विषम परिस्थितियों को भी हरा कर जो लोग आगे बढ़ते हैं उन्हें सफ़लता ज़रूर मिलती है. ऐसे ही एक बच्चे की प्रेरणादायक कहानी आज हम आपको बताएंगे. ये बच्चा अपना पेट पालने के लिए रोज़ाना सुबह 4 बजे उठ कर दूसरों की गाड़ियां साफ़ करता है. इस लड़के ने 12वीं की परीक्षा में 91 फ़ीसदी अंक प्राप्त किए हैं.
इस लड़के का नाम परमेश्वर है, जो दिल्ली के एक स्लम एरिया टिगरी में रहता है. इसने इसी साल सीबीएसई की 12वीं परीक्षा में 91 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं. परमेश्वर एक ग़रीब परिवार से है और वो जिस दो कमरे के घर में रहता है उसमें 9 लोग और रहते हैं. उसके पिता 62 साल के हैं और दिल के मरीज़ हैं.
परमेश्वर के दूसरे भाई भी हैं लेकिन उनकी अपनी फ़ैमिली है. वो उन पर बोझ नहीं बनना चाहता था, इसलिए उसने कार धोने का काम शुरू कर दिया. एक रिपोर्ट के अनुसार, परमेश्वर दिल्ली की कड़ाके की सर्दी में रोज़ाना 10-15 कार धोता था. इसके एवज में उसे हर महीने 3000 रुपये मिलते थे. इन पैसों से ही उसने अपने स्कूल की यूनिफ़ार्म और किताबें ख़रीदी थीं.
परमेश्वर ने इस बारे में बात करते हुए कहा- ‘कड़ाके की सर्दी में मैं जब कार धोने के लिए पानी में हाथ डालता था तब 5 मिनट के लिए हाथ सुन्न पड़ जाते थे. फिर भी मैं रोज़ाना 2-2.5 घंटे काम करता था. कई बार लोग चंद रुपयों लिए मुझे डांटते भी थे. लेकिन अपनी पढ़ाई और परिवार के लिए मैंने सब सहन कर लिया.’
इस साल मार्च में जब उनके पिता अस्पताल में सर्जरी कराने के लिए भर्ती हुए थे तब उनके बारे में दिल्ली के एक एनजीओ आशा को पता चला. उन्होंने परमेश्वर को पढ़ने में काफ़ी मदद की. इस एनजीओ ने उसका दाखिला दिल्ली यूनिवर्सिटी के इंग्लिश ऑनर्स कोर्स में करवाने में भी मदद की है.
परमेश्वर का कहना है कि वो टीचर बनाना चाहता है. उसका कहना है कि वो टीचर बन कर अपने जैसे दूसरे बच्चों की मदद करना चाहता है, जो ट्यूशन पढ़ पाने में अममर्थ हैं.
परमेश्वर की लगन को देखकर लगता है कि एक दिन उनका सपना ज़रूर पूरा होगा.
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