कागज़ का हवाई जहाज़ बनाने से लेकर पिकनिक तक, बचपन की इन 10 बातों को आज भी आप मिस करते होंगे

J P Gupta

होमवर्क न करना, स्कूल न जाने का बहाना बनाना, दिनभर बस खेलते रहना, रात को पापा से डांट खाना और मां का हमेशा हमें बचाना. बचपन के दिन भी क्या दिन थे. इन्हें याद कर हर किसी का मन ख़ुश हो जाता है. वो दिन लौट कर तो नहीं आ सकते, पर उन पलों को याद कर थोड़ी देर के लिए ही सही ख़ुश तो हुआ जा सकता है.

चलिए आज बचपन कि गलियों से उन यादों को एक बार फिर से ताज़ा कर लेते हैं.

1. हर पल खेलने का प्लान बनाना 

boston.com

सारा दिन खेलना और खेलने के प्लान बनाना फिर चाहे धूप हो या फिर बारिश. कई बार तो मां से छिपकर खेलने निकल जाते थे.

2. टॉफ़ी और चॉकलेट्स से प्यार

usatoday.com

टॉफ़ी और चॉकलेट के लिए दोस्तों से भी झगड़ लेते थे. मम्मी-डैडी भी किसी काम को करवाने के लिए इसका ही लालच देते थे. 

3. पेरेंट्स के साथ कहीं घूमने जाना 

Amar Ujala

पेरेंट्स के साथ पास के बाज़ार या फिर मेले में जाने का मौक़ा तलाशते थे. यहां जाकर मिठाई और अलग-अलग प्रकार के खिलौने ख़रीदने की ज़िद करना. 

4. कागज़ के हवाई जहाज़ उड़ाना 

Tampa Bay Times

क्लास हो या फिर घर हर जगह कागज़ से बने हवाई जहाज़ को उड़ाते रहते थे.

5. गुल्लक 

iStock

रिश्तेदारों और घरवालों के दिए हुए पैसे गुल्लक में डालना. फिर इन पैसों को कैसे ख़र्च करना इसका प्लान बनाना.  

6. शनिवार और रविवार को कार्टून देखना 

bumppy.com

शनिवार और रविवार को टीवी पर आने वाले कार्टून शो का इंतज़ार करना. उसमें दिखाए गए कैरेक्टर्स को कॉपी करने की कोशिश करना. 

7. स्कूल की पिकनिक ट्रिप 

Udgam School

जिस दिन स्कूल की पिकनिक ट्रिप के बारे में बताया जाता था, उसी दिन से उसकी तैयारियों में जुट जाते थे. क्लासमेट्स के साथ बिताए इस अमेज़िंग दिन के बारे में घर आकर सबको बताते थे. 

8. बर्थडे पार्टी 

bumppy.com

बर्थडे पार्टी चाहे अपनी हो या दोस्तों की, उसका इंतज़ार रहता था. इस दिन ढेर सारे गिफ़्ट और मिठाइयां साथ में केक जो खाने को मिलता था. 

9. स्कूल का Annual Day Celebration 

bumppy.com

Annual Day के फ़ंक्शन के लिए डांस या फिर ड्रामा की रिहर्सल के नाम पर क्लास बंक करना.

10. सैंटा क्लॉस 

bumppy.com

दिंसबर का महीना आते ही सैंटा क्लॉस से रिलेटेड गाने और कविताएं गाने लगते थे. इस दिन मिलने वाली टॉफ़ियों और गिफ़्ट्स का बेसब्री से इंतज़ार करते थे. 

क्यों हो गई न बचपन की यादें फिर से ताज़ा? 

इस तरह के और आर्टिकल पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

आपको ये भी पसंद आएगा
बेवफ़ा समोसे वाला: प्यार में धोखा मिला तो खोल ली दुकान, धोखा खाये लवर्स को देता है डिस्काउंट
जानिये दिल्ली, नई दिल्ली और दिल्ली-NCR में क्या अंतर है, अधिकतर लोगों को ये नहीं मालूम होगा
जानिए भारत की ये 8 प्रमुख ख़ुफ़िया और सुरक्षा जांच एजेंसियां क्या काम और कैसे काम करती हैं
मिलिए गनौरी पासवान से, जिन्होंने छेनी व हथोड़े से 1500 फ़ीट ऊंचे पहाड़ को काटकर बना दीं 400 सीढ़ियां
ये IPS ऑफ़िसर बेड़िया जनजाति का शोषण देख ना पाए, देखिए अब कैसे संवार रहे हैं उन लोगों का जीवन
अजय बंगा से लेकर इंदिरा नूई तक, CEO भाई बहनों की वो जोड़ी जो IIM और IIT से पास-आउट हैं