बाढ़ से हर साल देश के कई इलाके प्रभावित होते हैं. कुछ जगहें तो हमारी नज़रों के सामने आ जाती हैं पर कुछ इलाके गुमनामी के अंधेरे में ही खो जाते हैं, क्योंकि उन पर मीडियाकर्मियों की महरबानी नहीं होती.
इस साल बाढ़ ने अपना कहर भारत के 3 उत्तरपूर्वी राज्यों, असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश पर बरपाया. सरकार के अनुसार, नई तकनीक से इन क्षेत्रों में हुई क्षति का अंदाज़ा लगाया गया है. बाढ़ से अब तक 80 लोगों की जान गई है.
सभी राज्यों में सबसे अधिक नुकसान असम को हुआ है. असम से लगभग आधे मिलियन यानि कि 5 लाख लोग बाढ़ से पीड़ित हुए हैं. असम के 13 ज़िले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और तेज़ बारिश के कारण 26 लोगों ने अपनी जान गंवाई है.
उत्तर पूर्वी राज्यों में आई भयानक बाढ़ का अंदाज़ा इन 18 भयानक तस्वीरों से लगाया जा सकता है-
01) मोरीगांव ज़िले में नाव से बाढ़ के पानी से सुरक्षित जगह पर जाते गांववाले
02) काज़ीरंगा नेशनल पार्क में घुसे बाढ़ के पानी में तैरता हुआ Indian Hog Deer का एक झुंड
03) ऑटोरिक्शा चालक अपनी ऑटो को चेक कर रहा है, तस्वीर नागालैंड के दिमापुर की है.
04) बाढ़ से बचकर जाते हुए हाथियों का एक झुंड
05) मोरीगांव ज़िले के बुराबुरी गांव में एक व्यक्ति अपनी गाय को बाढ़ के पानी से ले जाते हुए
06) काज़ीरंगा पार्क में नाव पर Patrolling करते हुए Forest Guard
07) बाढ़ के पानी में फंसे ऑटोरिक्शे को धक्का देते कुछ बच्चे
08) 22 वर्षीय मबिया ख़ातून ने बाढ़ में अपने 2 महीने के बच्चे को खो दिया
09) बाढ़ के पानी से अपने सामान को ले जाते हुए एक फ़ेरीवाला
10) असम के करीमगंज ज़िले के पद्देरपर गांव में पीने का पानी ले जाते हुए एक बालक
11) बाढ़ से बचते हुए ऊंची जगहों पर शरण लेते One Horned Rhinoceros
12) बाढ़ पीड़ित गांववाले सुरक्षित जगह पर जाते हुए
13) प्राइवेट अस्पताल के Emergency Ward के सामने खड़े कुछ लोग
14) Rubber Boat पर बाढ़ का जायज़ा लेते अधिकारी
15) घर के बाहर भरे पानी में खड़े कुछ लोग
16) गुवाहाटी में अपने बेटे को कंधे पर उठाये बाढ़ के पानी से गुज़रता एक पिता
17) बाढ़ के पानी से मिली मछलियों को दिखाता एक बच्चा
18) बाढ़ में बर्बाद हो गया घर, फिर भी घर छोड़कर नहीं गये ये लोग
हर साल यही नज़ारा देश के किसी न किसी हिस्से में देखने को मिलता है, फिर भी सरकार कोई उपाय नहीं करती. हर साल कुछ लोगों के घर बह जाते हैं, कुछ लोग मर जाते हैं, पर हालात जस के तस ही रहते हैं.
Source: India Times