देश के सबसे बेहतरीन कमांडो बनने के लिए कैडेट्स को करना पड़ता है, इन 16 कठिन चरणों को पार

Subhash

परिस्थितियां कितनी भी विपरीत क्यों न हो, अपने हौसले और वीरता के लिए भारतीय सेना हमेशा जानी जाती है. आज हम आपको देंगे भारतीय सेना के मार्कोस कमांडोज़ के बारे में कुछ दिलचस्प जानकारियां. मार्कोस दुनिया के सबसे बेहतरीन कमांडोज़ में से एक हैं. मार्कोस कमांडोज़ की ट्रेनिंग दुनिया में सबसे कठिन ट्रेनिंग मानी जाती है.

कमांडोज़ की ये ट्रेनिंग Army Paratroopers और पश्चिमी देशों के सैनिकों से कहीं कठिन होती है. भारतीय मार्कोस कमांडोज़ की ट्रेनिंग यूएस नेवी सील के समान ही होती है. आइए एक नज़र डालते हैं मार्कोज़ कमांडोस की ट्रेनिंग के चरणों पर.

1. HALO और HAHO Jump

एक मार्कोस कमांडो बनने की पहली शर्त HALO और HAHO Jump है. आइए आपको बताते हैं क्या होती है HALO और HAHO Jump.

HALO Jump – धरती से 11 किलोमीटर की ऊंचाई से कूदना होता है. इसमें कमांडो को अपना पैराशूट धरती के नज़दीक पहुंचने पर ही खोलना होता है.

HAHO Jump – धरती से 8 किलोमीटर की ऊंचीई से कूदना होता है. इसमें कमांडो को अपना पैराशूट कूदने के बाद 10-15 सेकेंड बाद खोलना होता है. 8 किलोमीटर की ऊंचाई से ये कूद -40 डिग्री सेल्सियस तापमान में होती है.

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