रहस्यमई सुरंगों के जाल पर बसा एक ऐसा शहर, जिसमें दफ़न हैं इतिहास की कई कहानियां

Sumit Gaur

अर्जेंटीना की राजधानी Buenos Aires के करीब San Telmo के रहने वाले Jorge Eckstein ने 1985 में अपने घर के पास ही बने एक पुराने बंगले को खरीदा. उन्होंने इस बंगले को एक पुराने रेस्टोरेंट का रूप दिया, जो यहां आने वाले लोगों के बीच अपनी एक खास पहचान बना चुका है.

इस बंगले के बारे में कहा जाता है कि इसे किसी अमीर बिज़नेसमैन ने 1830 में बनवाया था, पर रख रखाव के बिना इसकी हालत जीर्ण हो चुकी थी. स्थानीय लोगों के बीच इस बंगले को ‘Casa Chorizo’ के नाम से पहचाना जाता है. इसके लिए बंगले में बने वो कमरे भी उत्तरदायी हैं, जो देखने में तारों पर फैले हुए दिखाई देते हैं. Eckstein ने जब इस बंगले को खरीदा इसकी दीवार का प्लास्टर तक झड़ चुका था. फ़र्श पर हर तरफ़ बस धूल-मिट्टी और कबाड़ फैला हुआ था.

Eckstein ने जब इस बंगले को सुधारना शुरू किया, तो उन्होंने महसूस किया कि इसकी बुनियाद के साथ कुछ असामान्य था. इसके एक हिस्से का आंगन डूबा हुआ सा दिखाई दे रहा था. Eckstein ने जब आंगन में खुदाई करनी शुरू की, तो उन्होंने देखा इसके नीचे एक भूल-भुलैया बनी हुई है.

Eckstein ने इसकी सूचना शहर के आर्कियोलॉजिकल विभाग को दी, जिसके बाद University of Buenos Aires के वैज्ञानिकों ने इस जगह की पड़ताल करनी शुरू की. उन्होंने अपनी जांच में बताया कि इस हवेली को 18वीं सदी में बनवाया गया था, पर उसी दौरान शहर में एक बुखार फैला, जिसमें लगातार मौतों की ख़बरें सामने आ रही थी. इस बुखार से बचने के लिए हवेली का मालिक अपने परिवार सहित इसे छोड़ कर चला गया. 20वीं सदी तक इसका इस्तेमाल किराये के रूप में किया गया, फिर 1980 में इसे Eckstein ने खरीद लिया.

आर्कियोलॉजिकल टीम ने जब इस जगह का मुआयना किया, तो उन्होंने हवेली के नीचे सुरंगों का एक जाल सा पाया. ये जाल कहां जाते हैं और इनका क्या काम था? इस बारे में पूछने पर आर्कियोलॉजिकल टीम ने बताया कि सुरंगों का ये जाल करीब 2 किलोमीटर तक फैला हुआ था. उन्होंने बताया कि जांचकर्ताओं का दल जब इन सुरंगों की पड़ताल के लिए नीचे उतरा, तो उन्हें वो एक पुराने घर तक पहुंचे. उनके मुताबिक, 1780 के आस-पास इन सुरंगों को नाली के तौर पर बनाया गया था, जिससे बाढ़ और गंदे पानी को शहर से दूर किया जा सके.

आज इस जगह को एक म्यूजियम का रूप दे दिया गया है. इसके साथ ही खुदाई के दौरान मिली चीज़ों को यहां रखा गया है. इन सुरंगों का भी जीर्णोद्धार कराया गया है. इसकी दीवारों को फिर से रंगवा कर उन्हें नया रूप दिया गया है, जो बहुत ही ज़्यादा ख़ूबसूरत हैं. हर साल लाखों लोग इन सुरंगों और म्यूज़ियम को देखने के लिए यहां आते हैं.

एक रिसर्चर के मुताबिक San Telmo की नींव 1536 के आस-पास रखी गई थी. ये Buenos Aires का सबसे पुराना शहर है. इस शहर के नीचे कई सुरंगे हैं, पर सभी सुरंगों का इस्तेमाल नालियों के रूप में नहीं होता था. इनमें से कई सुरंगों का इस्तेमाल धार्मिक गतिविधियों के लिए भी होता था. उस समय यहूदी पुजारी ऐसी ही कई सुरंगों को जोर दे रहे थे.

16वीं सदी के अंत में कुछ संतों ने ईसाइयत को बढ़ाने के लिए Buenos Aires की स्थापना की थी. उनका उद्देश्य था कि इस जगह पर चर्च और लाइब्रेरी बनवाई जाये, पर यहूदी इसके लिए राजी नहीं थे. इसकी वजह से यहूदियों और इस धर्म के अनुयायियों के बीच संघर्ष होने लगा, जिससे बचने के लिए यहूदियों ने भागने के लिए इन सुरंगों का रुख किया.

करीब 150 सालों से भी ज़्यादा समय तक यहूदी इन सुरंगों के जाल में छिपे रहे. कहा जाता है कि 1920 में यहां एक आर्किटेक्चरल स्कूल भी था. अब इसके कुछ हिस्सों में पर्यटकों को भी आने दिया जाता है.

साल 2000 में भी Fernando Fader Technical School के वैज्ञानिकों को Flores ट्रेन स्टेशन के पास ऐसी ही सुरंगों के बारे में पता चला. ये सुरंगे भी 9 किलोमीटर तक फैली हुई थीं. इन सुरंगों के अंदर चैम्बर भी बने हुए थे. यहां के लोगों के लिए ऐसी सुरंगों का मिलना अब कोई नई बात नहीं है. यहां के लोगों का मानना है कि ये सुरंगे उनके बच्चों की तरह हैं, जिनसे अब यहां का हर इंसान प्यार करता है.

आपको ये भी पसंद आएगा
बेवफ़ा समोसे वाला: प्यार में धोखा मिला तो खोल ली दुकान, धोखा खाये लवर्स को देता है डिस्काउंट
जानिये दिल्ली, नई दिल्ली और दिल्ली-NCR में क्या अंतर है, अधिकतर लोगों को ये नहीं मालूम होगा
जानिए भारत की ये 8 प्रमुख ख़ुफ़िया और सुरक्षा जांच एजेंसियां क्या काम और कैसे काम करती हैं
मिलिए गनौरी पासवान से, जिन्होंने छेनी व हथोड़े से 1500 फ़ीट ऊंचे पहाड़ को काटकर बना दीं 400 सीढ़ियां
ये IPS ऑफ़िसर बेड़िया जनजाति का शोषण देख ना पाए, देखिए अब कैसे संवार रहे हैं उन लोगों का जीवन
अजय बंगा से लेकर इंदिरा नूई तक, CEO भाई बहनों की वो जोड़ी जो IIM और IIT से पास-आउट हैं