Success story of Infosys: 43 साल पहले 7 दोस्तों ने ज़ीरो से शुरु की थी अरबों की ये कंपनी

Maahi

21वीं सदी इंफ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की सदी है. आज की दुनिया इंफ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के बिना अधूरी है. आज मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक हर जगह इंफ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की ज़रूरत पड़ती है. ये कहना ग़लत नहीं होगा कि आईटी आज हमारे लिए सांस लेने के समान हो गई है. आज के दौर में Microsoft, IBM, Accenture, Oracle, Delloite और Capgemini जैसी आईटी कंपनियां पूरी दुनिया पर राज करती हैं, लेकिन आज भारतीय आईटी कंपनी TCS, Infosys, Wipro और HCL भी इस लिस्ट में शामिल हैं. इन कंपनियों की बदौलत आज पूरी दुनिया भारतीय इंजीनियरिंग को सलाम करती है.

ये भी पढ़ें: Success Story: घर-घर बिकने वाला एक मामूली सा टूथ पाउडर कैसे बना हिंदुस्तानियों की पहली पसंद?

economictimes

आज हम इस कड़ी में भारत की मशहूर आईटी (IT) कंपनी इंफ़ोसिस लिमिटेड (Infosys Limited) की बात करने जा रहे हैं. पिछले 4 दशकों में ये कंपनी ‘ज़ीरो’ से ‘हीरो’ बन चुकी है. आज Infosys एक ब्रांड बन चुका है, जिसमें नौकरी करना हर इंजीनियर का सपना होता है. आज TCS के बाद Infosys देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी है. इंफ़ोसिस (Infosys) देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में नाम कमा चुकी है.

Success story of Infosys

firstpost

आईटी (Information Technology) के क्षेत्र में भारत की कामयाबी का श्रेय Infosys को भी जाता है. पिछले 4 दशकों में इस कंपनी ने देश के हज़ारों युवाओं को रोज़गार दिया है. आज भारत की ये कंपनी देश के साथ ही विदेशों में भी अपनी सर्विस देती है, जिसके चलते इसका नाम दुनिया की बड़ी आईटी कंपनीज़ में लिया जाता है. इंफ़ोसिस द्वारा बनाए सॉफ़्टवेयर आज दुनियाभर में धूम मचा रहे हैं. यही कारण है कि साल 2022 में Infosys कई बड़ी आईटी कंपनियों को पछाड़कर दुनिया तीसरी सबसे वैल्युएबल कंपनी बन गई है.

Success story of Infosys

officesnapshots

भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी (IT) कंपनी इंफ़ोसिस (Infosys) के बारे में जानना इतना काफ़ी नहीं होगा. आज हम आपको Infosys के बारे में कई ऐसी जानकारियां देने जा रहे हैं, जिनसे आप अब तक अनजान थे. क्या आप जानते हैं भारत की इस बिलियन डॉलर कंपनी की शुरुआत कब और कैसे हुई थी?

Success story of Infosys

wikibio

ये भी पढ़ें- 90 सालों से भारतीयों की पहली पसंद बनी हुई है ‘हिंदुस्तान यूनिलीवर’, जानिए कौन है इसका मालिक

कब शुरू हुई थी Infosys? 

2 जुलाई, 1981 को 7 इंजीनियर्स ने मिलकर पुणे में इंफ़ोसिस कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड (Infosys Consultants Private Limited) नाम से इसकी शुरुआत की थी. इसके संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति, नंदन नीलेकणी, एस. गोपालकृष्णन, एस. डी. शिबुलाल, के. दिनेश, एन. एस. राघवन और अशोक अरोड़ा हैं. वर्तमान में Infosys के सीईओ सलिल पारेख हैं. इसका हेड ऑफ़िस बेंगलुरु में स्थित है. साल 2021 में Infosys के कुल कर्मचारियों की संख्या 2,76,319 थी. इंफ़ोसिस के फ़ाउंडर मेंबर्स में से एक एन. एस. राघवन कंपनी के पहले कर्मचारी (Employee) माने जाते हैं.

Success story of Infosys

livemint

क्या है Infosys का इतिहास?  

इंफ़ोसिस (Infosys) की शुरुआत 7 दोस्तों ने मिलकर 250 डॉलर (20 हज़ार रुपये) में की थी. सन 1983 में Infosys का हेड ऑफ़िस पुणे से बैंगलोर शिफ़्ट कर दिया गया था. अप्रैल 1992 में कंपनी ने इसका नाम बदलकर ‘इंफ़ोसिस टेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड’ कर दिया. इसके बाद जून 1992 में पब्लिक लिमिटेड कंपनी बनने पर ये ‘इंफ़ोसिस टेक्नोलॉजीज़ लिमिटेड’ बन गई. जबकि जून 2011 में फिर से इसका नाम बदलकर इंफ़ोसिस लिमिटेड (Infosys Limited) कर दिया गया.

Success story of Infosys

news18

नारायण मूर्ति ने पत्नी से उधर लिए थे 10 हज़ार रुपये

इंफ़ोसिस लिमिटेड (Infosys Limited) के फ़ाउंडर नारायण मूर्ति ने अपनी पत्नी सुधा मूर्ति से 10 हज़ार रुपये उधार लेकर कंपनी शुरू की थी. बाकी पैसे अन्य मेंबर्स ने जोड़े थे. इस तरह से महज़ 20 हज़ार रुपये में इंफ़ोसिस की शुरुआत हुई थी. साल 1999 में इंफ़ोसिस के शेयर अमेरिकी शेयर बाज़ार में NASDAQ में रजिस्टर होने के बाद कंपनी दुनियाभर में मशहूर होने लगी. अमेरिकी शेयर बाज़ार में शेयर रजिस्टर करने वाली इंफ़ोसिस पहली इंडियन कंपनी थी. आज इंफ़ोसिस लिमिटेड 14 बिलियन डॉलर की कंपनी बन चुकी है.

thenewsminute

एन.आर. नारायण मूर्ति ने सन 1981 से साल 2002 तक इंफ़ोसिस लिमिटेड (Infosys Limited) के मुख्य कार्यकारी निदेशक के तौर पर काम किया. साल 2002 में नारायण मूर्ति ने ये पोजीशन नन्दन निलेकणी को सौंप दी थी. इस दौरान वो मार्गदर्शक के रूप में कंपनी से जुड़े रहे. नारायण मूर्ति साल 1992 से लेकर साल 1994 तक नास्काम (Nascam) के अध्यक्ष भी रहे हैं. 13 अप्रैल 2007 को नंदन निलेकणी ने इन्फोसिस के सीईओ का पद संभाला. जिसके बाद जून 2007 के दौरान क्रिस गोपालकृष्णन उनकी कुर्सी पर बैठे.

infosys

ये भी पढ़ें: Bisleri के मालिक ने कहा था ‘पानी बेचूंगा’, तो उड़ाया गया था मज़ाक, आज है 1560 करोड़ रुपये की कंपनी

इंफ़ोसिस लिमिटेड (Infosys Limited) ने साल 2003, 2004 और 2005 में ‘ग्लोबल मेक अवार्ड’ अपने नाम किया था. इस अवार्ड को जीतने वाली इंफ़ोसिस एकमात्र कंपनी बनी और इसे ‘ग्लोबल हॉल ऑफ़ फेम’ में प्रोत्साहन भी मिला. फ़िलहाल इंफ़ोसिस दुनिया की तीसरी सबसे वैल्युएबल आईटी कंपनी (Most Valuable IT Company in The World) बन चुकी है. यही नहीं इंफ़ोसिस का नाम देश की एक ऐसी आईटी कंपनी है जो युवाओं को सबसे अधिक रोज़गार भी देती है.

Officesnapshots

क्या काम करती है Infosys?

इंफ़ोसिस लिमिटेड (Infosys Limited) एक मल्टीनेशनल इंफ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी कंपनी है, जो ‘बिज़नेस कंसल्टिंग’, ‘इंफ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी’ और ‘आउटसोर्सिंग’ सेवाएं प्रदान करती है. इसके अलावा कंपनी ‘कम्युनिकेशन मीडिया और एंटरटेनमेंट’, ‘बैंकिंग एंड कैपिटल मार्किट’, ‘एयरोस्पेस एंड एविओनिक्स’, ‘एनर्जी, फैसिलिटीज़ एंड सर्विसेज़’, ‘इन्सुरेंस’, ‘हेल्थकेयर एंड लाइफ़ साइंस’, ‘मैन्यूफ़ैक्चरिंग’, ‘प्रोडक्ट इंजीनियरिंग एंड वैलिडेशन सर्विसेज़’, ‘रिटेल’, ‘कंज्यूमर प्रोडक्ट्स एंड गुड्स’ और ‘न्यू ग्रोथ इंजन’ का काम भी करती है.

आपको ये भी पसंद आएगा
कोलकाता में मौजूद British Era के Pice Hotels, जहां आज भी मिलता है 3 रुपये में भरपेट भोजन
जब नहीं थीं बर्फ़ की मशीनें, उस ज़माने में ड्रिंक्स में कैसे Ice Cubes मिलाते थे राजा-महाराजा?
कहानी युवा क्रांतिकारी खुदीराम बोस की, जो बेख़ौफ़ हाथ में गीता लिए चढ़ गया फांसी की वेदी पर
बाबा रामदेव से पहले इस योग गुरु का था भारत की सत्ता में बोलबाला, इंदिरा गांधी भी थी इनकी अनुयायी
क्या है रायसीना हिल्स का इतिहास, जानिए कैसे लोगों को बेघर कर बनाया गया था वायसराय हाउस
मिलिए दुनिया के सबसे अमीर भारतीय बिज़नेसमैन से, जो मुगलों और अंग्रेज़ों को देता था लोन