सलाम है इस बहादुर मां को, जो अपना लिवर और किडनी बच्चे को देकर उसे मौत के मुंह से खींच ले आई

Smita Singh

मां-बेटे के जैसा दुनिया में कोई रिश्ता नहीं होता. हर बार, हर मां ने इस सच को साबित भी कर दिखाया है. आज हम आपको जिस मां के बारे में बताने जा रहे हैं, उसने अपने चार साल के बेटे का जीवन बचाने के लिए जीते जी अपने दो महत्वपूर्ण अंग दान कर दिए.

Sarah Lamont ने अपना लिवर निकलवाकर बेटे Joe को दे दिया और अब उसे ट्रांसप्लांट किया जा चुका है. वे अपनी किडनी भी बच्चे को डोनेट कर चुकी हैं.

किडनी ऑपरेशन के अगले तीन दिन बाद ही इस हिम्मती मां ने अपने हॉस्पिटल बेड को छोड़ दिया और टैक्सी लेकर खुद बच्चे के पास चली गई, ताकि उसके करीब रह सके.

Sarah की आठ घंटे की सर्जरी दूसरे अस्पताल में हुई, जबकि बेटे का इलाज कहीं और चल रहा था. इस सिंगल मदर का कहना है कि ‘मुझे पता है कि बिना डॉक्टर्स की इजाज़त के मुझे वहां से नहीं निकलना चाहिए था. लेकिन मैं अपने बच्चे को देखने के लिए बेचैन थी. इसलिए मैंने नर्स से अपनी पेनकिलर ड्रिप निकालने के लिए कहा और अपने पायजामे में ही निकल गई.’

हालांकि ऐसा करने से इस मां को बहुत दर्द सहन करना पड़ा, लेकिन उसे इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता. उनका बेटा पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज़ के साथ जन्म लिया था. इसके कारण शरीर के अंग बढ़ जाते हैं और फिर नष्ट हो जाते हैं. जन्म के कुछ ही हफ़्तों के भीतर इस डिजीज़ को निकालकर ज़िंदा रहने के लिए बच्चे को डायलसिस पर रखना था. लेकिन पिछले साल डॉक्टर्स को पता चला कि इस बीमारी के कारण उसकी किडनी डैमेज हो गई है और ब्लीडिंग के चलते उसकी जान जा सकती है. अब सर्जरी के 11 दिनों के बाद मां-बेटे दोनों ही बेहतर हाल में हैं.

ये मां बताती हैं कि ‘जब मुझे एनेस्थीसिया दिया जा रहा था, तो मैं डर रही थी कि कहीं ऐसा न हो कि मैं अंगदान करते हुए खुद ही मर जाऊं, फिर बच्चों को अनाथ होना पड़े.’

सुबह 10.30 बजे सर्जन्स ने Sarah के लिवर का एक-तिहाई हिस्सा निकाला और उसे तुरंत बेटे के हॉस्पिटल में भेज दिया गया. जहां बेटे के डॉक्टर्स अंग का इंतज़ार कर रहे थे. सभी डॉक्टर्स ने इस मां की बहादुरी की तारीफ़ की और कहा कि इसके बाद जीवित अंगदान करने में लोग दिलचस्पी लेंगे.

सचमुच मां अपने बच्चों के लिए जो कर देती है, वो कोई सोच भी नहीं सकता. 

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