क़िस्सा: बचपन में जब इंदिरा गांधी को अपनी सबसे प्यारी गुड़िया को आग के हवाले करना पड़ गया था

Nripendra

When Indira Gandhi Burned her Doll in Hindi: भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को इतिहास के सबसे ताक़तवर पॉलिटिशियन में गिना जाता है. वो अपने पिता जवाहरलाल नेहरू के नक्शेकदम पर चलते हुए राजनीति में आईं. जिस वक़्त उन्होंने राजनीति में कदम रखा तब उनकी उम्र मात्र 21 वर्ष थी. बचपन से ही राजनीतिक माहौल में रहीं इंदिरा गांधी जब प्रधानमंत्री बनीं, तो उन्होंने कई बड़े फ़ैसले लिए जैसे देश में आपातकाल लगाना, निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण व 1971 का भारत-पाक युद्ध. 

ये वो बड़े फ़ैसले थे जिनपर आज भी चर्चा होती है. लंबे वक़्त तक भारतीय राजनीति में सक्रिय रहीं इंदिरा गांधी से जुड़ी कई दिलचस्प और अनकही बातें हैं, जिनके बारे में ज़्यादा लोगों को पता नहीं होगा. 

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इस ख़ास लेख में हम आपको बताएंगे इंदिरा गांधी के बचपन से जुड़ा वो क़िस्सा जब उन्हें अपनी प्यारी गुड़िया को आग के हवाले करना (When Indira Gandhi Burned her Doll in Hindi) पड़ गया था. 

बचपन से ही रहा राजनीतिक प्रभाव 

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Facts About Indira Gandhi in Hindi: चूंकि उनके घर में राजनीतिक मौहाल बना हुआ था, तो बचपन से ही उनपर राजनीतिक प्रभाव रहा है. इंदिरा गांधी का जन्म इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) में हुआ था. उन्होंने अपनी पढ़ाई पश्चिम बंगाल की Visva-Bharati University व University of Oxford से पूरी की. 1947 में जब भारत को स्वतंत्रता मिली, तो इंदिरा गांधी ने अपने पिता के लिए राजनीतिक प्रचारक के रूप में काम करना शुरू किया. वो अक्सर उनके साथ विदेश यात्रा करती थीं, जिससे उन्हें भारतीय राजनीति को समझने में मदद मिलती थी. 

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो इंदिरा ने कभी कहा था कि उन्हें याद नहीं कि वो बचपन में कौन से खेल खेला करतीं थीं और किनके साथ खेला करती थीं. उन्हें जो याद है वो ये कि वो ऊंचे टेबल पर चढ़कर नौकरों को ऊंची आवाज़ में भाषण दिया करती थीं. उनका बचपन का खेल भी राजनीति से ही जुड़ा हुआ था. 

बचपन में बनाई ‘वानर सेना’   

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Facts About Indira Gandhi in Hindi: बहुतों को इस बारे में पता नहीं होगा कि इंदिरा गांधी ने बचपन में असहयोग आंदोलन के दौरान कांग्रेस पार्टी की मदद करने के लिए ‘बाल चरखा संघ’ और 1930 में बच्चों की ‘वानर सेना’ की स्थापना की थी. वानर सेना का ख्याल उन्हें रामायण से आया था. जिस तरह लंका विजय के लिए प्रभु श्रीराम की मदद वानर सेना ने की थी, उसी तर्ज पर अंग्रेज़ों से  लड़ने के लिए इंदिरा गांधी ने वानर सेना बनाई थी.

उन्हें सितंबर 1942 में कैद कर लिया गया था और गांधी के मार्गदर्शन में 1947 में दिल्ली के दंगा प्रभावित क्षेत्रों में काम किया. 

उन्हें सितंबर 1942 से 13 मई 1943 तक 243 दिनों के लिए 8 महीने की कैद हुई थी. तब उनकी उम्र 25 वर्ष की थी.

प्यारी गुड़िया को कर दिया था आग के हवाले

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When Indira Gandhi Burned her Doll in Hindi: अपने परिवार की परंपरा का पालन करते हुए इंदिरा गांधी ने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया. देश के लिए बचपन में वो जो कर सकती थीं, उन्होंने वो किया. जिस समय देश में विदेशी सामानों यानी ब्रिटिश सामानों का बहिष्कार चल रहा था.

उस दौरान इंदिरा गांधी के घर में ब्रिटेन से आई सभी चीज़ों को जलाया जा रहा था. इसमें 5 साल की इंदिरा गांधी ने भी हिस्सा लिया और अपनी सबसे प्यारी गुड़िया जो कि इंग्लैंड से आई थी, उसे आग के हवाले कर दिया था. इस तथ्य से सोचा जा सकता कि मात्र पांच साल की उम्र में इंदिरा गांधी की सोच कितनी विकसित हो गई थी, उन्होंने स्वदेशी आंदोलन का समर्थन किया. 

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