अगर आपको लगता है भूत नहीं होते, तो इन 8 भुतहा कहानियों को सुनने के बाद आपकी राय बदल जाएगी

Kratika Nigam

सबकी ज़िंदगी में दो ऐसे इंसान ज़रूर होते हैं, जिनमें एक को हॉरर स्टोरीज़ सुनाना पसंद होता है, तो दूसरे को सुनना. ऐसा ही कुछ मेरे सर्किल में भी है. अकसर हम दोस्तों के साथ या फ़ैमिली गेट-टुगेदर करते हैं और तभी मामा जी बोलते हैं भूत की कहानी किसे सुननी है, तो सबसे पहले मैं अपना हाथ खड़ा करती हूं, क्योंकि मुझे भूत की कहानियां सुनना बहुत पसंद है.

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हालांकि, मेरा इन कहानियों पर यक़ीन नहीं है, न मुझे लगता है कि ऐसा कुछ होता है. मगर Thoughtcatalog नाम की Website पर इस आर्टिकल को पढ़कर आज मेरा यक़ीन थोड़ा-थोड़ा डगमगा गया है. इस आर्टिकल में कुछ परिवारों ने अपने साथ घटित हुई भूत-प्रेतों की घटनाओं के बारे में बताया है. इन्हें सुनकर मैं, तो डर गई और अब आपसे साझा करने जा रही हूं. 

पहली कहानी: जब उसकी दादी उसके कमरे में आई

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एक महिला ने बताया, मेरी बहन की बेटी बहुत छोटी थी तब वो डरावने सपनों की वजह से आधी रात में चीख कर उठ जाती थी. मगर जब वो 5 साल की हुई तो उसकी दादी की डेथ हो चुकी थी, लेकिन ये बात उसे किसी ने नहीं बताई क्योंकि सबलोग एक सही समय का इंतज़ार कर रहे थे उसे ये बात बताने का. तभी अंतिम संस्कार से एक दिन पहले उसकी दादी उस बच्ची के कमरे में आईं और उसके पास आने लगीं, तो वो डरकर मम्मी के कमरे में भागी और बताया कि दादी मेरे कमरे में हैं और पर्दे के पीछे से अपने हाथों को हिला रही हैं. इसके बाद उसकी मम्मी ने कमरे में जाकर देखा तो पर्दा हिल रहा था, लेकिन वहां कोई नहीं था. तब उनको लगा कि दादी आख़िरी बार मिलने आई होंगी और चली गईं.  

दूसरी कहानी: किराए का घर

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एक सैलून ओनर ने बताया कि सैलून पर एक क्लाइंट की कहानी ने मुझे अंदर तक हिला दिया. हुआ ये कि उन्होंने नया घर लिया था, जिसमें वो अपने बच्चे और पत्नी के साथ शिफ़्ट हुए. घर तीसरी मंज़िल पर था और बाकी के दो फ़्लोर खाली पड़े थे. उन्होंने बताया शिफ़्ट होने के कुछ दिन बाद ही उनके 5 साल के बेटे को घर में दिक्कतें होने लगीं. उसके कमरे में सिंगिंग चेयर के ऊपर कोई पैंट पहन कर बैठा है और लगातार हिले जा रहा है. इसके बाद वो चीखकर उठ गया उसने ये बात अपने पैरेंट्स को बताई. मगर उन्होंने यक़ीन नहीं किया और उसको बुरा सपना बताकर भूल जाने को कहा. फिर एक दिन उसने बताया कि आज उन्होंने मुझसे गुस्से में और चिल्लाकर बात भी की. 

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मगर फिर वही हुआ मेरे क्लाइंट ने अपने बेटे को डांटा और रात में कुछ भी देखने से मना किया. ताकि उसे ऐसे डरावने सपने न आएं. इसके चलते वो अपने बेटे के कमरे में उसी चेयर पर बैठ गए, लेकिन उन्होंने देखा कि उनके पीछे कोई खड़ा है और उन्हें घूर रहा है. घर में बिल्कुल शांति थी और वो उन्हें तब तक घूरता रहा जब तक वो गायब नहीं हो गया. उन्होंने ये बात अपनी पत्नी को बताई और उस घर को तुरंत छोड़ने का फ़ैसला लिया.

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इसके दूसरे ही दिन ही उनकी पत्नी ने अपने बेटे को नहलाने के लिए बाथरुम में पानी ऑन किया तभी उन्हें लिविंग रूम में रेडियो के ऑन होने की आवाज़ आई. उन्होंने फ़ौरन रेडियो ऑफ़ किया. ऑफ़ करके जैसे ही आईं दोबारा ऑन हो गया ऐसा कई बार हुआ उन्होंने रेडियो का तार हटाकर साइड में रख दिया और वापस बाथरुम आ गईं, तभी फिर उन्हें रेडियो की आवाज़ आई जैसे ही बंद करके वापस आ रही थीं, तो उन्हें किचन में बर्तन के गिरने की और शेल्फ़ के खुलने की आवाज़ें आने लगीं. इन चीज़ों से वो अपने बच्चे को दूर रखना चाहती थीं, क्योंकि वो बहुत ख़ुशी-ख़ुशी अपने बाथटब में खेल रहा था. इतना भयानक मंज़र देखकर वो डर गईं और अपने पति को फ़ोन करके बुलाया. उन्होंने आकर पूरा घर अस्त-व्यस्त पाया. फिर तुरंत उस घर को छोड़कर वहां से दूसरी जगह शिफ़्ट हो गए. बाद में पूछने पर पता चला कि कुछ साल पहले कुछ लोगों की इस फ़्लैट में मौत हो गई थी और उनमें से एक यक्ति बहुत ही गुस्से वाला भी था. वही लोग उन्हें डरा रहे थे. 

तीसरी कहानी: जब पता चली ‘चार्ली’ की हक़ीक़त

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एक महिला बताती हैं कई साल पहले उनकी भांजी अपने दोस्त चार्ली के बारे में बताती थी और हम सब सुनते थे. एक दिन मैं, मेरी भांजी और वो हम सब साथ में शॉपिंग करने गए और मैं और मेरी भांजी कार में ही रुक गए, तो मैं उसकी प्यारी-प्यारी बातें सुनकर उसका वीडियो बना रही थी, तभी उसने बोला कि चार्ली हमारे साथ कार में है. ये सुनकर मैं चौंक गई, लेकिन वो लगातार बोल रही थी चार्ली है गाड़ी में. इसके बाद मैं उससे जो भी सवाल कर रही थी वो बस देख रही थी. 

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हम सबको पता था कि चार्ली उसका काल्पनिक दोस्त है, लेकिन ये बात उस दिन पता चली कि वो लड़का नहीं एक लड़की है. मेरी बांजी ने बताया वो नानी की अच्छी दोस्त थीं और नानी के पास एक पक्षी था जिसका नाम ट्वीटी था क्या आप लोग जानते हैं उसके बारे में. ये उन्होंने तब रखा था जब वो ज़िंदा थीं. मेरी बहन ने जब उससे पूछा कि वो कैसे जानते हैं ट्वीटी के बारे में, तो उसने बताया कि चार्ली ने बताया. मगर हमें आजतक नहीं पता कि वो सच था या हक़ीक़त या उसे कैसे पता ट्वीटी के बारे में.   

चौथी कहानी: होटल में भूत भी हमारे साथ थे

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एक व्यक्ति बताते हैं, कि एक दिन वो और उनका परिवार बॉस्टन के नॉर्थ एंड में घूम रहे थे. तो हमें भूख लगी तो हम खाना खाने के लिए एक रेस्टोरेंट में रुक गए. तभी उनकी भांजी ने कुछ अजीब-अजीब सी हरकतें करनी शुरू कीं और वो पूरे डिनर के दौरान शांत रही. जब उससे वजह पूछी तो वो बोली कि कुछ “पुराने ज़माने के कपड़े पहने हुए” रेस्टोरेंट में घूम रहे हैं और वो यहां क्या कर रहे हैं उसे नहीं पता. साथ ही उसने बताया कि वो लोग उसे डरा रहे थे. रेस्टोरेंट में ज़्यादा भीड़ भी नहीं थी और वहां पर ऐसा कोई नहीं था. इस सिलसिले में जब रेस्टोरेंट के मालिक से पूछा, तो उसने बोला कि ये रेस्टोरेंट बहुत पुराना है, तो हो सकता है ये वही मेहमान हों जो उसे दिखे.

पांचवी कहानी: उस रात कोई था मेरे दरवाज़े पर?

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एक महिला बताती हैं कि उस रात वो और उनकी बहन कमरे में सो रही थीं, तभी उनकी मम्मी डरी और सहमी सी आयीं और पूछा कि तुम दोनों में से कोई अभी मेरे रूम में आया था क्या? तो हमने उन्हें मना कर दिया. फिर अगले दिन सुबह वो बहुत ही बेचैन थीं और हमारे लिए ब्रेकफ़ास्ट बना रही थीं, तभी उन्होंने दोबारा पूछा कि सच बताओ कल तुम लोग मेरे कमरे में नहीं आए थे. तब भी हमने मना किया. तब मम्मी बोलीं कि कल मेरे कमरे के दरवाज़े के पास कोई खड़ा था, बिल्कुल तुम्हारे मामा जैसा लग रहा था, लगता है मेरा वो भाई मुझसे मिलने आया था. मम्मी जिन मामा की बातकर रही थीं उन्हें हमने कभी देखा ही नहीं था और अब वो इस दुनिया में नहीं है. हमारे लिए बहुत ही हैरान करने वाली बात थी कि वो मम्मी को दिखे. 

छठी कहानी: वो पियानो वाला

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एक व्यक्ति ने बताया कि, मेरे ऑफ़िस की बिल्डिंग में जो गार्ड है वो अकसर हमें डरावनी कहानियां सुनाता था. मगर ये कहानी मुझे हैरान कर गई. एक दिन वो ड्यूटी पर था तभी उसे पियानो की आवाज़ सुनाई दी वो जैसे ही उस ओर गया तो उसने देखा कि कोई पियानो बजा रहा है और अपना सिर पटक रहा है. उसने उसे वहां पर पियानो बजाने से मना किया और गुस्सा भी किया, कि तुम यहां पियानो नहीं बजा सकते. जैसे ही वो अंदर आया उसने देखा वहां कोई नहीं था. कुछ देर वो वहां रुका भी लेकिन वहां कोई नहीं था सिर्फ़ वो ही था.

सांतवी कहानी: पड़ोसियों का घर

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एक महिला ने वो साझा किया जो उनके मंगेतर की मम्मी ने उन्हें बताया था, उनके पड़ोस में एक परिवार रहता था, जिसमें चार लोग रहते थे. उस सभी ने कुछ न कुछ ऐसा अनुभव किया था जो चौंकाने वाला था. एक दिन उस परिवार के सदस्य रात में वॉशरूम यूज़ करने गए. तभी उनको कुछ आवाज़ें सुनाई पड़ीं जैसे ही वो उस तरफ़ गए वो आवाज़ें बेसमेंट से आने लग गईं, वो आवाज़ें पार्टी की थीं. मगर जब वो वहां गए थे ऐसा कुछ भी नहीं था. कुछ दिन बाद उनकी बेटी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ, उसे अपने पापा को सीढियों पर देखा, लेकिन मम्मी ने बताया कि वो तो बिज़नेस ट्रिप पर बाहर हैं. फिर उन्होंने जाकर देखा तो वहां कोई नहीं था. सिर्फ़ पर्दे हिल रहे थे. जब उन्हें किसी तीसरे के होने का एहसास हुआ तो तुरंत अंदर चले गए और दरवाज़ा बंद कर लिया.

आंठवी कहानी: मम्मी की आवाज़ सुनी पर कोई नहीं था 

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मेरे मंगेतर की मम्मी ने बताया कि वो लोग जिस घर में शिफ़्ट हुए थे. वहां पर उन्हें कुछ अजीब एहसास होते थे, जैसे किसी बच्चे की आवाज़ और एक दिन उन्होंने देखा कि एक बूढ़ा आदमी सिंगिंग चेयर पर बैठा है छोटे से बच्चे के साथ. उनके परिवार में सभी ने अजीब-अजीब सी आवाज़ें सुनी थी. एक दिन उन्होंने एक बच्चे की आवाज़ में सुना कि वो उन्हें मम्मी पुकार रहा है, उन्होंने पलटकर देखा तो कोई नहीं था. आवाज़ कई बार आई, लेकिन कोई था नहीं वहां. कुछ दिन बाद ही एक कॉल आया उनके घर पर किसी ने पूछा कि म्यूरिल हैं, तो उन्होंने बोला कि नहीं वो तो काफ़ी समय पहले ही दुनिया से जा चुकी हैं और उस व्यक्ति ने फ़ोन रख दिया. जब उस नम्बर पर उन्होंने दोबारा कॉल किया तो वो नम्बर ग़लत था. मगर पता नहीं चला कौन था?

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अगर ऐसी ही कुछ घटनाएं आपके साथ भी हुई हैं, तो हमें कमेंट बॉक्स में बताइएगा ज़रूर.

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