कहते हैं किसी भी रिश्ते में झूठ, छल-कपट और भेदभाव नहीं होना चाहिए, लेकिन फिर भी हमारे आस-पास बहुत से ऐसे लोग होते हैं, जो बात-बात पर झूठ बोलते हैं. इतना ही नहीं, कभी मामले की असलियत पता होने के बावजूद, लोग मुंह पर झूठ बोलते दिखाई देते हैं. कई बार लोग अपनी ग़लतियां छिपाने के लिए झूठ बोलते हैं, तो कई बार वो ऐसा किसी अपने को बचाने के लिए करते हैं.
शायद ही कोई ऐसा दिन बीतता हो जब किसी इंसान ने किसी से झूठ न बोला हो. कुछ लोग झूठ को इतना शक्तिशाली समझते हैं कि छोटी-छोटी बातों पर झूठ बोलना उनकी आदत हो जाती है. ज़िंदगी में कई मौके ऐसे होते हैं, जब लोग बिना वजह झूठ बोलते हैं. यानि, जहां झूठ बोलने की ज़रूरत न भी हो, वहां भी वो झूठ बोल बात बदलने की कोशिश करते हैं.
कभी घर लेटे आने पर झूठ, तो कभी ऑफ़िस से छुट्टी लेने के लिए झूठ. घर से लेकर कोर्ट तक हर जगह, आपको किसी न किसी के मुंह से झूठ सुनने को मिल ही जाएगा. पर क्या कभी आपके मन में ये ख़्याल आया कि आख़िर लोग झूठ क्यों बोलते हैं, जबकि बिना झूठ बोले भी आसानी से काम किया जा सकता है.
अगर आप लोगों के झूठ सुन-सुन कर परेशान हो गए हैं, तो अब ऐसा करने की ये 6 बड़ी वजहें भी जान लो…
1. झूठ उनके लिए महत्वपूर्ण होता है
कई बातें आपकी नज़र में बेहद हल्की होती हैं. यानि, उन पर ज़्यादा स्ट्रेस लेने की ज़रूरत नहीं होती, लेकिन वही बातें झूठ बोलने वाले व्यक्ति की नज़रों में बहुत बड़ी होती हैं. वो लोग फ़िज़ूल की बातों पर अपना दवाब बनाने की कोशिश करते हैं, क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि ये मुद्दा काफ़ी गंभीर और महत्वपूर्ण है. ये बात आपको तब तक समझ नहीं आएगी, जब तक आप उनसे ये नहीं पूछते कि ‘क्या वास्तव में ये मामला तुम्हारे लिए काफ़ी महत्वपूर्ण है और आखिर क्यों?’
2. झूठ बोल कर हालातों को नियंत्रित करना
कभी-कभी हम सच बोल कर हालातों से हार मान लेते हैं, लेकिन वहीं झूठ बोलने वालों को ये लगता है कि वो ऐसा करके मामले को अपने नियंत्रण में ले लेंगे. सच्चाई कड़वी होती है, क्योंकि ये उनकी सोच से मेल नहीं खेल खाती.
3. वो किसी को निराश नहीं करना चाहते
कभी-कभी हमारे आस-पास मौजूद लोग हमसे इतना प्यार करते हैं कि वो सच बोल कर हमें निराश नहीं करना चाहते. इसीलिए वो अकसर झूठ बोल कर हमें ख़ुश करने की कोशिश करते हैं. इसके साथ ही उन्हें ये भी डर रहता है कि कहीं सच बता कर वो हमें खो न दें. कभी-कभी लोग सामने वालों की नज़रों में ख़ुद को अच्छा और बड़ा दिखाने के लिए भी झूठ बोलते हैं.
4. झूठा साबित नहीं होना चाहते
कभी-कभी हम एक झूठ को छिपाने के लिए झूठ पर झूठ बोलते रहते हैं, लेकिन शायद इस दौरान हम ये भूल जाते हैं कि जिस दिन झूठ की पोल खुलेगी, उस दिन क्या होगा? इसके अलावा झूठ बोलने का एक कारण ये भी है कि अगर आपने किसी के सामने ये स्वीकार कर लिया कि आपने झूठ बोला था, तो शायद वो अगली बार आप पर विश्वास नहीं करेंगे.
5. उनके लिए झूठ, झूठ नहीं होता
रिसर्च के मुताबिक, हमारी स्मृति अविश्वनीय है. हमारी यादें कई चीज़ों से प्रभावित होकर, समय के साथ-साथ बदलती रहती हैं. कभी-कभी लोग मौजूदा हालातों से निकलने के लिए झूठ का सहारा लेते हैं. कुछ चीज़ें उनके दिमाग़ पर इतना हावी हो जाती हैं कि वो सोच-सोच में ही अपनी एक अलग दुनिया बना लेते हैं. इसीलिए जब एक झूठा व्यक्ति किसी बात को लेकर सामने वाले शख़्स से झूठ बोलता है, तो वो झूठ उनकी नज़रों में झूठ नहीं होता.
6. झूठ को सच में बदलने कि ख़्वाहिश रखना
झूठ बोलने वालों के साथ एक बड़ी ही अजीब तरीके की दिक्कत होती हैं. वो ये है कि कभी-कभी वो एक ही झूठ को बार-बार दोहराते रहते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके ऐसा करने से उनका झूठ सच में तब्दील हो जाएगा और अपनी इसी ख़्वाहिश के चलते वो झूठ का सहारा लेते हैं.
वैसे झूठ, झूठ होता है किसी के अच्छे के लिए बोला जाए या फिर बुरे के लिए. सच बोल कर आप सामने वाले को थोड़ी देर के लिए दुःख ज़रूर पहुंचा सकते हैं, लेकिन इससे आप आने वाले समय की तमाम परेशानियों से बच जाएंगे. इसके साथ ही सामने वाले की नज़रों में आपकी इमेज भी अच्छी बनी रहेगी और वो आपकी इज्ज़त भी करेगा. अगर आपको ये पोस्ट पसंद आया, तो इसे शेयर ज़रूर करिएगा.
Source : Psychologytoday
Feature Image Source : Awarenessact