Opinion: मुझे कुत्तों से नफ़रत नहीं है, बस उनके रात-बेरात के ‘कॉन्सर्ट’ बर्दाश्त नहीं होते

Sanchita Pathak

‘हंगामा है क्यों बरपा, थोड़ी सी जो पी ली है…’

‘ओ साकी साकी रे, साकी साकी…’
‘Girls Like You…’
‘गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल…’

हां, तो ये थे कुछ गाने मेरी प्लेलिस्ट के. मल्लब साफ़ समझे न? अपन हर तरह के सॉन्ग्स सुनते हैं. गाने के बिना अपनी सुबह या शाम नहीं होती. जिस दिन भूले-भटके ईयरफ़ोन घर भूल जाती हूं, हल्का-फ़ुल्का हार्ट अटैक आ जाता है. लोग ऑफ़िस के बैग में दो चश्मे रखते हैं, मैं म्यूज़िक की इतनी बड़ी दिवानी हूं कि दो ईयरफ़ोन रखती हूं! 

म्यूज़िक की दिवानी हूं तो कॉन्सर्ट, कव्वाली, लाइव शो में भी जाती हूं. 

Zee News

कॉन्सर्ट से तो ऐसा प्रेम है कि ऊपरवाले ने मेरे घर के ठीक नीचे ही रोज़ रात एक कॉन्सर्ट की व्यवस्था कर दी है. रात के 12 बजे ‘नैंसी’ आलाप लेती है. उसके आलाप पर ‘बिट्टू’ तान छेड़ता है और इन दोनों के पीछे ‘लिली’, ‘छोटू’, ‘शेरू’ कोरस में गाते हैं.


ये 5 कोई मनुष्य नहीं हैं. ये 5 हैं मेरे अपार्टमेंट की पार्किंग में पलने वाले कुत्ते.  

India.com

एनिमल लवर्स मुझे गालियां दें, उससे पहले उन्हें बता दूं कि छुट्टी के दिन या यूं ही कभी-कभी मैं भी इनकी गर्दन पर हाथ फेरती हूं, इनके साथ खेलती हूं. घर आने पर पार्किंग में ये लोग मुझे देख कर आंखों ही आंखों और पूंछ हिला कर ख़ुशी ज़ाहिर करते हैं. कभी-कभी पीछे के दो पैरों पर खड़े होकर गले लगाने की कोशिश भी करते हैं.


इनके कॉनसर्ट से मुझे दिक्कत है, बहुत दिक्कत है. इतनी की कई बार तकिए में मुंह दबा कर चिल्ला चुकी हूं.  

The Dodo

मज़े की बात क्या है, पता है? मैंने ऑब्ज़र्व किया है कि इनके गाने हफ़्ते के दिन के हिसाब से होते हैं. शुक्रवार-शनिवार को ‘DJ नाईट’, जिसमें अगल-बगल की गलियों के कुत्ते होते हैं. सोमवार को काफ़ी कम साउंड में ‘ग़ज़ल नाइट’, बोले तो 2-3 लोग ही होते हैं. बुधवार और गुरुवार को ‘बॉलीवुड नाइट’.


शुक्र है ये देसी कुत्ते हैं और ‘मेटल’, ‘रॉक’ तक नहीं पहुंचे, वरना मैं बहरी हो चुकी होती और असल म्यूज़िक सुनने लायक न रहती.  

Tenor

सोचिए कोई 10 घंटे दफ़्तर में दिन बिता कर रात के 10 बजे घर लौटा हो, खाना खाया हो और ये सोच रहा हो कि आज तो जीभर के सोएंगे और रात में ठीक 12 बजे इनका मधुर संगीत सुनाई दे, कैसा महसूस करेगा वो? बस वही फ़ील आती है मुझे.


5 दिव्य सिंगर्स के कॉन्सर्ट ने मेरा जीना इतना हराम कर दिया है कि मैं भूल गई हूं कि रात में मस्त सोना क्या होता है, कच्ची नींद वालों का दर्द है न.  

फिर भी जब इन पांचों को कोई ‘हट्ट’ कहता है या उन पर पत्थर फेंकता है, तो बहुत गुस्सा भी आता है. दिवाली में इनको मैंने एक कोने में दुबके हुए देखा है. एक बार एक आदमी मेरा पीछा करते-करते घर के नीचे पहुंच गया था. उसे भौंक कर भगाते हुए भी मैंने उन्हें देखा है.


इस सब के बावजूद एक सवाल का जवाब नहीं मिलता कि इनको हर रोज़, दिन के हिसाब से कव्वाली, गज़ल नाइट, डीजे नाइट क्यों करना होता है?  

Wikipedia
आपको ये भी पसंद आएगा
‘मोय मोय’ से लेकर ‘भुपिंदर जोगी’ तक, इस साल इन Viral Videos ने भारत में मचाई ख़ूब धूम
हनीमून पर पत्नी को ‘मनाली’ ले जाने के नहीं थे पैसे, पति ने बुलेट व 2 लाख रुपये की चोरी कर किया वादा पूरा
Tomato Price: पेट्रोल से भी आगे निकले टमाटर के दाम, Memes में देखिए जनता के जले-भुने अरमान
इस Father’s Day पर जानिये हर देसी पापा की ये 10 आदतें, आपको अपने पापा याद आ जायेंगे
देखिए Cyclone Biparjoy पर इस न्यूज़ एंकर की तूफ़ानी रिपोर्टिंग, पहले भी Viral हो चुके हैं Video
इन 14 Funny Memes के ज़रिए जानिए भारतीय बैंक ग्राहकों को कौन-कौन सी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं