अप्रैल 2021 में TVF की वेब सीरीज़ Aspirants आयी थी. इस सीरीज़ में UPSC के छात्रों के मेहनत और लगन को बेहद क़रीब से दिखाया गया था. फ़िल्म के पहले Episode में SK Sir बच्चों IAS की तैयारी कर रहे बच्चों को पढ़ा रहे होते हैं. UPSC के बारे में SK Sir कहते हैं, “दुनिया का 2nd Toughest और इंडिया का Oldest Competitive Exam है भाई! हलवा नहीं है, इतना सिंपल नहीं है!” ये एक डायलॉग ही UPSC के बारे में बताने के लिए बहुत है.
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UPSC Mains 2021 Memes:
7 जनवरी को UPSC Mains की परीक्षा के लिए जब उम्मीदवार निबंध लिखने बैठे तो उन्हें ऐसे सवालों का सामना करना पड़ा जिसके बारे में उन्होंने सोचा भी नहीं होगा. पेपर को देखकर ऐसा लग रहा था मानो ये Philosophy का Examination देने आये हों. सवाल 2 Section में बंटे हुए थे और उम्मीदवारों 1,000-1,200 शब्दों के दो निबंध लिखने को कहे गए थे.
UPSC Mains के इस पेपर में Section A में कुछ इस तरह के प्रश्न थे: “इच्छारहित होने का दर्शन काल्पनिक आदर्श (यूटोपिया) है जबकि भौतिकता माया है.” और “सत् ही यथार्थ है और यथार्थ ही सत् है.” वहीं Section B में “पालना झूलने वाले हाथों में ही संसार की बागडोर होती है.” और “इतिहास स्वयं को दोहराता है, पहली बार एक त्रासदी के रूप में, दूसरी बार प्रहसन के रूप में.” जैसे सवाल थे.
IAS जितिन यादव ने Exam का ये पेपर Twitter में डाला और लोगों से सवाल पूंछा कि आप इन दोनों में से कौन सा सवाल चुनते. कुछ लोगों ने IAS के इस सवाल का गंभीरता से जवाब भी दिया लेकिन अब ये पर्चा Twitter की जनता के हाथ लग चुका था और Twitter की जनता को कुछ भी मिल जाए वो मीम बना ही देती है वैसे ही इन सवालों पर भी ज़ोरदार मीम्स बनने लगे.
देखा आपने, Twitter वाले लोगों के पास हर चीज़ का एक ही जवाब होता है वो है मीम. मीम से हटकर बात की जाए कि UPSC Mains का ये पेपर कैसा था और क्या वाक़ई UPSC में कुछ इसी तरह के सवाल हमेशा पूछे जाते हैं. इसके बारे में Indian Express से बात करते हुए यूपीएससी परीक्षा विशेषज्ञ शुभ्रा रंजन कहती हैं, “UPSC Information को इकठ्ठा करके रखने की बजाय ऐसे लोग चाहता है जो रचनात्मक तरह से सोच सकें. कुल मिलाकर वो चाहते थे कि अभ्यर्थी पहले सोचे, समझे और अपना जवाब थे बजाय इसके कि वो बस फैक्ट्स के रूप में जवाब दे दे. मुझे लगता है कि व्यापक सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों के आसपास गहरी समझ और उनके बारे में पढ़ने की जरूरत है.”
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