विविधताओं का देश, भारत…
कहते हैं सभ्यता यहां सबसे पहले आई, कला और संस्कृति में हमारे देश का कोई जवाब नहीं. हमारे समृद्ध विरासत की गवाही देने वाली कई इमारतें आज भी सीना चौड़ा करके खड़ी हैं.
हमने इस समृद्धि को बनाए रखने के लिए कई क़ुर्बानियां दी हैं और दे रहे हैं.
आज ख़ुद पर गर्व करने के लिए कुछ तस्वीरें देख लो कि हमने अपने देश की समृद्धि किस तरह से बनाकर रखी है-
1. वाह!
2. ट्रिप पर यहां चलें?
3. बेहद सुंदर.
4. इसे कहते हैं सौंदर्य!
5. लाजवाब!
6. ऐसी ख़ूबसरती देखी नहीं कहीं.
7. शहर की ख़ूबसरती में 4 चांद लगा दिए.
8. जन्नत है ज़मीं पर कहीं, यहीं पर है.
9. हम निशब्द हैं!
10. नज़र न लग जाये!
11. देस रंगीला रंगीला, देस मेरा रंगीला
12. एक ही दिल है कितनी बार जितोगे?
13. हमारे यहां गौ को मां कहा जाता है.
14. जय हो!
15. आंखें ख़ुश हो गईं
16. मुझको भावे तेरी गलियां!
17. ख़ुशी के आंसू आ गये.
18. आओ तुम्हें चांद पर ले जाएं.
19. बनाने वाले ने फ़ुर्सत से बनाया है.
20. इत्ती सी हंसी, इत्ती सी खु़शी
21. गली में आज चांद निकला!
22. देश की बेहद ख़ूबसूरत नदी
23. बोटिंग करेंगे न इधर!
24. यहां चाय पर चलें?
25. प्रकृति की गोद में.
किसी की भावनाओं को आहत करना हमारा मक़सद नहीं,
कोशिश यही है कि देश की ये सूरत बदलनी चाहिए!