जीवन के हर पड़ाव पर हम दोस्त बनाते हैं. वक़्त के साथ कुछ दोस्तों से हमारा सम्पर्क टूट जाता है तो दूसरी तरफ़ कुछ ऐसे दोस्त होते हैं जिन्हें आप अपने हर पड़ाव पर गाड़ी की बैकसीट पर पाते हैं.
टूटी, बिखरी या जुड़ी हर दोस्ती अपने में स्पेशल होती है.
कुछ दोस्तियां तो इतनी स्पेशल होती हैं कि एक-दूसरे के बिना वो कहीं नहीं जाते. ये दोस्त आपको हमेशा कॉम्बो ऑफ़र में ही मिलते हैं. मतलब इतना प्यार और अपनापन जब आप एक का नाम लेंगे तो दूसरा वहां ऑटोमेटिकली आ जाएगा.
अरे चिपकू नहीं भाई, ये उनका प्यार है रे पगले!