घर से दूर रहने पर सबसे ज़्यादा याद घर के खाने और आराम की आती है क्योंकि घर जैसा तो कहीं मिलता ही नहीं है. भले ही कितना महंगा घर किराए पर ले लो, लेकिन सुबह-सुबह वो मम्मी के हाथ की चाय, लंच में दाल, चावल, रोटी, सब्ज़ी और डिनर में फिर कुछ नया. वो तो सिर्फ़ घर में रहो तभी मिलता है. मेरी एक दोस्त ने बताया कि उसके बॉस ने अपने बच्चों के लिए घर का बना अचार, लड्डू और मिठाई विदेश तक भेज दी, ताकि उन्हें घर की चीज़ें खाने को मिलें.
तभी दिमाग़ में आया क्यों न और लोगों से भी पूछा जाए कि क्या उनके माता-पिता भी ऐसा करते हैं तो लोगों ने ख़ूब जवाब दिए. कोई उनकी भेजी चीज़ों से ख़ुश हुआ तो कोई थोड़ा दुखी, तो किसी को लगा कि ये सामान भी कोई भेजता है.
ये रहे उनके जवाब:
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