निदा फ़ाज़ली: वो शायर, जिनकी शायरी गहरे जज़्बातों को आसान शब्दों में लपेटकर दिल छू लेती हैं

Sanchita Pathak

कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता 

किसी को ज़मीन नहीं मिलती, किसी को आसमां नहीं मिलता

गंभीर पर सहज, गहरे पर डूबने योग्य, मुश्किल पर आसान… ऐसे ही हैं निदा फ़ाज़ली के शेर. आसान से लगते लफ़्ज़ों में गहराई से भरपूर बातें कह गए हैं निदा फ़ाज़ली. 

कश्मीरी परिवार में पैदा हुए थे मुक़्तदा हसन उर्फ़ ‘निदा फ़ाज़ली’. छोटी सी उम्र से ही लिखने लगे थे फ़ाज़ली. कॉलेज के दिनों में उनके सामने बैठने वाली एक लड़की से उनका अनकहा सा रिश्ता बन गया. फिर एक दिन कॉलेज के नोटिस बोर्ड में उन्होंने देखा कि उस लड़की की मृत्यु हो गई है. फ़ाज़ली काफ़ी दुखी हुए. उन्हें ये महसूस हुआ कि उन्होंने आज तक जो भी लिखा है वो उनके अंदर को ग़म व्यक्त नहीं कर पा रहा है.

एक दिन वे एक मंदिर के पास से गुज़र रहे थे, मंदिर में कोई ‘मधुबन तुम क्यौं रहत हरे? बिरह बियोग स्याम सुंदर के ठाढ़े क्यौं न जरे?’ ये भजन कर रहा था. कृष्ण वियोग के इस भजन को सुनकर फ़ाज़ली साहब को भी अपना जी हलका लगने लगा. कहते हैं कि शुरुआत में जनाब फ़ाज़ली काफ़ी मुश्किल शेर लिखते थे. सूरदास, कबीर, बाबा फ़रीद की सीधी-सादी भाषा की कविताएं पढ़कर उन्होंने भी सरल भाषा में लिखना शुरू किया.  

विभाजन के बाद निदा का पूरा परिवार पाकिस्तान चला गया पर वो भारत में ही रह गए. उनकी नज़्मों में कहीं तनहाई की हवाएं हैं, तो कहीं इश्क़ की भीनी-भीनी महक. 

निदा फ़ाज़ली के ही कुछ शेर नज़र करते हैं:  

कहते हैं शायरों को नज़्में पिरोने के लिए महबूबा की ज़रूरत होती है. जनाब फ़ाज़ली ने अपनी मां पर भी ग़ज़ल लिखी है. यहां देखिए वीडियो: 

Designed by: Kumar Sonu

आपको ये भी पसंद आएगा
बेवफ़ा समोसे वाला: प्यार में धोखा मिला तो खोल ली दुकान, धोखा खाये लवर्स को देता है डिस्काउंट
जानिये दिल्ली, नई दिल्ली और दिल्ली-NCR में क्या अंतर है, अधिकतर लोगों को ये नहीं मालूम होगा
जानिए भारत की ये 8 प्रमुख ख़ुफ़िया और सुरक्षा जांच एजेंसियां क्या काम और कैसे काम करती हैं
मिलिए गनौरी पासवान से, जिन्होंने छेनी व हथोड़े से 1500 फ़ीट ऊंचे पहाड़ को काटकर बना दीं 400 सीढ़ियां
ये IPS ऑफ़िसर बेड़िया जनजाति का शोषण देख ना पाए, देखिए अब कैसे संवार रहे हैं उन लोगों का जीवन
अजय बंगा से लेकर इंदिरा नूई तक, CEO भाई बहनों की वो जोड़ी जो IIM और IIT से पास-आउट हैं