दुनिया की अब तक की सबसे अनसुलझी पहेलियों में से एक पहेली मिस्र की रानी ‘क्लियोपेट्रा’ भी हैं. अपनी ख़ूबसूरती के लिए दुनियाभर में मशहूर क्लियोपेट्रा के बारे में कहा जाता है कि वो जितनी ख़ूबसूरत थीं उससे कहीं अधिक चतुर, षड्यंत्रकारी व क्रूर भी थीं.
इतिहासकारों का कहना क्लियोपेट्रा ने 51 ईसा पूर्व से 30 ईसा पूर्व तक मिस्र पर शासन किया था. वो मिस्र पर शासन करने वाली अंतिम शासक थीं.
ख़ूबसूरत ही नहीं शातिर भी थी क्लियोपेट्रा?
इतिहासकारों का कहना है कि क्लियोपेट्रो को 5 भाषाओं का ज्ञान था. वो बेहद चतुर व शातिर दिमाग़ महिला थीं. वो बेहद काम समय में किसी से भी जुड़कर उसके सारे राज जान लेती थीं. क्लियोपेट्रा के कई पुरुषों से संबंध थे. वो राजाओं और सैन्य अधिकारियों को अपनी सुंदरता के मोहपाश में बांधकर उनको ठिकाने लगा देती थी.
ख़ुद के भाई से ही करनी पड़ी जंग
क्लियोपेट्रा जब महज 17 वर्ष की थीं तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई थी. पिता की वसीयत के मुताबिक़ उन्हें व उनके छोटे भाई तोलेमी दियोनिसस को संयुक्त रूप से राज्य प्राप्त हुआ. जबकि मिस्र की प्रथा के अनुसार क्लियोपेट्रा अपने इस भाई की पत्नी होने वाली थीं, लेकिन राज्याधिकार के लिए हुए संघर्ष में उन्हें हार के बाद जान बचाकर सीरिया भागना पड़ा.
क्लियोपेट्रा ने अपने शासन और अस्तित्व को बचाने के लिए को क्या क्या किया वो जानना भी बेहद रोचक है-
जूलियस सीज़र ने क्लियोपेट्रा को मिस्र की रानी बनाने में की थी मदद
कहा जाता है कि भाई से दुश्मनी के बाद भी क्लियोपेट्रा ने साहस नहीं खोया. इसी दौरान जूलियस सीज़र अपने दुश्मन पोंपे का पीछा करता हुआ मिस्र आया. वहां उसने क्लियोपेट्रा को देखा और वो उसकी सुंदरता का कायल हो गया. इसके बाद जूलियस सीज़र क्लियोपेट्रा की ओर से युद्ध लड़ने और उसे मिस्र की रानी बनाने के लिए तैयार हो गया.
माना जाता है कि रोमन सम्राट जूलियस सीज़र और क्लियोपेट्रा के बीच संबंध थे. इस बीच उनका एक पुत्र भी हुआ, लेकिन रोमनों को ये संबंध पसंद नहीं था. रोमन जनता इसका पुरज़ोर विरोध किया.
इस दौरान जूलियस सीज़र ने तोलेमी से युद्ध कर उसे मार गिराया. इसके बाद क्लियोपेट्रा मिस्र के राजसिंहासन पर बैठीं. मिस्र की प्राचीन प्रथा के अनुसार वो अपने एक अन्य छोटे भाई के साथ मिलकर राज करने लगीं, किंतु शीघ्र ही उसने अपने इस छोटे भाई को ज़हर देकर मार डाला.
क्लियोपेट्रा के मार्क एंथोनी से संबंध
इस दौरान रोमन शासक जूलियस सीज़र के जनरल मार्क एंथोनी का क्लियोपेट्रा पर दिल आ गया. क्लियोपेट्रा को जब इस बात का पता चला तो दोनों अलेक्जेंडरिया में छुट्टियां मनाने चले गए. कहते हैं कि क्लियोपेट्रा से एंथोनी के 3 बच्चे हुए. कहा जाता है कि बाद में इन दोनों ने शादी भी की थी हालांकि, दोनों पहले से ही विवाहित थे.
जूलियस सीज़र की हत्या के बाद उसके वारिस गाएस ऑक्टेवियन सीज़र का जब एंथोनी ने विरोध किया तो उसके साथ क्लियोपेट्रा भी थीं. दोनों ने मिलकर रोमन साम्राज्य से टक्कर लेने की योजना बनाई, लेकिन इस दौरान ऑक्टेवियन सीज़र की सेना से इन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद क्लियोपेट्रा अपने 60 जहाजों के साथ युद्धस्थल छोड़ सिकंदरिया भाग आईं. क्लियोपेट्रा के प्यार में पागल एंथोनी भी उसके पीछे-पीछे भागकर सिकंदरिया चला आया.
क्लियोपेट्रा ने एंथोनी को भी दिया धोखा
कहा जाता है कि बाद में ऑक्टेवियन सीज़र के कहने पर क्लियोपेट्रा ने एंथोनी को भी धोखा देकर मार डाला. ऑक्टेवियन के कहने पर क्लियोपेट्रा एंथोनी की हत्या करने के लिए तैयार थी. इस दौरान उसने एंथोनी को बहला-फुसलाकर साथ-साथ मरने के लिए तैयार किया. योजना के मुताबिक़ क्लियोपेट्रा ने ख़ुद पहले जान देने की बात कही. इसके बाद एंथोनी ने इस भ्रम में कि क्लियोपेट्रा आत्महत्या कर चुकी है, अपने जीवन का अंत कर लिया।
अब ऑक्टेवियन सीज़र की बारी थी
इसके बाद क्लियोपेट्रा ने ऑक्टेवियन सीज़र को भी अपने रूप-जाल में फांसकर ख़ुद की जान बचाकर फिर से मिस्र की सत्ता प्राप्त करने की योजना में लग गयीं. लेकिन ऑक्टेवियन क्लियोपेट्रा की हर चाल से वाक़िफ़ था और वो उसके जाल में नहीं फंसा. कहा जाता है कि ऑक्टेवियन सीज़र ने किसी डंकवाले जंतु से क्लियोपेट्रा की हत्या कर दी. हालांकि, आज भी क्लियोपेट्रा की मौत को लेकर कई रहस्य हैं.
क्लियोपैट्रा की मौत आज भी रहस्य
क्लियोपेट्रा की मौत महज 38 वर्ष की उम्र में मौत हो गई थी. हालांकि, आज भी दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में क्लियोपेट्रा की मौत को लेकर लोगों के अलग-अलग तर्क हैं. किसी का कहना है कि Actium की जंग में हारने के बाद वो इतनी टूट गई थी कि उसने ख़ुद को सांप से डंसवा लिया. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि हार के बाद Augustus ने क्लियोपेट्रा की हत्या कर दी. जबकि कुछ लोगों का कहना है कि उनकी मौत अत्यधिक मात्रा में मादक पदार्थों के सेवन से हुई थी. हालांकि, आज भी इन रहस्यों का जवाब न तो किसी वैज्ञानिक और न ही किसी इतिहासकार के पास है के पास.
अनेक कलाकारों ने क्लियोपेट्रा की ख़ूबसूरती, रूप-रंग और उसकी मादकता पर कई शानदार चित्रकारी और मूर्तियां गढ़ीं. सिर्फ़ इतना ही नहीं साहित्य में वे इतनी लोकप्रिय हुईं कि अनेक भाषाओं के साहित्यकारों ने उन्हें अपनी कृतियों में मुख़्य नायिका बनाया. अंग्रेजी साहित्य में 3 नाटककारों- शेक्सपियर, ड्राइडन और बर्नाड शा ने अपने नाटकों में उनके व्यक्तित्व के कई पहलुओं का विस्तार किया. इससे पहले भी ‘क्लियोपेट्रा’ पर कई फ़िल्में भी बन चुकी हैं.
कहा जाता है कि क्लियोपेट्रा के भारत से काफ़ी अच्छे संबंध थे. वो भारत के गरम मसाले, मलमल और मोतीभरे जहाज के जहाज सिकंदरिया के बंदरगाह में ही ख़रीद लिया करती थीं.