वो टीवी में हैं
वो फ़िल्मों में हैं
वो घरों में हैं
वो वॉट्सएप चैट में हैं
वो कण-कण में हैं
भगवान नहीं, बात ‘उनकी’ हो रही है
फ़िल्म, वेब शो और ताज़ा ताज़ा उनके टीवी चैनल के बारे में तो सबको पता था. उनकी छत्रछाया से टीवी सीरियल्स छूट रहे थे, अब वो कमी भी पूरी हो गई.
‘वो’ पिछले कई सालों से स्वच्छता अभियान में लगे हुए हैं लेकिन टीवी वालों को पता नहीं क्यों अचानक से अभी याद आया.
‘भाभी जी घर पर हैं’ और ‘तुझसे ही राब्ता’ सीरियल के किरदार अचानक से ‘उनकी’ तारीफ़ में कसीदे पढ़ने लगे हैं. एक बार को तो आप भ्रमित हो सकते हैं कि ये बीच सीरियल में सरकारी विज्ञापन कैसे शुरू हो गया.
सरकारी योजनाओं के प्रचार को भी एक स्तर पर जायज़ ठहराया जा सकता है. परंतु राजैनितक शब्दावली का प्रयोग, जिससे एक नेता की छवी मज़बूत हो उसे, कम से कम आचार संहिता के दौरान तो इसे जायज़ नहीं ठहराया जा सकता. ऐसा करने से उन प्रत्याशियों के साथ नाइंसाफ़ी होगी, जो इस स्तर पर विज्ञापन करने लायक संसाधन नहीं रखते हैं.
हालांकि ‘तुझसे ही राब्ता’ सीरियल से संबंधित मीडिया हाउस ने अपनी सफ़ाई पेश कर दी है और इसे ‘Creative Call’ बताया है. ख़ैर ये तो चुनाव आयोग को तय करना है कि ये टीवी पर जो बीते दिनों में हुआ वो असल में जागरुकता फ़ैलानी की कोशिश थी या कुछ और.
आप बेकार दांत पीस रहे हैं और माथा खुजला रहे हैं. यहां ‘उनके’ ख़िलाफ़ कुछ लिखा ही नहीं गया, जिसके बारे में आप सोच रहे हैं.