एक ज़माना था जब हमें सिर्फ़ अपनी एनर्जी चार्ज करनी होती थी. लेकिन फिर इलेक्ट्रॉनिक युग का जन्म हुआ. पेजर, मोबाइल, लैपटॉप, टैब, ब्लूटूथ स्पीकर वगेराह मार्किट में आये और हम इंसान इन सभी उपकरणों के आदि हो गए. अब अगर हमारे मोबाइल में बैटरी कम हो जाती है तो बीपी बढ़ जाता है. हम सरकटे मुर्गे की तरह इधर-उधर चार्जिंग पॉइंट की तलाश में घूमने लग जाते हैं. कुछ लोग तो इतने ज़्यादा व्याकुल हो जाते हैं कि कैसे भी, कहीं भी अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की बैटरी चार्ज करने में लग जाते हैं. दिखाते हैं ऐसे ही बावलों की कुछ तस्वीरें.