मारपीट, ख़ून-ख़राबा और सीरियल किलर ये आप सबने हिंदी फ़िल्मों में ख़ूब देखे हैं. 3 घंटे की फ़िल्म में जो हैवानियत और बेरहमी से लोगों को मारते दिखाया जाता है उसे देखकर दिल दहल जाता है, लेकिन आज फ़िल्मी दहशत नहीं, बल्कि असल ज़िंदगी के सीरियल किलर की दहशत से रू-ब-रू कराएंगे, जिनसे पूरा भारत हिल गया था.
एक टाइम था जब भारत में इनकी दहशत चारों-तरफ़ थी और ये कोई फ़िल्म नहीं है, जिसमें 3 घंटे बाद सब ठीक हो जाएगा.
ये हैं, वो सीरियल किलर जो फ़िल्मों से नहीं, बल्कि फ़िल्में इन पर बनी हैं:
1. मोहन कुमार
इसे Cyanide Mohan के नाम से भी जाना जाता था. 2005 से 2007 तक इसने 20 महिलाओं को जान से मारा था. इसके अलावा ये कई बैंक फ़्रॉड में शामिल था. इसे 2013 में मौत की सज़ा सुनाई गई थी.
2. देवेंद्र शर्मा
देवेंद्र शर्मा, आयुर्वेदिक दवाओं का डॉक्टर था. ज़्यादा पैसे कमाने के चक्कर में इसने कार चोरी करके ड्राइवर को मारना शुरू कर दिया था. इसने 2002 और 2004 के बीच गुड़गांव, यूपी और राजस्थान में कई वारदातों को अंजाम दिया. इसके बाद 2008 में इसे फ़ासी की सज़ा सुना दी गई.
3. द निठारी किलर्स
मोहिंदर सिंह पंढेर, नोएडा का एक बहुत बड़ा बिज़नेसमैन था. जिसे 2005 से 2006 के बीच निठारी गांव से लापता हुए 16 बच्चों की खोज के लिए इसके नौकर सुरिंदर कोली के साथ गिरफ़्तार किया गया था. इन दोनों पर बलात्कार, नरभक्षण (Cannibal), पीडोफ़िलीया (Pedophilia) और अंग तस्करी जैसे गंभीर आरोप थे. इनमें से कुछ साबित हुए और कुछ नहीं. 2017 में कोली और पंढेर दोनों को मौत की सज़ा सुनाई गई थी.
4. चार्ल्स शोभराज
चार्ल्स शोभराज ने दक्षिण पूर्व एशिया के विभिन्न हिस्सों में 1975 से 1976 के बीच लगभग 12 लोगों की हत्या की थी. शोभराज हत्या करने के बाद उन्हें लूटता था, ताकि ऐश की ज़िंदगी जी सके. शोभराज बहुत ही शातिर था, वो पहले लोगों की मदद करके उनका भरोसा जीतता था फिर उन्हें मार देता था. एकबार उसने फ़्लोरल बिकिनी पहने दो महिलाओं की हत्या की तबसे उसको ‘बिकिनी किलर’ कहा जाने लगा. उसे भारत में पकड़ा गया था, तब वो 1976 से 1997 तक जेल में रहा था. बाद में, 2004 में उसे नेपाल में गिरफ़्तार किया गया था. अब वो अपनी दूसरी उम्रक़ैद की सज़ा काट रहा है.
5. के. डी केम्पम्मा
‘Cyanide Mallika’ बैंगलोर में रहती थी. इस पर 1999 और 2007 के बीच 6 महिलाओं की हत्या का आरोप लगाया गया था. ये लोअर मिडिल क्लास की महिलाओं को साइनाइड देकर मार देती थी, जो घरेलू मुद्दों का सामना कर रही थीं और फिर उनका सामान लूट लेती थी. 2007 में इसे गिरफ़्तार कर आजीवन कारावास दिया गया है.
6. रेणुका शिंदे और सीमा गावित
इन किलर्स बहनों को कम उम्र में ही इसकी मां ने छोटी-मोटी चोरियां करना सिखाना शुरू कर दिया था. इसके बाद इन लोगों ने अपने काम के लिए छोटे बच्चों का अपहरण करना शुरू कर दिया, जो बच्चा इन्हें परेशान करता था उसे ये मार देती थीं. इसी के चलते सत्र न्यायालय द्वारा उन पर 13 अपहरण और 9 हत्याओं का आरोप लगाया गया था. हाल की बात करें, तो इन दोनों की फ़ासी का फ़ैसला होने वाला है और ये पहली महिला होंगी जिन्हें फ़ांसी दी जाएगी इनके भयानक क्राइम के लिए.
7. ठग बेहराम
ठग बेहराम एक कुख़्यात ठगी पंथ का नेता था, जो मध्य भारत में यात्रा करते थे. ये ठग लोगों को बंदी बनाते थे. फिर उनका मुंह रुमाल से बांधकर उनका दम घोटते थे. इसके बाद इन्हें लूट लेते थे. ऐसा माना जाता है कि बेहराम ने 931 लोगों की हत्या की, लेकिन, उसने केवल 125 लोगों को मारने की बात क़ुबूल की था. इसे 1840 में इसके अपराधों के लिए फ़ांसी दी गई थी.
8. रमन राघव
रमन राघव, जिसे ‘साइको रमन’ भी कहा जाता है, 1960 के दशक में मुंबई के झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोग इसके आतंक से दहशत में थे. वो अपने पीड़ितों को मारने के लिए चमगादड़ का इस्तेमाल करता था, जब उसे गिरफ़्तार किया गया था, तो पता चला था कि उसे Schizophrenia नाम की बीमारी है और उसने 23 लोगों की हत्या करने की बात क़ुबूल की थी. 1995 में कि़नी फ़ेल होने से उसकी मृत्यु हो गई थी.
9. एम. जयशंकर
एम. जयशंकर पर 2008 और 2011 के दौरान रेप और हत्याओं का आरोप था. बताया जाता है कि वो तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में 30 रेप, 15 हत्या और डकैती के मामलों में शामिल था. इसके बाद उसे गिरफ़्तार कर बैंगलोर के जेल में रखा गया जहां उसे मानसिक रूप से बीमार बताया गया. जेल से भागने के असफ़ल प्रयासों के बाद, उसने 2018 में आत्महत्या कर ली.
10. दरबारा सिंह
दरबारा सिंह पर अप्रैल से सितंबर 2004 के बीच 15 लड़कियों और दो लड़कों को मारने का आरोप था. वो लोगों की गला दबाकर उनकी हत्या कर देता था. उसे इन भयानक अपराधों के लिए मौत की सज़ा सुनाई गई, लेकिन सबूत न होने के चलते उच्च न्यायालय ने उसे बरी कर दिया था. इसके बाद 2018 में उम्रक़ैद की सज़ा सुनाते समय उसकी मृत्यु हो गई. इसके ख़िलाफ़ सारे मुक़दमें लंबित हैं.
11. अक्कू यादव
अक्कू यादव, एक स्थानीय गुंडा था, जिसकी उम्र 32 साल थी. कई दशकों तक उसने अपने ही इलाके की महिलाओं का बलात्कार कर उनकी हत्या की. नागपुर ज़िला न्यायालय के ठीक बाहर 200 से अधिक महिलाओं की भीड़ ने उसे पीटा था. उस पर कई बार वार किए गए थे और उस पर लाल मिर्च पाउडर और पत्थर फेंके गए. उनमें से एक महिला ने उसके प्राइवेट पार्ट को भी काट दिया था.
फ़िल्मों से ज़्यादा वहशी हैं, ये असल ज़िंदगी के किलर्स.