह से जुड़ीं.

दरअसल, news9live के मुताबिक,

हुमायूं जब शेरशाह सूरी से चौसा की जंग हारा तो उसे सल्तनत छोड़कर भागना पड़ा, जिसके चलते वो पहले सिंध और फिर पर्शिया में रुका. वहीं पर हुमायूं की दाई मां का बेटा नदीम ख़ान कूका उनकी देखभाल करने लगा, इसी की पत्नी थी महाम अंगा. फिर नदीम की मौत के बाद उसके दोनों बेटे अधम और कुली ख़ान भी इसी सल्तनत से जुड़ गए. महाम अंगा को इतिहास की शक्तिशाली और चालाक महिला के तौर पर जाना जाता है.

Image Source: herzindagi

जब हुमायूं सिंध के क़िले में रुके थे तो वहीं पर 25 अक्टूबर 1542 में अकबर का जन्म हुआ. हालांकि, शेरशाह से लड़ाई हारने के बाद हुमायूं को जो सल्तनत उससे छिन गई थी उस दौरान वो वापस पाने की लालसा में जुटे हुए थे, बस इसी दौरान अकबर की देखभाल की ज़िम्मेदारी महाम अंगा को दी गई और अकबर भी धीरे-धीरे महाम के क़रीब जाने लगे.

Image Source: hindustantimes

अपनी सल्तनत को वापस पाने के जुनून में हुमायूं ने कई युद्ध किए. इन्हीं में से एक उसके चचेरे भाई कामरान से था, जिसने कूटनीति अपनाते हुए अकबर को उसके चाचा कामरान ने बंदी बना लिया ताकि वो हुमायूं को युद्ध के मौदान कमज़ोर कर सके. इस दौरान, महाम अंगा ने सूझ-बूझ दिखाते हुए अकबर की सही सलामत जान बचाई. अकबर से पहले महाम हुमायूं की भी जान बचा चुकी थी, बस ऐसे ही वो मुग़ल परिवार के क़रीब आती चली गई.

Image Source: thefamouspeople

महाम अंगा ने पहले ख़ुद मुग़ल सल्तनत में अपनी जगह तो बनाई साथ ही अपने बेटे अधम ख़ान को भी मुग़ल सेनापति बनवाया. मगर 1561 की सारंगपुर की लड़ाी में अधम ख़ान ने मालवा के सुल्तान बाज बहादुर को हराया और उनके हाथी, ख़ज़ाने और हरम पर कब्ज़ा कर लिया. इसके अलावा, वो रानी रूपमति को भी बंदी बनाना चाहता था, लेकिन उससे पहले ही उन्होंने ज़हर खाकर ख़ुदकुशी कर ली.

Image Source: twimg

अधम ने अकबर से गद्दारी करते हुए जीते की बात तो बताई, लेकिन कब्ज़ा करी चीज़ों में सिर्फ़ हाथी का ज़िक्र किया, लेकिन जब अकबर सारंगपुर पहुंचे और उन्हें पता चला तो अधम ने अकबर के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. अकबर ने माहम के प्यार के चलते अधम को माफ़ कर दिया.

Image Source: wikimedia

ये भी पढ़ें: जानिए कौन थे मुल्ला दो प्याज़ा, जिनको अकबर के नवरत्नों में शामिल होने के लिए बेलने पड़े थे पापड़

अधम की गद्दारी के बाद अकबर ने अतागा ख़ान को प्रधानमंत्री नियुक्त करने का फ़ैसला किया, जिसने महाम को ठेस पहुंचाई. अधम ने भरे दरबार में घुसकर अतागा ख़ान को मौत के घाट उतार दिया. फिर अकबर ने महाम को ख़ुद बताया कि, उसने अधम को मारने का आदेश दिया है, इसके कुछ ही समय बाद महाम की मौत हो गई.

Image Source: news9live

आपको बता दें, अकबर ने माहम अंगा और उनके बेटे अधम ख़ान को दफ़नाने के लिए एक मक़बरा बनवाया, जो अधम ख़ान के मक़बरे के रूप में जाना जाता था.

Image Source: wikimedia

1830 में क़ुतुब मीनार के उत्तर में स्थित इस मक़बरे का इस्तेमाल एक ब्रिटिश शासक ने अपने निवास स्थान के तौर पर किया और दोनों की क़ब्रों को हटा दिया. आज इस जगह का इस्तेमाल पुलिस स्टेशन और डाकघर के लिए किया जाता है.

आपको ये भी पसंद आएगा
कोलकाता में मौजूद British Era के Pice Hotels, जहां आज भी मिलता है 3 रुपये में भरपेट भोजन
जब नहीं थीं बर्फ़ की मशीनें, उस ज़माने में ड्रिंक्स में कैसे Ice Cubes मिलाते थे राजा-महाराजा?
कहानी युवा क्रांतिकारी खुदीराम बोस की, जो बेख़ौफ़ हाथ में गीता लिए चढ़ गया फांसी की वेदी पर
बाबा रामदेव से पहले इस योग गुरु का था भारत की सत्ता में बोलबाला, इंदिरा गांधी भी थी इनकी अनुयायी
क्या है रायसीना हिल्स का इतिहास, जानिए कैसे लोगों को बेघर कर बनाया गया था वायसराय हाउस
मिलिए दुनिया के सबसे अमीर भारतीय बिज़नेसमैन से, जो मुगलों और अंग्रेज़ों को देता था लोन