सोशल मीडिया आला दर्जे के फ़रेबियों का अड्डा है. यहां ऐसे-ऐसे मक्कार बैठे हैं कि ससुरे सामने दिखें तो मुक्का जड़ दें. आप भी सोच रहे होंगें कि मैं काहे इतना ख़िसियाया बैठा हूं. बताता हूं. किलो के भाव में मैं अपनी फ़ोटो खींचता हूं, मजाल है कि कभी ग़लती से भी दुई ठोर ढंग की निकल जाएं.
मगर वहीं, कुछ लोगों फ़ोटो ऐसी चमकदार और रईसों वाली आती है कि इनके आगे निरमा और अंबानी दोनों की चमकान फेल हो जाए. पहले मैं सोचता था कि अपन की ही ग़रीब शक्ल में चवन्नी कम मसाला है. लेकिन अब पता चला कि ये ससुरे भयंकर ख़ुरपेंच कर फ़ोटो लेवत हैं.
आप भी देखिए, सोशल मीडिया पर अपलोड होने वाली इन सुनहरी फ़ोटों के पीछे की काली सच्चाई.
1. फूल पकड़कर फ़ूल बना गई रे लड़की.
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2. हां, एक फ़ोटो के लिए ऑक्टोपस बन जा.
3. इसे कहते हैं ज़मीन-आसमान एक करना.
4. मतलब एक फ़ोटो के लिए मुंह पर ही थुकवाए ले रहीं. हद है!
5. ये लड़की क्यूटी नहीं झूठी है.
6. प्लेन से पेरिस नहीं जा सकते, पर एडिटिंग से तो पहुंच ही सकते.
7. प्यार वाकई तकलीफ़ देता है.
8. ऑनलाइन कपड़ों में ऐसा ही धोखा मिलता है.
9. गिर जाएंगे, मर जाएंगे, मगर फ़ोटो लेकर रहेंगे.
10. ये जूता कागज़ का नहीं होता, तो इसी के दे मारता.
11. इसकी रईसी का भी राज़ जान लो.
12. इतना अकेलापन भी अच्छी बात नहीं.
13. बाहर से एपल और अंदर से अंगूर, मान गए हुज़ूर.
14. अच्छे दोस्त हों, तो फ़ोटो भी बढ़िया आ ही जाती.
15. ख़ुद डूब मरेंगे, लेकिन गर्लफ़्रेंड की फ़ोटो में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
दिल के अरमां आंसुओं में बह गए. क्यों?