‘जिसका काम उसी को साजे’ इस कहावत का अर्थ समझाने की ज़रूरत तो है नहीं. वैसा नहीं पता है, तो इतना समझ लो जो काम नहीं आता है उसमें हाथ नहीं डालना चाहिये. जिस काम को अच्छे से करना जानते हो वही करो. वरना तो अर्थ का अनर्थ हो सकता है. जैसे ये लोग बिना सोचे समझे रसोईया बनने चले थे. किचन में जाते ही आतंक मचा दिया.