क्या आपको भी लगता है कि अच्छी फ़ोटोग्राफ़ी के लिए एक महंगे DSLR कैमरे का होना ज़रूरी है? इन तस्वीरों को देख कर आपको यकीन हो जाएगा कि अगर रचनात्मकता हो, तो आप मोबाइल फ़ोन से भी शानदार तस्वीरें खींच सकते हैं.
नीचे दिखाई गई ये सारी तस्वीरें iPhone से खींची गई हैं. iPhone फ़ोटोग्राफ़ी अवॉर्ड में इस साल 140 देशों के हज़ारों iPhone यूज़र्स ने अलग-अलग कैटेगरी के लिए फ़ोटोज़ भेजी थीं. इस प्रतियोगिता का आयोजन पिछले दस सालों से लगातार हो रहा है. इस साल फ़ोटोग्राफ़र ऑफ़ द इयर का पुरस्कार न्यूयॉर्क के Sebastiano Tomada के iPhone 6s से खींची एक तस्वीर को मिला है. ये तस्वीर Qayyarah की सड़क में खेलते बच्चों की हैं, जहां पीछे एक तेल के कुएं को ISIS के आतंकियों ने आग के हवाले कर दिया है.
आइये आपको दिखाते हैं iPhone फ़ोटोग्राफ़ी अवॉर्ड में शामिल कुछ तस्वीरें.
1. सफ़र में कोई साथी होता, तो ये लंबा रास्ता यूं ही कट जाता.
2. आतंक के बीच बीत रहा है इनका बचपन.
3. मज़दूर के हाथ किसी के सामने फ़ैलते नहीं हैं.
4. बर्फ़ की ये झील रूस की है.
5. कुदरत की कारीगरी.
6. थोड़ा आराम भी ज़रूरी है.
7. रंगों का संतुलन.
8. दो आंखों में हज़ारों भाव.
9. शरारतें.
10. लगता है इस पेड़ का इरादा आसमान छूने का है.
11. बच्चों की Curiosity ग़ज़ब की होती है.
12. Coney Island, न्यूयॉर्क.
13. किसी जन्नत से कम नहीं है, ये Santorini का ख़ूबसूरत शहर.
14. ये पीके वाली उग्रसेन की बाओली नहीं, राजस्थान की चांद बाओली है.
15. आंखों से लग रहा है कि सर को रंग पसंद नहीं हैं.
16. सो क्यूट!
17. स्वर्ण मंदिर ने बादलों को भी अपने रंग में रंग दिया.
18. आग तो आसमान के सीने में भी है.
19. सुर्ख़ दीवारें.
20. -40 डिग्री सेल्सियस तापमान के क्रांतिकारी.
21. Mactan Island में ये कृत्रिम फूल खिलते नहीं, रात में जगमगाते हैं.
22. मासूम कली.
23. दिन वो, जो बीत गए!
24. किसी कवि की कविता से निकला हुआ दृश्य.
25. मिलन धरती और आकाश का.
26. जहां चाह है, वहीं राह है.
27. चलो, आज फिर किसी रोते हुए को हंसाया जाए.
28. जेके वॉल पुट्टी लगाई होती, तो दीवारें बोल उठती.
29. भावशून्य
30. आसमान को चूमता रूई का पहाड़
31. घायल ये पेड़ नहीं प्रकृति है.
32. नागफ़नी, रेगिस्तान की निशानी.
33. वाह! ताज.
34. पंखों से नहीं, हौसलों से उड़ान होती है.
35. पहेली नहीं, Westerplatte स्थित एक बिल्डिंग है. यहीं से पहला विश्व युद्ध शुरू हुआ था.
36. इन आंखों में न जाने कितने अनिभव छुपे हुए हैं .
37. कैनवास! प्रकृति का.
38. इन्तज़ार, एक नई मंज़िल पर निकलने का.
39. पत्थर में छेद हो सकता है, बस हौसला होना चाहिए.
40. हसीं वादियां और स्केटिंग.
41. अब न जाने कब मौका मिलेगा, आसमान को नापने का.
42. मशाल, आंदोलन की.
43. हवा, शायद बिछड़ों को मिलाने की कोशिश कर रही है.
44. कुर्सी, जिसे पाने के लिए न जाने कितने हथकंडे अपनाए जाते हैं.
45. परछाई, जो कभी भी अपने आस्तित्व का साथ नहीं छोड़ती है.
46. नीले गगन तले.
47. पानी, जो पत्थर का भी सीना चीर देता है.
48. जब शरणार्थी कैम्प में भी आग लग जाए, तो शरण लेने के लिए कहां जाए?
49. रेगिस्तान में हरियाली भले ही न हो, पर ख़ूबसूरती तो होती ही है.