‘देश को बचा लो सरदार जी’…. जब सेक्रेड गेम्स 2 में गणेश गायतोंडे ने सरताज को ये बात कही थी, तो बहुत लोगों को एक दूसरे सरदार की याद आ गई थी. मनमोहन सिंह, देश के पूर्व प्रधानमंत्री. देश की आर्थिक स्थिति अभी कुछ ठीक नहीं चल रही, GDP उठने का नाम नहीं ले रही. पूरी कोशिश के बाद भी ‘फ़ाइव पॉइंट समवन’ बना हुआ है.
जब वो देश के प्रधानमंत्री थे तब मनमोहन सिंह ने अपने बारे में कभी कहा था कि इतिहास उनके बारे में कठोर नहीं होगा. इतिहास बनने से पहले ही बहुत लोगों के दिल में मनमोहन सिंह के लिए सॉफ़्ट फ़ीलिंग्स आने लगी हैं. विरोधियों तक का मानना था कि बंदा सही है, पार्टी ग़लत है.
जब मनमोहन सिंह कम बोला करते थे, तब मीडिया वाले उनकी बड़ी खिंचाई करते थे, बुरे से बुरे जोक बनते थे. अब जब अर्थव्यवस्था तक़लीफ़ में है, तो मीडिया वाले मनमोहन सिंह से उसे उबरने के बारे में पूछते हैं. कहते हैं, ‘क्या सर! आप तो हमारी बातों का बुरा मान गए. एक पत्रकार प्रधानमंत्री की आलोचना भी नहीं कर सकता क्या! ख़ैर, पुरानी बातों पर मिट्टी डालिए, इसे ठीक करने की ट्रिक बताइए. आप तो पहले भी कर चुके हैं.’
बहुत सी ऐसी चीज़ें हैं, जो हम पूर्व प्रधानमंत्री के कार्यकाल को देख कर सीख सकते हैं या सबक ले सकते हैं. जैसे- कम बोलना लेकिन सही बोलना. मोदी जी के ऐसे कई वीडियो वायरल हो चुके हैं जिसमें वो ग़लत तथ्य बोल चुके हैं. मनमोहन सिंह का एक भी नहीं मिलता. जब हम प्रधानमंत्री को एक इवेंट में पांच कपड़े बदलते देखते हैं, तब याद आता है कि पिछले वाले ने तो सफ़ेद कुर्ते और काले कोट में दस साल निकाल दिए.