वो स्ट्रगल कर रहा था फिर उसने एक फ़ोटो ली और उसकी ज़िन्दगी बदल गयी. कहानी फ़िल्मी नहीं सच्ची है

Sanchita Pathak

सपने…सबकी आंखों में होते हैं पर उन्हें हर कोई पूरा नहीं कर पाता. मजबूरियां और ज़िन्दगी के प्लैन्स तले सपने कहीं न कहीं दब जाते हैं पर कई इम्तहान लेने वाली ज़िन्दगी ही कई बार कुछ अनजाने तोहफ़े भी दे देती है.


एक ऐसी ही कहानी शेयर की ही Humans of Bombay ने. अपने सपनों को याद करते हुए पढ़िएगा   

‘मेरे पापा ऑटो-रिक्शा चलाते हैं और मां लोगों के घरों में काम करती है. बचपन में लोग, चीज़ें, आसमान, रौशनी आदि मुझे आकर्षित करते. मुझे जल्द ही एहसास हो गया कि मैं फ़ोटोग्राफ़ी के लिए पागल हूं पर मेरे लिए ज़िन्दगी के कुछ अलग प्लैन्स थे.


इसे Hobby बनाने की हमारी आर्थिक स्थिति नहीं थी और इसे अच्छा करियर ऑपशन भी नहीं माना जाता था, तो मुझे B.Com करवाया गया. कॉलेज के बाद मुझे अच्छी पगार वाली नौकरी मिल गई. इस वजह से मां घर पर आराम कर सकती थी. मैं सिर्फ़ ख़ुद के लिए ही नहीं, मम्मी-पापा के लिए भी ख़ुश था. 

जब मैं छोटा था और अपने काम-काज छोड़कर फ़ोटोज़ खींचता था तो पापा मुझे ‘हरामखोर’ बुलाते थे. मैंने अपना Instagram Handle भी हरामखोर रख लिया. 

हफ़्तेभर काम करके, वीकेंड में मैं एक कोना…एक इंसान या फिर कुछ भी Perfect Picture के लिए ढूंढता. सालभर तक शहर के कुछ हिस्से मैंने अपने लेंस में क़ैद किए. मैं सब Instagram पर डालता और लोग तारीफ़ भी करते. 

सब सही चल रहा था, फिर वो हुआ जिसका डर था… मेरी नौकरी चली गई. मुझे पता था घर पर बताया, तो घरवाले काफ़ी चिन्ता करेंगे. उनकी उम्र हो चली थी और मैं उनकी इकलौती संतान था. मैंने उन्हें नहीं बताया. 3 महीने तक मैंने नौकरी होने की एक्टिंग की और इस बीच मैं Photography Assignments ले रहा था. मैं रोज़ मेहनत करता क्योंकि मुझे पिछली नौकरी वाली पगार चाहिए थी ताकी मेरे मम्मी-पापा को शक़ न हो. धीरे-धीरे लोग मुझे जानने लगे और मुझे पैसे मिलने लगे.  

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मैं अपने मम्मी-पापा को सब बताने का सही समय ढूंढ रहा था


एक दिन में Beach पर एक दोस्त के साथ था जब प्लास्टिक का ज़खीरा तट पर बह आया! उसने तस्वीर लेने का आईडिया दिया ताकी शहरवालों को प्रदूषण के बारे में बताया जा सके. मैंने तस्वीर अपलोड कर दी पर मेरा फ़ोन ऑफ़ हो गया. कई घंटों बाद जब मैं घर पहुंचा तो मेरी मां ने मुझे वही तस्वीर दिखाई. उसे वो WhatsApp पर मिली थी. उसने तस्वीर की तारीफ़ की और मुझसे पूछा कि क्या मैं उस फ़ोटोग्राफ़र को जानता हूं. मैंने बताया कि मैंने ही वो फ़ोटो ली है. मैंने जल्दी से फ़ोन को चार्ज में लगाया. मेरे पास Messages की बाढ़ आ गई थी, मेरी फ़ोटो वायरल हो गई थी. Celebrities उसे शेयर कर रहे थे, मीडिया रिपोस्ट कर रही थी… मुझे अपनी आंखों पर यक़ीन नहीं हो रहा था. उस दिन दुनिया ने मेरे माता-पिता को यक़ीन दिलाया… उन्हें यक़ीन हो गया कि मेरा Passion मुझे सफ़लता के शिखर तक ले जा सकता है. 

आज की डेट में इंटरनेशनल ब्रैंड्स मुझे अपना फ़ोटोग्राफ़र बनाना चाहते हैं. मुझसे Inspired होकर कई Instagram Pages बने हैं. मुझे सबसे ज़्यादा गर्व इस बात का है कि मैं घर चलाने में सहायता कर पा रहा हूं और मेरे मम्मी-पापा एक अच्छी ख़ुशहाल ज़िन्दगी जी सकते हैं और बिना किसी बात की चिन्ता किए आराम से रह सकते हैं.’  

कहानी कैसी लगी कमेंट बॉक्स में बताइए. 

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