-9 डिग्री तामपान और बर्फ़ से ढके पहाड़ भी नहीं रोक पाए इस नन्हें Ice Boy को स्कूल पहुंचने से

Sumit Gaur

बचपन में आपने पूर्व प्रधानमंत्री, लाल बहादुर शास्त्री की वो कहानी पढ़ी ही होगी, जिसमें बताया गया था कि वो स्कूल जाने के लिए एक नदी को तैर कर जाते थे. ख़ैर, शायद ही उस समय कोई ऐसा रहा हो जिसने लाल बहादुर शास्त्री जी को ऐसा करते देखा हो. पर चीन के युनान में हमें एक ऐसा ही बच्चा मिला है, जो 3 मील के बर्फ़ीले रास्तों से गुज़रता हुआ एग्ज़ाम देने के लिए अपने स्कूल पहुंचा.

8 साल के इस लड़के को, जब Zhuanshanbao Primary School के हेडमास्टर Fu Heng ने देखा, तो पहले उन्हें अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ. उसके सिर पर ताज़ा बर्फ़ के निशान थे, हाथ सूजे हुए थे और ठंड की वजह से चेहरा बिलकुल लाल हो चुका था. 

Fu Heng ने लड़के की तस्वीर ली और उसकी कहानी के बारे में सोशल मीडिया पर लिखा, जिसके बाद लड़के की ख़बर ने चीनी मीडिया में जगह बनाई.

इंटरनेट पर भी लोगों ने लड़के को ‘Ice Boy’ का नाम दिया और बहुत से लोग उसकी मदद के लिए आगे आये. चीनी मीडिया की मानें, तो अब तक लड़के के लिए 15000 डॉलर की राशि जमा हो चुकी है. इसके अलावा 20 हीटर और 144 गर्म कपड़े भी लोग बच्चे के लिए भेज चुके हैं.

Heng का कहना है कि, ‘ये फ़ाइनल एग्ज़ाम के पहले दिन का वाकया है. सुबह का तापमान -9 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे जा चुका था. बच्चे का घर स्कूल से काफ़ी दूर है, पर ये इस लड़के की हिम्मत ही थी, जो इतनी ठंड में भी वो टेस्ट देने के लिए पहुंच गया.’ 

Heng आगे कहते हैं कि ‘जब ये लड़का क्लास में दाखिल हुआ, तो क्लास के बाकि बच्चे उस पर हंसने लगे, पर बच्चा अपने पॉज़िटिव ऐटिटूड के साथ शांत रहा और चुपचाप टेस्ट देने के लिए बैठ गया. ये ऐटिटूड शायद उस गरीबी की वजह से भी उसमें आया है, जिसमें उसने अपनी दादी और बहन के साथ जीना सीख लिया है.’

स्कूल के एक मास्टर का कहना है कि ‘हम जानते हैं कि हमारे बच्चे किस बैकग्राउंड से आते हैं. हमारी कोशिश रहती है कि हम उन्हें स्कूल में ही खाना मुहैया करवा सकें, पर फंड की कमी के कारण अपनी क्लास में हीटर नहीं लगवा सकते.’

ख़ैर, इस नन्हें Ice Boy की कहानी हम सब के लिए भी किसी प्रेरणा से कम नहीं है. सब कुछ मिलने के बावजूद हम अपनी ज़िम्मेदारियों से भागने की कोशिश करते हैं. हमारे हिन्दुस्तान में भी ऐसी कई कहानियां मौजूद हैं. अगर आपके पास भी कोई ऐसी कहानी हो, तो हमें बतायें, क्योंकि ऐसी ही कहानियां समाज को प्रेरित करती हैं.

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