तीन साल पहले मंबई का वरसोवा Beach क्या था और अब क्या बन चुका है, ये पूरी कहानी इस वीडियो में है

Kundan Kumar

तीन साल पहले किसी ने मुंबई के वरसोवा बीच की सूरत देखी होती, तो शायद ही वो इस Beach की आज कल्पना भी कर पाता.

India

पेशे से वकील और सामाजिक कार्यकर्ता अफ़रोज़ शाह ने तीन सालों में वरसोवा बीच की तस्वीर बदल दी. अक्टूबर 2015 में शुरू हुआ सफ़ाई का सफ़र तीन साल में कहां पहुंचा है, इसे दिखाने के लिए अफ़रोज़ ने एक Timelapse वीडियो शेयर किया.

इस सफ़ाई कार्यक्रम को अफ़रोज़ एक ‘चमत्कार’ कहते हैं. जब उन्होंने ने इसकी शुरुआत की थी, तो इनके कुछ पड़ोसियों का साथ मिला, फिर कुछ स्थानीय लोग भी साथ खड़े हुए, प्रशासन से भी सहायता मिलनी शुरू हुई, बाद में सेलेब्स ने भी प्रोत्साहित किया और बात संयुक्त राष्ट्र तक पहुंच गई.

साल 2016 में अफ़रोज़ शाह को संयुक्त राष्ट्र की ओर से ‘Champions Of The Earth’ अवॉर्ड दिया गया.

Erik Solheim

मुंबई का वर्सोवा Beach कभी स्थानीय लोगों के लिए कूड़ापट्टी हुआ करता था. यहां उस कूड़े को ठिकाने लगाया जाता था, जिसे पर्यटक छोड़ जाते थे.

India Today

तीन साल तक चले इस सफ़ाई अभिायन की सफ़लता मार्च में ही सामने आ गई थी, जब 20 साल बाद उस Beach पर Olive Ridley Turtle वापस आए थे.

Local Press Co

ऐसा नहीं है कि सब कुछ बड़ी आसानी से होता चला गया. इन तीन सालों में कई बार अफ़रोज़ को परेशानियों का सामना करना पड़ा. उन लोगों से लड़ना पड़ा जो इस बदलाव के खिलाफ़ थे. कई सरकारी बाबूओं ने भी अपनी ओर समस्या पैदा करने की कोई कसर नहीं छोड़ी.

Free Press Journal

फ़र्स्टपोस्ट को दिए अपने साक्षातकार में अफ़रोज़ कहते हैं कि इसके आगे से बीच पर सफ़ाई बनाए रखने का काम BMC का है.

सोशल मीडिया अफ़रोज़ के काम के आगे नतमस्तक है.

अफ़रोज़ शाह वो मिसाल बन चुके हैं जो इस बात को और पुख़्ता करती है कि एक अकेला इंसान भी बदलाव लाने में सक्षम होता है

आपको ये भी पसंद आएगा
बेवफ़ा समोसे वाला: प्यार में धोखा मिला तो खोल ली दुकान, धोखा खाये लवर्स को देता है डिस्काउंट
जानिये दिल्ली, नई दिल्ली और दिल्ली-NCR में क्या अंतर है, अधिकतर लोगों को ये नहीं मालूम होगा
जानिए भारत की ये 8 प्रमुख ख़ुफ़िया और सुरक्षा जांच एजेंसियां क्या काम और कैसे काम करती हैं
मिलिए गनौरी पासवान से, जिन्होंने छेनी व हथोड़े से 1500 फ़ीट ऊंचे पहाड़ को काटकर बना दीं 400 सीढ़ियां
ये IPS ऑफ़िसर बेड़िया जनजाति का शोषण देख ना पाए, देखिए अब कैसे संवार रहे हैं उन लोगों का जीवन
अजय बंगा से लेकर इंदिरा नूई तक, CEO भाई बहनों की वो जोड़ी जो IIM और IIT से पास-आउट हैं