मेट्रो में एक लड़का, लड़की को पीट रहा था और आस-पास सब चुप थे. कैसे समाज का हिस्सा हैं हम?

Ishi Kanodiya

हमेशा की तरह मैं घर से ऑफ़िस जा रही थी. मैं नॉएडा सेक्टर 16 के मेट्रो स्टेशन के पास रहती हूं. मुझे छत्तरपुर मेट्रो स्टेशन जाना था तो मैंने यलो लाइन पकड़ी और प्लेटफ़ॉर्म पर खड़े होकर मेट्रो के आने का इंतज़ार करने लगी. 

मैं प्लेटफ़ॉर्म पर जाकर खड़ी हुई ही थी कि मैंने देखा कि सामने वाले प्लेटफ़ॉर्म पर एक लड़का एक लड़की को मार रहा था. वो उसके बाल खींच रहा था और उसे थप्पड़ भी मारे. आस-पास के लोग भी कुछ नहीं कर रहे थे. वो चुप-चाप खड़े होकर मानों कोई तमाशा देख रहे हों. 

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मैं तुरंत नीचे गई, पुलिस को बोला कि ऊपर एक लड़का एक लड़की को मार रहा है. पहले तो पुलिस भी मेरे साथ आने को तैयार नहीं हो रही थी. मेरे बहुत बोलने पर वो मेरे साथ उस प्लेटफ़ॉर्म पर गई. 

जब तक मैं वहां पहुंची, वो लड़का वहां से जा चुका था. सिर्फ़ लड़की ही वहां थी. वो कांप रही थी. मैं तुरंत उसके पास गई और बोला, ‘परेशान मत हो, पुलिस को सब बताओ कि तुम्हारे साथ उस लड़के ने क्या किया.’ 

वो लड़की 5 मिनट तक चुप-चाप खड़ी रही. मैंने फिर से उसको बोला कि घबराओ मत, तुम बस पुलिस को सब बता दो. 

उस लड़की ने तुरंत बोला कि मुझे कोई शिकायत नहीं करनी है. मैं कुछ नहीं बोलना चाहती हूं. 

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उसकी बात सुन मैं सन्न हो गई. मतलब जो लड़का अभी इसको इतना मार रहा था, उसका शरीर अभी तक कांप रहा था, उसे इसके ख़िलाफ़ कुछ भी नहीं बोलना था. मैंने बहुत बार उसे समझाने की भी कोशिश की मगर उसने कुछ भी नहीं बोला.   

आख़िर, उसने कोई कम्प्लेन नहीं की.


और मैं सोचती रह गई कि उसने कम्प्लेन क्यों नहीं की? 

और अक्सर लड़कियां ऐसी किसी भी परिस्थिति में अपनी बात क्यों नहीं कहती?  

मुझे लगता है कि इसका जवाब हमारे आसपास ही है. हम छे़ड़खानी या बदतमीज़ी करने वालों पर सवाल करके के बजाय लड़कियों को यही बताते हैं कि अरे छोड़ो, ये सब होता रहता है. तुम कहोगी तो बदनामी होगी. आप सोचिए कि छेड़खानी या मारपीट करने वाले की बदनामी के बारे में हम कोई बात नहीं करते. उसको कोई डर नहीं. लेकिन हम हमेशा लड़की को बदनाम होने की बात करते रहते हैं. जैसे ऐसी किसी घटना में उसकी कोई ग़लती हो. 

सोचिए कि हम कैसे समाज में हैं जो कितना सुन्न है. आपके आसपास, आपके सामने एक लड़की से मारपीट हो रही है और आप देख रहे हैं. सुन रहे हैं. आप मदद की कोशिश नहीं करते. आप लड़के को रोकने की कोशिश नहीं करते. पुलिस नहीं बुलाते. उस लड़के को डांट नहीं देते. 

ज़रा सोचिए कितना भयानक है ये.     

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