हवाई जहाज़ से तो आपने सफ़र किया ही होगा. अगर नहीं भी किया हो तो भारतीय हवाई जहाज़ तो आपने देखे ही होंगे. इस दौरान आपने कभी गौर किया है कि भारत में सभी हवाई जहाज़ों के ‘विंग्स और बॉडी’ पर VT क्यों लिखा होता है? दरअसल, भारत के सभी हवाई जहाज़ों का नाम VT से ही शुरू होता है. इसके बाद कंपनी का नाम लिखा होता है. भारत में आज भी अधिकतर लोगों को VT का असल मतलब पता नहीं होगा. लेकिन इसके पीछे का इतिहास बेहद दिलचस्प है.
चलिए जानते हैं ये VT आख़िर है क्या?
साल 2016 में बीजेपी सांसद तरुण विजय ने जब राज्यसभा में VT का मामला उठाया तो इस दौरान उन्होंने इसका मतलब भी बताया, जिसे सुनकर सांसद में मौजूद अधिकतर सांसदों का सिर शर्म से झुक गया था. दो अक्षर का ये शब्द बताता है कि किस तरह हम पिछले 93 सालों से ग़ुलामी के एक प्रतीक को ढो रहे हैं और दुनिया को बता रहे हैं कि हम आज भी अंग्रेज़ों के ग़ुलाम हैं.
दरअसल, VT का मतलब Viceroy Territory या वायसरॉय का इलाक़ा होता है. हर देश के यात्री विमानों को इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइज़ेशन (ICAO) जो कोड देता है लेकिन भारत में आज़ादी के 75 साल बाद भी ‘वायसराय टेरिटरी कोड’ चलता है यानी कि ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा. भारतीय जहाज़ों से VT हटाने को लेकर ही बीजेपी सांसद तरुण विजय ने ये मामला राज्यसभा में उठाया था.
क्या होता है 5 अक्षरों के कोड का मतलब?
अंतरराष्ट्रीय नियमों के मुताबिक़, दुनिया के हर एक हवाई जहाज़ के ऊपर एक कोड प्रमुखता से लिखा होता है कि वो किस देश का है, यानी उसकी पहचान क्या है. ये रजिस्ट्रेशन कोड 5 अक्षरों का होता है. पहले दो अक्षर देश का कोड होता है और उसके बाद के अक्षर ये दिखाते हैं कि हवाई जहाज़ कौन सी कंपनी का है. देश को ये कोड इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइज़ेशन (ICAO) देती है.
भारत को 1929 में मिला था VT कोड
भारत को ICOA से VT कोड सन 1929 में ब्रिटिश काल के दौरान मिला था. लेकिन हैरानी की बात है कि 93 साल बीत जाने के बाद भी भारत सरकार ग़ुलामी की इस पहचान को बदलने में नाकाम रही. साल 2016 में संसद में सभी पार्टियों के सांसदों ने मोदी सरकार इसे जल्द से जल्द बदलने की मांग की थी. हैरानी की बात तो है कि चीन, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका और फ़िजी जैसे देशों ने कई साल पहले ही भी VT कोड बदल कर अपने देश का कोड हासिल कर लिया है. लेकिन भारत इसमें नाकाम रहा.
बताया जा रहा है भारत सरकार जल्द ही देश के हवाई जहाज़ों को नया स्वदेशी कोड देने जा रही है. इससे पहले भी यूपीए सरकार के दौरान इसे बदलने की आधी अधूरी कोशिश की गई थी. तब भारत ने BA (भारत) और IN (इंडिया) कोड हासिल करने की कोशिश की थी. लेकिन B कोड पहले से ही चीन और I कोड इटली के पास है.