एक ऐसी प्रेम कहानी, जिसे पढ़ते वक़्त आपको ऐसा लगेगा जैसे मानों किसी फ़िल्म का रिव्यू पढ़ रहे हों. इस प्रेम कहानी में प्रेमी है, प्रेमिका है और सालों बाद कुछ पल के लिये हुआ उनके मिलन का ज़िक्र है. वो लम्हा बेहद ख़ुशनुमा और ख़ास था, जब 72 साल बाद 90 साल के ईके नारायणन नाम्बियार ने 86 वर्षीय अपनी पत्नी सारदा से मुलाक़ात की.
क्यों और कैसे हुए दोनों अलग?
1946 में शुरू हुई नाम्बियार और सारदा की प्रेम कहानी 1946 में ही ख़त्म हो गई. इनकी शादी को सिर्फ़ 8 महीने हुए थे कि राजनीति और हालातों के कारण ये जोड़ा एक-दूसरे से जुदा हो गया. एक रिपोर्ट के मुताबिक, नाम्बियार और उनके पिता थलियान रमन नाम्बियार ने 30 दिसंबर 1946 को 500 अन्य स्वयंसेवकों के साथ Kavumbai Farmers Rebellion में हिस्सा लेने का फ़ैसला लिया, लेकिन मालाबार स्पेशल पुलिस के कारण उनकी ये प्लानिंग विफ़ल रही.
इस आंदोलन के दौरान गोलियां चली और कई लोगों की जानें भी गई, पर इसे नाम्बियार की किस्मत ही कहेंगे, जो वो गोलियों की बौछारों से बच निकले. 31 दिसंबर को मालाबार स्पेशल पुलिस ने नाम्बियार के घर पर छापा मारा और घर का सारा सामान तहस-नहस कर दिया. ख़राब हालातों को देखते हुए, सारदा की सास ने उन्हें मायके भेज दिया. दूसरी तरफ़ नाम्बियार पुलिस की गिरफ़्त में आ चुके थे और उन्हें 8 सालों के लिये जेल भेज दिया गया.
8 साल बाद जेल से रिहा होने पर नाम्बियार ने सबसे पहले अपनी पत्नी सारदा का पता लगाया. उन्हें पता चला कि उनकी दूसरी शादी हो गई है, जिसके बाद उन्होंने भी दोबारा घर बसाने का फ़ैसला किया. दूसरी शादी से उनके 7 बच्चे भी हैं. नाम्बियार की भतीजी संथा कावुम्बेय ने उनके जीवन पर आधारित एक उपन्यास भी लिखा है, जिसका शीषर्क है ’30 दिसंबर’.
वहीं जब शारदा के बेटे भार्गवन ने नाम्बियार की भतीजी संथा से मुलाक़ात की, तो उन्होंने अपने-अपने परिवार से बात कर दोनों की मीटिंग कराने का निर्णय लिया. इसके बाद नाम्बियार अपनी भाभी और बच्चों के साथ सारदा के घर पहुंचे, जहां केरल का पारंपरिक भोजन खिलाकर उनका स्वागत किया गया. सारदा से मिलते ही नाम्बियार ने उनके सिर पर हाथ रखा, इस दौरान सारदा की नज़रें नीचें फ़र्श की ओर थी.
इस प्रेम की कहानी की सबसे दिलचस्प बात ये है कि इन दोनों को ही एक-दूसरे से कोई शिकायत नहीं है, क्योंकि इन्हें पता है जो कुछ भी हुआ उसमें इन दोनों का ही कोई कसूर नहीं है. सारदा ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि वो जितने महीने भी ससुराल में रही, उतने दिन उन्हें एक बेटी की तरह रखा गया.