प्यार जगह देखकर नहीं होता, इसका उदाहरण हैं पिछले 22 सालों से सीवर में घर बनाकर रहने वाला ये दम्पति

Rashi Sharma

आज हम आपके लिए लेकर आये हैं एक ऐसे दम्पति की कहानी जो पिछले 22 सालों से सीवर में अपनी ज़िन्दगी जी रहे हैं. लेकिन ऐसी क्या मजबूरी थी, जो उनको इतनी लम्बी अवधि तक सीवर में रहना पड़ा औ क्यों उन्होंने अपना कोई दूसरा घर नहीं बनाया? इनकी कहानी काफी दिलचस्प होने के साथ-साथ भावुक करने वाली भी है. तो आइये अब आते हिं इस दम्पति की रोचक कहानी पर.

इन दोनों की कहानी एक लव स्टोरी है और इस स्टोरी की शुरुआत कोलम्बिया की राजधानी मेडेलिन की सड़कों पर हुई थी. मारिया गार्सिया अपने पति मिगुएल रेस्ट्रेपो से पहली बार मेडेलिन की सड़कों पर ही मिली थीं.

लेकिन ऐसा क्या हुआ जो इन्होनें एकसाथ अपने जीवन के 22 साल सीवर में ही गुज़ार दिए.

जब मारिया की मुलाक़ात मिगुएल से हुई ही उस समय दोनों एक ही नव पर सवार थे, यानी कि दोनों एक ही स्थिति में थे. इन दोनों को ही ड्रग्स की बुरी लत थी. और इनकी ये लत इतनी बढ़ चुकी थी कि दोनों अपनी ज़िन्दगी ख़तम करने के बारे में सोच रहे थे. लेकिन कहते हैं न कि दो नेगटिव मिलकर पोज़िटिव रिजल्ट ही देते हैं. वही हुआ इन मारिया और मिगुएल के साथ. इस दोनों को मिला एक-दूसरे का साथ और छूट गई इनकी नशे की बुरी लत.

जब ये दोनों एक-दूसरे से मिले थे, तब इनकी ज़िन्दगी किसी जहन्नुम से भी बदतर थी. लेकिन एक-दूसरे से मिले और इनको प्यार हो गया और दोनों ने मेडेलिन की सड़कों पर ही रहना शुरू कर दिया। जहां इनोहने रहना शुरू किया वो जगह वहां होने वाली हिंसा और बड़े पैमाने पर नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए जानी जाती है.

उस समय इनको एक नाले (सीवर) में रहने की छत मिली और अब 22 सालों बाद भी ये दम्पति वहीं रह रहे हैं. उनका न ही कोई परिवार था और न ही हाथ में पैसे थे, इसलिए मारिया और मिगुएल एक-दूसरे का सहारा बन गए और शादी कर ली.

एक-दूसरे की ज़िन्दगी बनने के बाद इनके जीवन में काफ़ी सुधार हुआ. लेकिन सब कुछ सही होने के बावजूद भी इन्होंने सीवर को छोड़ने के बारे में कभी नहीं सोचा, बल्कि उसी को अपना आशियाना बनाने का फैसला किया.

इनका ये घर पूरी तरह से असाधारण है क्योंकि ये एक नाले में है, लेकिन इनके इस घर में ज़रूरत की सभी सुविधाएं मौजूद हैं. और पिछले 22 सालों से इनके प्यार ने इस बहुत ही खूसूरत बना दिया है.

इनके इस प्यारे से घर में बिजली भी आती है, लाइट भी जलती है, खाना भी बनता है और एक छोटा सा किचन भी है. इसके साथ ही घर के एक कोने में एक एंगल भी लगा हुआ है, जिस पर इनका छोटा सा टीवी रखा हुआ है. साथ ही इन्होंने अपने घर के इस कोने को खूबसूरती के साथ सजाया हुआ है. इनका ये घर देखने में लगता ही नहीं है कि ये एक सीवर में बना हुआ है.

इस दम्पति का मानना है कि ये जगह और लोकेशन शांतिपूर्ण है और ये शरह की भाग-दौड़ भरी व्यस्त लाइफ से बहुत दूर है. मारिया और मिगुएल के पास एक डॉग भी है, जिसका नाम ब्लैकी है. ब्लैकी इनका ऐसा साथी है, जो घर की रखवाली एक गार्जियन की तरह ही करता है.

अगर आप इनसे पूछेंगे कि क्या भविष्य में कभी सीवर में बने इस घर से बाहर निकल कर अपना नया घर बनाने का विचार है, तो इनका सीधा जवाब होगा, ‘No’.

किसी ने सच ही कहा है कि खुशियां जगह देखकर या घर का साइज़ देखकर नहीं आती हैं और इस बात का जीता-जागता उदाहरण है मारिया और मिगुएल का खुशियों से भरा हुआ सीवर में बना इनका छोटा और प्यारा सा घर.

मारिया और मिगुएल ने यहां ही ज़िन्दगी को जीने का सलीका सीखा है. उनके पास जो है और जितना है वो उसमें बहुत ख़ुश हैं और शायद इनकी यही सादगी इनको भीड़ से अलग दिखाती है.

हम आशा करते हैं कि ये दोनों सालों-साल अपने इस छोटे से, लेकिन खुशियों से भरे घर में हमेशा साथ-साथ खुशहाल जीवन बिताएं.

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