हर रोज़ घिसी-पिटी न्यूज़ पढ़ने का कोई मज़ा नहीं होता. वही कत्लेआम, चोरी, लूटपाट और नेताओं के घोटाले. अब इनमें मज़ा नहीं रहा. ये बात खाली हम ही नहीं न्यूज़पेपर वाले भी समझते हैं. तब ही तो उन्होंने ऐसे धुरंधर लेखकों के हाथ में अपने अख़बार सौंप दिये हैं, जिन्होंने ख़तरनाक से ख़तरनाक न्यूज़ में भी हंसी का तड़का लगा दिया है.
अब उन्होंने ये जानबूझकर किया या धोखे से, ये हमें नहीं पता. लेकिन आप इन हेडलाइन्स को पढ़कर हंसते-हंसते ज़मीन पर पसर जाएंगे, ये हमें बखूबी पता है. तो चलिए शुरू करते हैं.
1. अब शादी का मतलब ये थोड़ी है कि कोई भी पीट दे
2. यानी हर सफ़ल संन्यासी के पीछे एक पत्नी का हाथ होता है?
3. अब पत्नी का बुरा किया या ससुर का भला, आप जानिए.
4. बताइए, हम इसे मज़ाक समझते थे
5. हंसना तो नहीं चाहिए लेकिन 🙂
6. इश्क़बाज़ी में खोट तो लीजिए कविता की चोट
7. मतलब प्रिया थी पर एंजल नहीं
8. पढ़ाकू बॉयफ़्रेंड बना लड़ाकू
9. ख़ुदा का नहीं तो सलमान ख़ान की ड्राइविंग का ही खौफ़ कर
10. अबे पुलिस नहीं तू तो गिनीज़ बुक वालों को बुला
11. न. न. भिखारियों का भी ड्रेस कोड होना चाहिए
12. ये ग़लत बात है, अब फ़ेंकना पड़ेगा समोसा
13. कंफ़र्म टिकट था, क्या करते?
14. विद्या कसम, अच्छा हुआ
15. सिंगल होगा, उन्हें ही ज़्यादा कीड़ा होता
16. बस इतना सा ख़्वाब है
17. मिस्टर से मिस में जस्ट इन हुआ सॉरी हुई है बीबर
18. गर्लफ़्रेंड का चक्कर बाबू भइया
19. ये तो वाकई बहुत ज़्यादा सर्दी हो गई
20. हमसे होशियार तो सुअर हैं
मौज तो बहुत आई होगी. अब कमंट कर अपनी फ़ेवरेट हैडलाइन भी बता दो.