शिरडी वाले साईं बाबा, आया है तेरे दर पे सवाली…
ये गाना तो कई बार सुना होगा और इस जगह जाने का प्लान भी कई बार बनाया होगा. जो भी साईं बाबा को मानता है उसकी एक बार यहां जाने की इच्छा ज़रूर होती है. कहते हैं, यहां जाने से सारे दुख-दर्द मिट जाते हैं. मगर इस मंदिर के बारे में कुछ ऐसे तथ्य हैं, जो शायद ही आपको पता होंगे.
1. तीसरा अमीर मंदिर है
तिरुवनंतपुरम में श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के बाद तिरुपति बालाजी मंदिर दुनिया का सबसे अमीर मंदिर है. शिरडी मंदिर इससे थोड़ा पीछे है, लेकिन अभी भी दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है.
2. ये कृष्ण मंदिर था
शिरडी मंदिर का निर्माण मूल रूप से कृष्ण मंदिर के तौर पर किया गया था. इसे नागपुर के करोड़पति गोपालराव बूटी द्वारा बनाया गया था. ऐसा कहा जाता है कि गोपालराव का एक सपना था जहां साईं बाबा ने कहा था, मंदिर के साथ एक वाडा हो ताकि मैं सभी की इच्छाओं को पूरा कर सकूं और इसलिए इसका निर्माण उनके नाम पर किया गया था.
3. हर हफ़्ते 14 लाख रुपये के सिक्के चढ़ते हैं
हाल ही में आई एक रिपोर्ट की मानें, तो मंदिर में हर हफ़्ते चढ़ाये जाने वाले सिक्कों की कुल क़ीमत करीब 14 लाख रुपये है.
4. 60,000 श्रद्धालु आते हैं
ऐसा अनुमान है कि हर हफ़्ते यहां करीब 60,000 भक्त दर्शन करने आते हैं. छुट्टियों, गुरुपूर्णिमा, दशहरा और राम नवमी के अवसर के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है.
5. लोग अपनी श्रद्धा से डोनेशन करते हैं
इस्लाम और हिंदू दोनों धर्म में साईं बाबा की आस्था की जाती है. भक्त अपनी श्रद्धा से बाबा को चढ़ावा चढ़ाकर जाते हैं. पिछले तीन वर्षों में, शिरडी साईं बाबा ट्रस्ट को 94 देशों से डोनेशन मिला है. इसमें भारतीय राशि के अनुसार, 10,54,00,000 रुपये के अमेरिकी डॉलर, 1,60,00,000 रुपये के ब्रिटिश पाउंड, 1,01,00,000 रुपये के दिरहम, 99 लाख रुपये के कनाडाई डॉलर, 6 लाख रुपये के ऑस्ट्रेलियाई डॉलर, 6.6 लाख रुपये के मलेशिया डॉलर, 4 लाख रुपये के यूरो और 5 लाख रुपये के सिंगापुर डॉलर शामिल हैं.
6. मलेशियाई सरकार का प्रस्ताव
मलेशियाई सरकार ने महाराष्ट्र सरकार को शिरडी एयरपोर्ट को चलाने का प्रस्ताव दिया था. इसके चलते अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए क़रीब 1500 करोड़ रुपये लगाने का ऑफ़र दिया था.
7. जाने का सही समय
शिरडी का सही समय दिसंबर से फरवरी के बीच का है. मार्च से मई तक यहां आने के बारे में न सोचें क्योंकि यहां बहुत गर्मी होती है.
8. श्री साईं संस्थान प्रसादालय सबसे बड़े रसोईघरों में से एक है
मंदिर लगभग हर दिन हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. सभी श्रद्धालुओं के लिए यहां की रसोई में प्रसाद बनाया जाता है. यहां की रसोई सबसे बड़ी रसोइयों में से एक है. इसके अलावा कोलोसल टेम्पल की रसोई देश की सबसे बड़ी सोलर पॉवर रसोई है, जहां हर दिन लगभग 40,000 लोगों के लिए प्रसाद बनता है. वे बिना किसी लागत के लोगों को सुबह के समय नाश्ते के पैकेट भी देते हैं.
9. रहने और खाने की जगह
यहां पर देश की कई जगहों से भक्त आते हैं. इसलिए शिरडी में रहने और खाने की काफ़ी उत्तम व्यवस्था की गई है. यहां पर AC और बिना AC दोनों तरह के होटल उपलब्ध हैं. आप चाहें, तो धर्मशाला या शिरडी साईं बाबा मंदिर ट्रस्ट के द्वारा दी गई रहने की जगह पर भी रह सकते हैं, जिसके लिए पहले से बुकिंग करने की ज़रूरत नहीं है और इनका शुल्क भी कम होता है.
10. खुलने का समय
भक्तों के लिए मंदिर सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक खुलता है. काकड़ आरती सुबह 5:15 बजे की जाती है, जिसके बाद सांई मंदिर में साईं बाबा को मक्खन और शक्कर का प्रसाद चढ़ाया जाता है. हर दिन 3 से 4 बार आरती की जाती है. सुबह काकड़ आरती के बाद, दोपहर में एक और आरती की जाती है, सूर्यास्त के समय धूप आरती जबकि रात 10.30 बजे शेज आरती की जाती है.
इसे जानने के बाद साईं मंदिर जाना आसान हो जाएगा. Life से जुड़े आर्टिकल पढ़ने के लिए क्लिक करें.