इश्क़, वस्ल, हिज्र ये सब ज़िन्दगी के हिस्से हैं. प्यार का एहसास कुछ अलग ही होता है, कभी किसी से इतनी मोहब्बत हो जाती है कि उनके बगै़र ज़िन्दगी का एक पल भी गुज़ारना नागवार होता है.
हम ज़िन्दगी के बारे में कुछ भी सोचते हों, ज़िन्दगी हमारे बारे में कुछ और ही सोचकर रखती है. हम किसी को तहे दिल से चाहते हों पर ज़रूरी नहीं कि वो हमेशा के लिए हमारे साथ ही रहे.
हालांकि किसी के रहने या न रहने से ज़िन्दगी नहीं रुकती पर इस पागल दिल को समझाए कौन?
टूटे दिल के दर्द को ज़रा कम और ज़िन्दगी में आगे बढ़ने में मदद कर सकते हैं ये शेर-
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