छत्रपति शिवाजी महाराज की वो 3 घातक तलवारें, जिससे पलक झपकते दुश्मन का सिर धड़ से अलग करते थे

Nripendra

Three Swords of Shivaji Maharaj in Hindi: 17वीं शताब्दी के दौरान एक नए योद्धा वर्ग के रूप में मराठा सामने आए. छत्रपति शिवाजी महाराज ने हिन्दुस्तान में एक मराठा साम्राज्य की नींव रखी. शिवाजी महाराज, जो अपनी वीरता के लिए जाने गए, जो मुग़लों के सामने खड़े होने का अदम्य साहस रखते थे. 

छत्रपति शिवाजी महाराज का साहस देख दुश्मन भी कांप उठते थे. ऐसे थे वीर छत्रपति महाराज. उनका असली नाम शिवाजी भोंसले था, लेकिन प्रशासन के नेतृत्व की वजह से उन्हें छत्रपति की उपाधि दी गई. 

शिवाजी महाराज के पास कई घातक हथियार थे, जैसे बाघनख, जिससे उन्होंने अफ़जल ख़ान को मौत की नींद सुलाया था. इसके अलावा, उनके पास घातक खंज़र और तलवारें भी थीं. वहीं, जब बात शिवाजी महाराज की वीरता की आती है, तो उनकी तीन पसंदीदा तलवारों (Swords of Shivaji in Hindi) का ज़िक्र भी आता है. 

इस लेख में हम आपको विस्तार से बताएंगे वीर छत्रपति महाराज की उन तीन तलवारों के बारे में जिनके पल भर में दुश्मनों का सिर कलम कर दिया करती थीं, जिसके सामने दुश्मन थर-थर कांपते थे. 

शिवाजी महाराज की ‘जगदंगा तलवार

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Jagdamba Sword of Shivaji in Hindi: शिवाजी महाराज की पसंदीदा तलवारों में से एक थी जगदंगा तलवार. क़ीमती पत्थरों से जड़ी ये 400 साल पुरानी तलवार है. दावा किया जाता है कि ये तलवार 1875-76 में शिवाजी चतुर्थ ने प्रिंस एडवर्ड VII को दी थी. वहीं, ऐसा भी कहा जाता है कि ये तलवार शिवाजी चतुर्थ द्वारा प्रिंस एडवर्ड को उपहार में रूप में देने के लिए मजबूर किया गया था.

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Three Swords of Shivaji Maharaj in Hindi: उस दौरान शिवाजी चतुर्थ मात्र 11 वर्ष के थे और बाकी राजाओं की तरह उन्हें भी अंग्रेज़ों को क़ीमती उपहार देने के लिए मजबूर किया गया था. ये तलवार वर्तमान में लंदन (Where is Jagdamba Sword of Shivaji in Hindi) में है. जानाकारी के अनुसार, इस तलवार की लंबाई 95 सेंटीमीटर है यानी क़रीब तीन फ़ीट.  

शिवाजी महाराज की ‘भवानी तलवार’ 

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Three Swords of Shivaji Maharaj in Hindi: वीर छत्रपति महाराज की दूसरी पसंदीदा तलवार थी ‘भवानी’. Times of India के अनुसार, स्पेन के शोधकर्ता ने बताया कि शिवाजी महाराज की भवानी तलवार को Toledo (औद्योगिक नगर जो हथियार के बनाने के लिए जाता जाता है) के कारीगर ने बनाया था. 

दरअसल, स्टील की गुणवत्ता और कुशल कारीगरों की वजह से स्पेन से तलवार और चाकू आयात किये जाते थे. वहीं, ऐसा माना जाता है कि ये तलवार छत्रपति शिवाजी के वंशज उदयराजे भौसले के पास है. 

शिवाजी महाराज की तीसरी तलवार ‘तुलजा’

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इसे शिवाजी महाराज को उनके पिता पिता शाहजी राजे की ओर से उपहार माना जाता था. हालांकि, ये तलवार वर्तमान में कहां इस विषय में सटीक जानकार उपलब्ध नहीं है, लेकिन कुछ का मानना है कि ये वही तलवार है जो शिवराजेश्वर मंदिर में रखी सिंधुदुर्ग किले में संरक्षित है. कोल्हापुर के इतिहासकार इंद्रजीत सावंत पुष्टि करते हैं कि सिंधुदुर्ग में तलवार तुलजा तलवार है. 

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