बीते 16 मार्च को केरल में एक डॉगी के बुरी तरह पीटे जाने की ख़बर आई थी. कालीकट यूनिवर्सिटी के एक गार्ड ने एक दो महीने के डॉग को दीवार पर दे मारा था. इस घटना के तुरंत बाद उसे अस्पताल ले जाया गया था. फ़ाइनली उसे बचा लिया गया है और वो बहुत ही अच्छे से रिकवर भी कर रहा है.
केरल की Humane Society International नाम की संस्था ने इस डॉग का इलाज करवाया है. जानवरों के हित के लिए काम करने वाली इस संस्था के पास जब ये डॉग आया था, तब वो बेहोश था और उसकी कई नसें क्षतिग्रस्त हो गई थीं.
इसके चलते वो न तो हिल सकता था, न ही ख़ुद से खाना खा पाता था. लेकिन संस्था द्वारा की गई लगातार देखभाल और प्यार से वो कुछ ही दिनों में रिकवर करने लगा. संस्था के लोगों ने इसे लकी नाम दिया है.
लकी के बारे में बात करते हुए पशु चिकित्सक शिवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा, जब लकी हमारे पास आया था, तब हमें नहीं लगता था कि वो एक रात भी सर्वाइव कर पाएगा. लेकिन उसकी दृढ़ इच्छाशक्ति ने उसे बचा लिया. अब वो पहले से ज़्यादा बेहतर है. वो दूसरे डॉग्स के साथ खेलता भी है और ख़ुद खाना भी खाने लगा है.
डॉक्टर्स का कहना है कि फ़िज़ियोथेरेपी से लकी तेज़ी से ठीक होने में कमायाब रहा है.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कालीकट यूनिवर्सिटी के जिस गार्ड ने लकी को बुरी तरह पीटा था, उसके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर ली गई है. आरोपी गार्ड का नाम मनोज कुमार है, जो फ़िलहाल जेल में है.
HSI के एक अधिकारी ने इस घटना को निंदनीय बताया है. उन्होंने कहा-‘आरोपी के ख़िलाफ़ IPC की धारा 428 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. अच्छी बात ये है कि वो गिरफ़्तार भी हो गया है. मगर हमारे समाज के अधिकतर लोगों को अभी तक ये नहीं पता है कि जानवरों को हानी पहुंचाना एक दंडनीय अपराध है. इसलिए जानवरों के प्रति क्रूरता को लोग हल्के में लेते हैं. ज़रूरत है उन्हें जागरुक करने की.’