क्या आप जानते हैं कि जिस ATM से आप जब चाहें तब पैसे निकाल सकते हैं, वो किसके दिमाग़ की उपज है?

Rashi Sharma

कहते हैं कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है… और ये बात सही भी है आदि मानव ने अपनी सुविधानुसार जीवन यापन करने के लिए कई तरह के आविष्कार किये और दिन पर दिन उन आविष्कारों में बदलाव होते रहे. इन आविष्कारों की ही देन है कि आज के युग में ज़्यादातर काम मशीनी हो गए हैं, लेकिन फिर भी लोगों के पास टाइम नहीं है. दोस्तों आपने भी अपने बुज़ुर्गों से सुना होगा या देखा होगा कि जब उनको पैसे की ज़रूरत होती थी वो बैंक जाकर लाइन में लगकर पैसे निकालते थे. और अगर कहीं बैंक की छुट्टी हो गई तो इंसान पैसे के बिना परेशान हो जाता था. वो भी एक वक़्त था, लेकिन आज का ज़माना प्लास्टिक मनी का है यानि कि बैंक के एटीएम कार्ड्स, जिनकी मदद से हम जब चाहें और जहां चाहे पैसे निकाल सकते हैं.

punjabkesari

आज के दौर में एटीएम मशीन हमारी जिंदगी का ज़रूरी हिस्सा बन गई है. एटीएम मशीन ने हमारी ज़िन्दगी को काफ़ी आसान भी बना दिया. लेकिन ज़रा सोचिये कि आज की दौड़ भाग भरी ज़िन्दगी में जहां एक इंसान के पास सांस लेने की फ़ुर्सत नहीं है, वहां अगर बैंक से पैसे निकालने के लिए आपको लाइन में लगना पड़े तो क्या हो… सोच कर ही पसीना आ जाता है न.

लेकिन क्या कभी सोचा है कि जिस एटीएम मशीन आप अपनी सहूलियत के हिसाब से पैसे निकाल सकते हैं, उसका आविष्कार किसने किया, पहली बार उसका इस्तेमाल कब हुआ, हमारे देश में पहली बार ये मशीन कब आई… ? नहीं ना, कोई नहीं आज हम आपके लिए एटीएम मशीन से जुड़ी ऐसी ही रोचक जानकारी लेकर आये हैं.

सबसे पहले दुनिया के किस देश में लगी थी एटीएम मशीन

दुनिया में सबसे पहले एटीएम मशीन का इस्तेमाल 27 जून 1967 को लंदन के बार्कलेज बैंक ने किया था. और इस मशीन का आविष्कार स्कॉटलैंड के जॉन शेफर्ड बैरन ने किया था.

एक भारतीय ने बनाई थी एटीएम मशीन

khabridost

आपको ये जान कर बहुत आश्चर्य होगा कि जॉन शेफर्ड का जन्म 23 जून 1925 को भारत के मेघालय में हुआ था. उनके पिता स्कॉटिश थे और उनका नाम विलफ्रिड बैरन था. जॉन शेफर्ड के जन्म के वक़्त वो चिटगांव पोर्ट कमिश्नरेट के चीफ़ इंजीनियर थे.

जॉन शेफर्ड को एटीएम मशीन के निर्माण की प्रेरणा कैसे मिली?

topyaps

एटीएम मशीन का आइडिया जॉन शेफर्ड को कैसे आया इसके पीछे भी एक रोचक कहानी है. दरअसल हुआ यूं कि एक बार जब जॉन पैसे निकालने के लिए बैंक गए, मगर बैंक पहुंचते ही बैंक बंद हो गया. तब उन्होंने सोचा कि काश कोई ऐसी मशीन होनी चाहिए जिससे हम जब चाहें पैसे निकाल सकें. बस आईडिया आने की देर थी उन्होंने इस मशीन को बनाने पर काम भी शुरू कर दिया. उसके बाद कई सालों की मेहनत के बाद लंदन में बारक्लेज बैंक की एक शाखा में दुनिया की पहली एटीएम मशीन लगी थी.

कब आई भारत में पहली एटीएम मशीन

monde-informatique

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में सबसे पहले 1987 में एटीएम की सुविधा शुरू हुई थी. ये एटीएम मशीन हांगकांग एंड शंघाई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (HSBC) ने मुंबई में लगाई थी.

आपको ये भी पसंद आएगा
बेवफ़ा समोसे वाला: प्यार में धोखा मिला तो खोल ली दुकान, धोखा खाये लवर्स को देता है डिस्काउंट
जानिये दिल्ली, नई दिल्ली और दिल्ली-NCR में क्या अंतर है, अधिकतर लोगों को ये नहीं मालूम होगा
जानिए भारत की ये 8 प्रमुख ख़ुफ़िया और सुरक्षा जांच एजेंसियां क्या काम और कैसे काम करती हैं
मिलिए गनौरी पासवान से, जिन्होंने छेनी व हथोड़े से 1500 फ़ीट ऊंचे पहाड़ को काटकर बना दीं 400 सीढ़ियां
ये IPS ऑफ़िसर बेड़िया जनजाति का शोषण देख ना पाए, देखिए अब कैसे संवार रहे हैं उन लोगों का जीवन
अजय बंगा से लेकर इंदिरा नूई तक, CEO भाई बहनों की वो जोड़ी जो IIM और IIT से पास-आउट हैं