तमिलनाडु के कोयम्बटूर ज़िले की रहने वाली 80 साल की एक बज़ुर्ग महिला लकड़ी के चूल्हे में इडली बनाती हैं. इस बुज़ूर्ग महिला की ख़ास बात ये है कि वो सुबह काम पर जाने वाले मजदूरों को मात्र 1 रुपये में इडली बेचती हैं.
दरअसल, पिछले काफ़ी समय से सोशल मीडिया पर 80 साल की कमलाथल अम्मा का एक वीडियो ख़ूब वायरल हो रहा था. वीडियो में ये बज़ुर्ग महिला लकड़ी से जलने वाले स्टोव का उपयोग कर इडली बनाती नज़र आ रही हैं. महंगाई के इस दौर में वो महज 1 रुपए में लोगों को इडली बेच रही हैं.
महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा सोशल मीडिया पर अपनी मौजूदगी से अक्सर लोगों का दिल जीतते रहते हैं.
बीते मंगलवार को आनंद महिंद्रा ने ट्वीट कर 80 साल की कमलाथल अम्मा के जज़्बे को सलाम करते हुए लिखा-
ये उन कहानियों में से है जो हम सभी को प्रेरित करती है. वो आज भी लकड़ी से जलने वाले चूल्हे का उपयोग करती हैं. मैं उनके व्यवसाय में निवेश करना चाहता हूं और उन्हें एक एलपीजी ईंधन वाला चूल्हा भी ख़रीदकर देना चाहता हूं.
हालांकि, ये मामला सामने आने के बाद सरकार ने कमलाथल अम्मा के लिए एलपीजी कनेक्शन जारी कर दिया. जिस पर आनंद महिंद्रा ने सरकार का शुक्रिया अदा किया है.
क्या ख़ास बात है कमलाथल अम्मा की?
तमिलनाडु के कोयम्बटूर ज़िले के एक छोटे से गांव में रहने वाली 80 साल की कमलाथल अम्मा पिछले तीन दशकों से लकड़ी के चूल्हे पर इडली बना रही हैं. कमलाथल अम्मा बिना मुनाफ़े के ग़रीब व ज़रूरतमंद को मात्र 1 रुपये में सांभर और चटनी के साथ इडली परोसती हैं.
कमलाथल अम्मा हर रोज़ सुबह-सुबह इडली बेचने के लिए निकल जाती हैं, ताकि कोई भी लेबर खाली पेट अपने काम की शुरुआत न कर करे. 30 साल पहले जब उन्होंने अपना कारोबार शुरू किया था तब वो मात्र 50 पैसे में इडली के साथ-साथ सांभर व चटनी बेचा करती थीं.
कोयंबटूर के कलेक्टर राजामणि जब उनकी मदद के लिए गए तो अम्मा का कहना था कि, मुझे किसी चीज़ की ज़रूरत नहीं है मैं हर दिन 600 रुपये की इडली बेचती हूं. उसमें से 200 रुपये अपने पास रख लेती हूं. मैं 30 साल से इस इडली की दुकान में लकड़ी का चूल्हा इस्तेमाल कर रही हूं. सरकार ने मुझे गैस गैस दे दिया है अब मैं खुश हूं’.
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आनंद महिंद्रा के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कमलाथल अम्मा की भावना को सलाम! सरकार ने उन्हें गैस कनेक्शन दे दिया. ख़ुशी हुई कि लोकल ओएमसी ऑफ़िसर्स ने एलपीजी कनेक्शन देने में मदद की.