बीते रविवार को बेंगलुरु मोदी मस्जिद में अलग ही नज़ारा देखने को मिला. अलग-अलग धर्मों के कई लोगों ने इस मस्जिद में प्रवेश किया.
Times of India की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, 170 साल पुराने इस मस्जिद ने सभी धर्म के लोगों के लिए अपने दरवाज़े खोले. शहर के बीचों-बीच बनी इस मस्जिद में हिन्दू, ईसाई और सिखों ने प्रवेश कर प्रेम और सौहार्द का एक ऐसा माहौल बनाया कि देखने वाले देखते रह गये.
News18 की रिपोर्ट के अनुसार, ग़ैर मुस्लिमों को अपने धर्म के बारे में समझाने और धर्मों के बीच ज़्यादा बात-चीत स्थापित करने के लिए मस्जिद ने अपने दरवाज़े खोले. ठाणे और बेंगलुरु के रहमत ग्रुप ने इस अनोखे दिन का आयोजन किया. आयोजकों ने इस दिन का नाम भी रखा, ‘Mosque Visiting Day’
आयोजकों ने आने वाले लोगों की संख्या सिर्फ़ 170 रखी थी फिर भी लगभग 400 लोग मस्जिद पहुंचे. आगंतुकों के लिए मस्जिद का दौरा, इबादत और फिर दोपहर के खाने की व्यवस्था की गई थी.
मस्जिद पहुंचने वालों में हर उम्र और हर प्रोफ़ेशन के लोग थे. आयोजकों ने आगंतुकों से सीएए और एनआरसी पर चर्चा न करने की दरख़्वास्त की थी.