स्कूल में दो तरह के बच्चे होते हैं- ऊपर से टॉपर (एक्स्ट्रा शीट पर एक्स्ट्रा शीट लेने वाले), नीचे से टॉपर (उल्लू की तरह गर्दन घुमाकर जवाब ढूंढने वाले)
टॉपर की भी बात ठीक है, साल भर मेहनत करके पढ़ाई की और वो जवाब किसी और को क्यों बताए? और नीचे से टॉपर की भी बात ठीक है कि अगर उसको कुछ जवाब बता दिए जाए तो किसका नुक़सान होगा.
कुछ दिनों पहले एक ट्विटर यूज़र ने भी ऐसे ही एक टॉपर की फ़ोटो शेयर की
लोगों ने इस फ़ोटो से ज़बरदस्त रिलेट किया और ट्वीट्स की बौछार हो गई.
हमने भी अपने सहकर्मियों से ये सवाल दोहरा दिया और जवाब ये मिले-
1. ऐसी शकल बनाती थी मानो कुछ आता ही नहीं है. – किरण
2. मैं लिखे हुए पर हाथ रख लेने के बाद दूसरे का जवाब लिखता था. – जे.पी.
3. मैं लिखे हुए पर हाथ रखकर टेढ़ी नज़र से पीछे वाले को भी देखता रहता था. – माहीपाल
4. पेंसिलबॉक्स से कवर करके लिखता था. – अभय
5. ऐसे बैठकर लिखती थी कि पीछे वाले को Answer न दिखे. – आकांक्षा
6. Answer Sheet पर Question Paper रखकर लिखती थी. – संचिता
स्कूल के दिन याद आ गये न?