लाइबी ओइनम! शायद ही किसी ने आज तक ये नाम कभी सुना होगा, लेकिन अब सुनेंगे. कोरोना संकट के बीच इस महिला ऑटो ड्राइवर ने वो कर दिखाया जिसे करने से लोगों ने मना कर दिया था.
कोरोना संकट के बीच जहां कुछ लोग कोरोना से रिकवर हुए मरीज़ों का सामाजिक बहिष्कार करने में लगे हुए हैं. वहीं मणिपुर की रहने वाली इस ऑटो ड्राइवर ने देर रात 140 किलोमीटर का सफ़र तय करके कोरोना से रिकवर हुई एक महिला को उसके घर तक पहुंचाकर इंसानियत की मिसाल पेश की है.
मणिपुर सूचना विभाग ने एक प्रेस रिलीज़ जारी कर बताया कि, कोरोना से पीड़ित 22 वर्षीय सोमिचोन चिथुंग का इंफ़ाल के ‘राजकीय जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान’ में इलाज चल रहा था. कोरोना से रिकवर होने के बाद 31 मई की दोपहर को सोमिचोन को डिस्चार्ज कर दिया गया था. इस दौरान उसने कोरोना संक्रमण के डर से घर जाने के लिए एंबुलेंस सेवा लेने से मना कर दिया था.
सोमिचोन चिथुंग का कहना था कि, जब लोगों को पता चला कि मैं कोरोना से रिकवर हुई हूं, तो हर कोई मुझसे दूर भाग रहा था. इस दौरान दोपहर से शाम तक मेरे पिता और चाचा ऑटो और टैक्सी खोजते रहे, लेकिन रात का समय और 140 किमी की दूरी का बहाना बनाकर सभी ने जाने से इंकार कर दिया. मैं बेहद परेशान थी, बस मुझे रोने आ रहा था.
इस बीच 52 वर्षीय ऑटो ड्राइवर लाइबी ओइनम को जब इसकी ख़बर लगी, तो वो आधी रात को अपना ऑटो लेकर ‘जवाहरलाल नेहरू अस्पताल’ पहुंच गईं. इसके बाद लाइबी ने समय और दूरी को देखे बिना ही सोमिचोन को सही सलामत उसके घर पहुंचाने की ठान ली. इसके बाद लाइबी ने 8 घंटे का सफ़र तय करके इस सोमिचोन को इंफ़ाल से 140 किमी दूर कमजोंग स्थित उनके घर तक पहुंचाया.
सीएम ने भी की सराहना
कौन हैं लाइबी ओइनम?
आज लाइबी ओइनम के इस नेक काम की सोशल मीडिया पर ख़ूब सराहना हो रही है. ट्विटर यूज़र्स ने लाइबी को असली हीरो बताया है.