2018 की ये 11 घटनाएं साबित करती हैं कि कुछ सालों में पृथ्वी पर सिर्फ़ जानवरों की तस्वीरें बचेंगी

Sanchita Pathak

पृथ्वी पर सालों से इंसान और जीव-जन्तु रह रहे हैं. सद्भावना से रहने के बजाए इंसानों ने जानवरों का घर, उनका जंगल छीन लिया. कई प्रजातियां हम इंसानों के लालच की भेंट चढ़ गई.

इस साल भी हम इंसानों ने प्रकृति को इतनी क्षति पहुंचाई है, जिसे आसानी से ठीक करना नामुमिकन है:

1. इस साल, विश्व के आख़िरी नर Northern White Rhino की मृत्यु हो गई.

Nhm

सफ़ेद गेंडे का सींग काफ़ी क़ीमती होती है. अवैध शिकार के कारण इस प्रजाति की संख्या तेज़ी से कम हुई है. इसी साल इस प्रजाति के आख़िरी गेंडे की मृत्यु हुई और ये प्रजाति विलुप्त हो गई.

2. गुजरात के गिर में इस साल कई शेरों की मृत्यु हुई.

Financial Express

सिर्फ़ 18 दिनों में गुजरात के गिर में 21 शेरों की मृत्यु हो गई. जांच में पता चला कि किसी बीमारी से शेरों की मौत हुई. विडंबना देखिए, संरक्षण में ही शेरों की मौत हो रही है.

3. अफ़्रीकी हाथी बिना दांत के ही बड़े हो रहे हैं.

Techly

अफ़्रीकी हाथी अब बिना दांत के ही बड़े हो रहे हैं. दुनिया में जीने के लिए उन्होंने ये Trait विकसित किया है. इंसान ने हाथियों को वर्षों से मारा है. न रहेगा दांत और न हाथी मारे जाएंगे.

4. प्रशांत महासागर में कचरे का एक ढेर फ़्रांस के दोगुने आकार का हो गया है.

Phys.Org

इंसानों ने न जानवरों को छोड़ा और न ही जलाशयों को. प्रशांत महासागर की सतह पर कूड़े का एक बहुत बड़ा ढेर जमा हो चुका है. इसका वज़न तकरीबन 87 हज़ार टन है और इसमें प्लास्टिक के 1.7 Trillion टुकड़े हैं.

5. समुद्री तटों पर मरी व्हेल मिलती हैं और जांच से पता चलता है कि उनकी मृत्यु प्रदूषण और प्लास्टिक की वजह से हुई है.

The Sindh Times

इस साल कई बार, अलग-अलग स्थानों पर मृत व्हेल बहकर पहुंची. स्पेन में एक मृत स्पर्म व्हेल समुद्र के किनारे पहुंची. उसके पेट में 29 किलो प्लास्टिक पाया गया.

6. पृथ्वी से 60% वन्यजीवन समाप्त हो चुका है.

People

WWF की रिपोर्ट के मुताबिक, 1970 से 2014 के बीच पृथ्वी का 60% वन्यजीवन ख़त्म हो गया. अवैध शिकार के अलावा, इंसानों ने पृथ्वी की 75% ज़मीन पर भी कब्ज़ा कर लिया है.

7. विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं जिराफ़.

First Step Travel

IUCN (International Union For Conservation of Nature) की रिपोर्ट के मुताबिक, लंबी गर्दन वाले इस पशु की संख्या में 40% गिरावट आई है. शिकारियों के लालच के कारण एक और प्रजाति विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गई है.

8. सहारा रेगिस्तान में हुई बर्फ़बारी.

Travel Triangle

पृथ्वी के सबसे गर्म स्थानों में से एक सहारा रेगिस्तान में इस साल भी बर्फ़बारी हुई. पिछले 3 सालों से यहां बर्फ़बारी हो रही है. ये हमारे प्लैनेट के लिए बड़ी चिंता का विषय है.

9. दुनिया का सबसे छोटा गेंडा, Sumatran Rhino विलुप्त होने वाला है.

Sci-News

दक्षिण-पूर्वी एशिया का गौरव, Sumatran Rhino भी विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गया है. इनकी संख्या 80 से भी कम रह गई है. हम इंसानों ने इनका घर, इनका जंगल छीन लिया, बिचारे जाएंगे भी तो कहां जाएंगे?

10. अगले 50 सालों में हम जितनी प्रजातियां मारेंगे, पृथ्वी को उन्हें बनाने में 70 लाख वर्ष लगेंगे.

Holiday.Me

हम इंसानों के बर्बाद करने की क्षमता इतनी ज़्यादा है कि उससे उबरने में हमारे ग्रह को लाखों साल लग जाएंगे. अगर इसी दर से हम प्रजातियों को ख़त्म करते रहे, तो पृथ्वी को नष्ट होने से रोकना असंभव है.

11. विलुप्त हो गया Eastern Puma

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उत्तरी अमेरिका में पाए जाने वाला Eastern Puma विलुप्त हो चुका है. US Fish And Wildlife Service ने इस बात की पुष्टि की है. ये जानवर बड़े मांसाहारी जानवरों में आता है और इसका विलुप्त होना हमारे Ecosystem के लिए ख़तरे की घंटी है.

अगर अब हम नहीं रुके, तो हमारी आने वाली पीढ़ी कई जानवरों को सिर्फ़ वीडियो और किताबों में ही देखेगी. अभी भी वक़्त है, संभल जाओ.

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